Ban On MP Patwari Bharti: मध्य प्रदेश में तमाम आरोपों (Vyapam Ghotala) के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj) में पटवारी भर्ती पर रोक लगा दी है. इसके बाद से विपक्ष हमलावर हो गया है और सीएम के आदेश को घोटाले की स्वीकारिता बता रहा है.
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MP Patwari Recruitment Update: भोपाल। मध्य प्रदेश में धांधली के आरोपों (Vyapam Ghotala) के बाद मध्य प्रदेश पटवारी भर्ती परीक्षा (Patwari Bharti) के आधार पर मुख्यमंत्री (CM Shivraj) द्वारा नियुक्ति में रोक लगा दी गई है. इस संबंध ने सीएम शिवराज सिंह चौहान का आदेश आया है. जिसमें उन्होंने मामले को गंभीरता से लेने की बात कही है. मुख्यमंत्री के इस आदेश के बाद कांग्रेस (Congress) सरकार पर हमलावर हो गई है और कह रही है कि अब सरकार ने खुद परीक्षा में हुई धांधली पर मुहर लगा दी है.
क्या था मामला
मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन मंडल (ईएसबी) द्वारा मार्च-अप्रैल में ग्रुप-2 (सब ग्रुप-4) और पटवारी भर्ती परीक्षा आयोजित कराई गई थी. इसके नतीजे आते ही इन्हें लेकर बड़ा विवाद हो गया है. कांग्रेस नेता अरुण यादव ने धांधली का आरोप लगाते हुए एक लिस्ट शेयर की थी, जिसमें पास हुए सभी लोगों ग्वालियर की NRI कॉलेज में परीक्षा दी थी. अरुण यादव ने इसे ‘व्यापम-2 घोटाला' नाम दिया था और मुख्यमंत्री से चांच की मांग की थी.
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मुख्यमंत्री का आदेश
मामला बढ़ते ही इस मामले में मुख्यमंत्री ने इस पर रोक लगाने और जांच कराने की बात कही है. सीएम ने ट्वीट किया 'कर्मचारी चयन मंडल द्वारा समूह-2, उप समूह-4 एवं पटवारी भर्ती परीक्षा के परीक्षा परिणाम में एक सेन्टर के परिणाम पर संदेह व्यक्त किया जा रहा है. इस परीक्षा के आधार पर की जाने वाली नियुक्तियां अभी रोक रहा हूं. सेन्टर के परिणाम का पुनः परीक्षण किया जाएगा.'
कांग्रेस ने साधा निशाना
मामला सामने आने के बाद से ही कांग्रेस सरकार पर हमलावर है. पूर्व मुख्यमंत्री कसलनाथ ने ट्वीट किया 'कर्मचारी चयन मंडल द्वारा आयोजित समूह-2, उप समूह-4 एवं पटवारी भर्ती परीक्षा के परिणाम में धांधली के समाचार सामने आने के बाद मुख्यमंत्री ने नियुक्तियां रोकने का फैसला कर यह स्वीकार कर लिया है कि इन परीक्षाओं में बड़े पैमाने पर धांधली और घोटाला हुआ है. मैं मुख्यमंत्री से स्पष्ट शब्दों में कहना चाहता हूं कि कोई भी फैसला ऐसा होना चाहिए जिसमें अभ्यर्थियों के साथ अन्याय नहीं हो.
नियुक्तियां रोकना एक बात है और असली दोषियों को पकड़ना दूसरी बात है. व्यापम और नर्सिंग घोटाले में भी सरकार ने इससे मिलती-जुलती कार्यवाही करके मामले पर पर्दा डालने की कोशिश की थी और सत्ताधारी दल से जुड़े मुख्य साजिशकर्ताओं को बचाया था. मध्य प्रदेश की जनता जानना चाहती है कि पटवारी भर्ती घोटाला के मुख्य कर्ता-धर्ता कौन हैं और उनका भारतीय जनता पार्टी से क्या संबंध है? और अगर संबंध है तो वह कानून के शिकंजे में कब आएंगे?
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CBI जांच की मांग
पटवारी भर्ती को लेकर सरकार के फैसले पर अरुण यादव का भी बयान सामने आया है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा 'अब खुद मुख्यमंत्री शिवराज जी ने स्वीकार किया है कि पटवारी भर्ती परीक्षा में घोटाला हुआ है. इसीलिए नियुक्ति तत्काल रोक दी है. इस पूरे मामले की सीबीआई से जांच करवाएं उससे कम कुछ भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. जब तक वास्तविक चेहरे बेनकाब नहीं होंगे हम चुप नहीं रहेंगें. वहीं नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह ने मामले में कठोर कार्रवाई की मांग की है.
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