सैनी आरक्षण समिति के संयोजक मुरारी सैनी ने 12 फीसदी आरक्षण की मांग को लेकर गत 12 जून को अपने समर्थकों के साथ धरना दिया था. इससे खफा होकर राज्य सरकार ने 13 जून को उसके बेटे राजवीर और भतीजी ममतेश कुमारी का तबादला भरतपुर से करीब सात सौ किलोमीटर दूर जालोर और बाड़मेर कर दिया.
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Jaipur: राजस्थान हाईकोर्ट ने तृतीय श्रेणी शिक्षकों का भरतपुर से जालोर और बाड़मेर किए तबादलों पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही अदालत ने प्रमुख शिक्षा सचिव और माध्यमिक और प्रारंभिक शिक्षा निदेशक से जवाब तलब किया है. जस्टिस सुदेश बंसल की अवकाशकालीन एकलपीठ ने यह आदेश राजवीर सिंह सैनी और ममतेश कुमारी की याचिका पर दिए.
याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि सैनी आरक्षण समिति के संयोजक मुरारी सैनी ने 12 फीसदी आरक्षण की मांग को लेकर गत 12 जून को अपने समर्थकों के साथ धरना दिया था. इससे खफा होकर राज्य सरकार ने 13 जून को उसके बेटे राजवीर और भतीजी ममतेश कुमारी का तबादला भरतपुर से करीब सात सौ किलोमीटर दूर जालोर और बाड़मेर कर दिया. जबकि नियमानुसार तृतीय श्रेणी शिक्षक का जिले से बाहर तबादला नहीं किया जा सकता.
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इसके अलावा तबादला करने से पहले पंचायती राज विभाग की सहमति भी लेना जरुरी है. जबकि याचिकाकर्ताओं के मामले में पंचायती राज से सहमति नहीं ली गई. याचिका में यह भी कहा गया कि सरकार के खिलाफ प्रदर्शन को लेकर तबादला नहीं किया जा सकता.
इसके अलावा यदि परिवार में किसी ने प्रदर्शन में भाग लिया है, तो दूसरे सदस्य के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जा सकती. ऐसे में याचिकाकर्ता के तबादला आदेशों पर रोक लगाई जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने तबादला आदेशों की क्रियान्विति पर रोक लगाते हुए संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.
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Reporter- Mahesh Pareek