PM Modi speech: पहले संसद में 95 मिनट लताड़ा फिर जाते-जाते विपक्षी सांसदों को कौन सा होमवर्क दे गए पीएम मोदी?
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PM Modi speech: पहले संसद में 95 मिनट लताड़ा फिर जाते-जाते विपक्षी सांसदों को कौन सा होमवर्क दे गए पीएम मोदी?

PM Modi Speech in Lok Sabha Today: पीएम मोदी ने लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर जवाब देते हुए न सिर्फ कांग्रेस बल्कि उस हर दल के सांसद को नसीहत दी जो बिना होमवर्क करके संसद में आकर आरोप-प्रत्यारोप का खेल खेलने लगते हैं. 

PM Modi speech: पहले संसद में 95 मिनट लताड़ा फिर जाते-जाते विपक्षी सांसदों को कौन सा होमवर्क दे गए पीएम मोदी?

PM Modi speech highlights: पीएम मोदी ने लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब दिया. इस दौरान उन्होंने कांग्रेस पर कई बार निशाना साधा. पीएम मोदी ने न सिर्फ कांग्रेस बल्कि उस हर दल के सांसद को नसीहत दी जो बिना होमवर्क करके संसद में आकर आरोप-प्रत्यारोप का खेल खेलने लगते हैं. अपने करीब 95 मिनट के भाषण में पीएम मोदी ने चुन-चुनकर विपक्ष के नेताओं को जवाब देते हुए जमकर फटकार और लताड़ लगाई. इसी दौरान पीएम मोदी ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी का नाम लिए बगैर जो बात कही उससे उन्होंने सभी नेताओं को नसीहत दे डाली जो हर मुद्दे पर बयानवीर बनकर बोलने लगते हैं.

दरअसल राहुल गांधी ने विदेश मंत्री और अमेरिकी राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह को लेकर कुछ ऐसी बातें की थीं, जिनका न कोई मतलब निकल रहा था, न कोई सिरा मिल रहा था. वो मोदी सरकार को घेरने के लिए बस आरोप लगाते जा रहे थे. एक जगह उन्होंने ये कहा- हमारी सरकार में कोई विदेश मंत्री दूसरे देश के शपथ ग्रहण समारोह में इनवाइट करने के लिए नहीं कहता. अरे 2014 से बीजेपी की सरकार है, मोदी प्रधानमंत्री है, ऐसे में अपनी सरकार कहकर मिसाल देना बहुत से लोगों को अच्छा नहीं लगा. इसी तरह राहुल गांधी ने संसद में दिए अपने भाषण में 34 बार चीन का नाम लिया था. उसके बाद भी बीजेपी ने राहुल गांधी की स्पीच का वीडियो एक्स (X) पर शेयर करके उनकी विदेश नीति की समझ पर सवाल उठाए थे.

इसी वजह से उन्होंने ये कहा कि जब किसी मुद्दे पर ज्ञान हो, समझ हो तभी बोलना चाहिए, वरना दूसरों को खिल्ली उड़ाने का मौका मिल जाता है. 

पीएम मोदी ने दिया होमवर्क

पीएम मोदी ने कहा कि राष्ट्रपति के भाषण के समय यहां विदेश नीति की भी चर्चा हुई. कुछ लोगों को लगता है कि वो विदेश नीति पर नहीं बोलते तबतक वो मेच्योर नहीं लगते इसलिए उनको लगता है कि विदेश नीति तो बोलना चाहिए फिर भले ही देश का का नुकसान हो जाए. मैं ऐसे लोगों को जरा कहना चाहता हूं अगर उन्हें सच में विदेश नीति में रूचि है और विदेश नीति को समझना है और आगे जाकर कुछ करना भी है, ये मैं शशि जी के लिए नहीं कह रहा हूं, मैं ऐसे लोगों को कहूंगा कि एक किताब जरूर पढ़ें, फिर उन्हें कहां क्या बोलना है समझ हो जाएगी.

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पीएम मोदी ने लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए राहुल गांधी और विपक्ष को एक किताब 'JFK's Forgotten Crisis' पढ़ने की सलाह भी दी. पीएम मोदी ने अपनी बात आगे बढ़ाते हुए कहा, 'JFK Forgotten Crisis ये जेएफ कैनेडी पर किताब है. ये किताब एक प्रसिद्ध विदेश नीति के विद्वान ने लिखी है. उसमें अहम घटनाओं का जिक्र है. इस किताब में भारत के पहले पीएम और वो विदेश नीति का भी नेतृत्व करते थे. इस किताब में पंडित नेहरू और कैनेडी के बीच हुई चर्चाओं और निर्णय का जिक्र है. जब देश ढेर सारी चुनौतियों का समाना कर रहा था तब ये विदेश नीति के नाम पर क्या खेल हो रहा था उस किताब के माध्यम से सामने आ रहा है'. 

'शशि थरूर काबिल नेता हैं'

कांग्रेस पार्टी के सांसद शशि थरूर बहुत ज्यादा पढ़े लिखे और हाईली स्कॉलर नेता हैं. विदेश नीति पर उनकी अच्छी समझ है. वो अक्सर विदेश दौरे पर जाते रहते हैं. वहां वो कभी कुछ ऐसा नहीं बोलते जिससे विवाद होता हो, जबकि उन्ही की पार्टी के नेता राहुल गांधी विदेश में जाकर भारत विरोधी बाते करने लगते हैं, उनके बयानों को लेकर राहुल गांधी अक्सर ट्रोल होते रहते हैं. यही वजह है कि पीएम मोदी ने राहुल गांधी को आइना दिखाते हुए कहा, 'ये मैं शशि जी के लिए नहीं कह रहा हूं, मैं ऐसे लोगों को कहूंगा कि एक किताब जरूर पढ़ें, फिर उन्हें कहां क्या बोलना है समझ हो जाएगी.'

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शशि थरूर की मिसाल पीएम मोदी ने इसलिए दी क्योंकि थरूर एक समझदार नेता हैं, अहम विषयों को समझते हैं, अंग्रेजी भाषा पर उनका अच्छा कमांड है. कई विषयों की समझ रखते हैं. जबकि उन्ही की पार्टी के सिरमौर नेता और लोकसभा में एलओपी बस आरोप लगाकर आगे निकल जाते हैं.

पीएम मोदी की नसीहत का लब्बोलुआब ये था कि राहुल गांधी हो या कोई अन्य सांसद वो किसी मुद्दे को पढ़कर समझने के बाद आरोप लगाया करें, ना कि हिट एंड रन केस की तरह आरोप लगाया और भाग गए. आपको बताते चलें कि सियासी बयानबाजी में इस हिट एंड रन के टर्म की शुरुआत करीब 12 साल पहले हुई थी, जब आम आदमी पार्टी का जन्म होने से पहले अरविंद केजरीवाल कांग्रेस और बीजेपी के नेताओं पर आरोप लगाकर हट जाते थे, सबूत मांगने पर अगले दिन नया आरोप लगा देते थे. हालांकि इस आदत की वजह से उन्हें माफीनामा देने के साथ कुछ नेताओं से माफी तक मांगनी पड़ी थी.

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