Garlic rate: मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले की दलौदा मंडी में जब लहसुन 45 पैसे प्रति किलो बिका तो ये चर्चा का विषय बन गया. लहसुन की इतनी कम कीमत पर किसान खून के आंसू रो रहे हैं.
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MP में 45 पैसे बिका लहसुन: दाम गिरने के पीछे हैं ये दो कारण, कभी 300 पर था रेट
नई दिल्ली: लहसुन के बिना किचन में सब्जियों का जायका फीका ही रहता है. यही कारण है कि लहसुन का इस्तेमाल ज्यादातर घरों में होता है. आज से तीन साल पहले लहसुन का रेट 300 रुपये किलो तक था लेकिन आज इसकी कीमत ने किसानों को रुला दिया है. सबसे बड़े उत्पादक रतलाम, मंदसौर, नीमच, इंदौर की मंडियों में थोक में लहसुन 45 पैसे से 1 रुपये प्रति किलो खरीदा जा रहा है.
45 पैसे प्रति किलो में बिका लहसुन
लहसुन की कीमतों ने मालवा-निमाड़ सहित मध्यप्रदेश के किसानों को परेशान कर रखा है. सबसे बड़े उत्पादक रतलाम, मंदसौर, नीमच, इंदौर की मंडियों में थोक में लहसुन 45 पैसे से 1 रुपए प्रति किलो खरीदा जा रहा है. इससे गुस्साए किसानों ने लहसुन लाना ही बंद कर दिया है.
ये है कम रेट की वजह
जानकारी के अनुसार, इस बार एमपी में लहसुन का बंपर उत्पादन हुआ है. मौसम के कारण कई इलाकों में लहसुन की फसल बिगड़ गई है. इस कारण से खराब लहसुन के रेट्स नहीं मिल रहे हैं.
किसानों के गुस्से की ये है वजह
जानकारी के अनुसार, दलोदा ऐसी मंडी है, जहां एक किसान से 45 रुपये क्विंटल में लहसुन खरीदा गया यानी 45 पैसे प्रति किलो. ऐसा करने वाली यह इकलौती मंडी नहीं है. दलोदा के अलावा मनासा, मंदसौर, सैलाना, जावरा, सीहोर, सीतामऊ, शुजालपुर, मंदसौर, श्यामगढ़, रतलाम, महिदपुर, नीमच, नरसिंहगढ़, जावद, कालीपीपल, उज्जैन और इंदौर में भी 100 से लेकर 125 रुपए के आसपास लहसुन खरीदे गए हैं. यही किसानों के गुस्से की वजह बनी.
तीन साल पहले 300 रुपये किलो में बिका था लहसुन
बता दें कि 2019 में इसी लहसुन के भाव 300 रुपये किलो तक पहुंच गए थे. इस साल खराब और अच्छे लहसुन के रेट में भारी अंतर है. हालांकि अभी लहसुन रेट 8 से 9 रुपये किला चल रहा था लेकिन इसका दाम इतना गिर जाएगा, इसकी तो किसी को उम्मीद ही नहीं थी.
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