पूर्व मंत्री इमरती देवी और कांग्रेस विधायक सुरेश राजे का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. जिसमें दोनों नेता एक दूसरे पर पार्षदों की खरीदी-फरोख्त का आरोप लगाते नजर आ रहे हैं. यह वीडियो डबरा विधानसभा सीट के एक गांव का बताया जा रहा है.
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ग्वालियर। ग्वालियर जिले की डबरा विधानसभा सीट प्रदेश की चर्चित विधानसभा सीट मानी जाती है. इसी सीट से सियासी चिर प्रतिद्वंद्वी सिंधिया समर्थक पूर्व मंत्री इमरती देवी और कांग्रेस विधायक सुरेश राजे के बीच हुई नोंकझोंक का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. जिसमें दोनों एक-दूसरे पर स्थानीय निकाय चुनावों में पार्षदों की खरीद-फरोख्त का आरोप लगाते नजर आ रहे हैं.
दोनों में पार्षद खरीदने पर बहस
दरअसल, पूर्व मंत्री इमरती देवी और कांग्रेस विधायक सुरेश के बीच पार्षद खरीदने बेचने को लेकर जमकर बहस हो रही है. दोनों ही नेता एक दूसरे पर पार्षद खरीदने और बेचने का आरोप लगा रहे हैं. वायरल वीडियो में इमरती ने कहा कि कांग्रेस विधायक सुरेश राजे ने उनको छह पार्षद बेचे, दोनों नेताओं के बीच विवाद इतना ज्यादा था कि वायरल वीडियो में एक दूसरे के आरोप स्वीकारते हुए भी नजर आए. वहीं सुरेश राजे ने इमरती देवी को बिकाऊ बताया. पार्षद खरीद-फरोख्त का मामला सामने आने के बाद दोनों की तीखी प्रतिक्रिया सामने आई है.
यह है पूरा मामला
दरअसल, दोनों नेता डबरा विधानसभा क्षेत्र के सहराई गांव में पहुंचे थे, क्योंकि यहां बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा को खंडित होने का मामला था. दोनों नेताओं के पहुंचते ही सहराई गांव में भीड़ जमा हो गई. यहां जब दोनों नेताओं का आमना-सामना हुआ तो उनके बीच निकाय चुनाव में पार्षदों के खरीद फरोख्त को लेकर बहस शुरू हो गई. ''विधायक सुरेश राजे ने कहा कि तुमने पार्षद खरीदे हैं, इस पर इमरती देवी कहने लगीं तुमने पार्षदों को बेचा है. इसके बाद दोनों नेता भड़क गए और चिल्लाने लगे. दोनों नेताओं के बीच इस तीखी बहस का वीडियो वायरल हो रहा है'
चर्चित विधानसभा सीट है डबरा
ग्वालियर जिले की डबरा विधानसभा सीट प्रदेश की चर्चित विधानसभा सीट मानी जाती है. इस सीट पर 2018 के विधानसभा चुनाव तक इस सीट पर ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक इमरती देवी जीत दर्ज करती आ रही है. लेकिन इमरती देवी सिंधिया के साथ बीजेपी में आ गई थी. जिसके बाद उपचुनाव में कांग्रेस के सुरेश राजे ने इमरती देवी को 7,633 मतों के अंतर से हरा दिया था. इमरती देवी ने लगभग दो दर्जन अन्य कांग्रेस विधायकों के साथ भाजपा में शामिल हो गई थी और कांग्रेस से नाता तोड़ दिया था. बाद में उन्हें शिवराज सिंह चौहान मंत्रिमंडल में शामिल किया गया और भाजपा ने उन्हें ग्वालियर जिले के डबरा से मैदान में उतारा था.