Rajasthan News: जयपुर-छुआछूत और ऊंच-नीच के विचारों को खत्म करने के लिए राजस्थान में इंटर कास्ट मैरिज को बढावा दिया जा रहा है. राज्य में अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना में बड़ी तादाद में आवेदन आ रहे है.
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Rajasthan News: जयपुर-छुआछूत और ऊंच-नीच के विचारों को खत्म करने के लिए राजस्थान में इंटर कास्ट मैरिज को बढावा दिया जा रहा है. राज्य में अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना में बड़ी तादाद में आवेदन आ रहे है. इसी तरह से सरकार शादियों में फिजूल खर्च को रोकने के लिए सामूहिक विवाहों को भी बढ़ावा दे रही.
जातिगत भेदभाव को खत्म करने और सामाजिक सौहार्द बढ़ाने के मकसद से राज्य की भजनलाल सरकार का सविता बेन अम्बेडकर अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना को बढावा दे रही. अनुसूचित जाति वर्ग के युवक युवती,जिनके द्वारा किसी सवर्ण हिंदू युवक या युवती से विवाह करने पर उन्हें 10 लाख रुपए की राशि देकर प्रोत्साहित किया जा रहा है.
यह प्रोत्साहन राशि पहले केवल पांच लाख रुपए हुआ करती थी, जिसे अब दस लाख रुपए तक राशि दी जाने लगी.इस योजना के पात्रों 200 युवक युवतियों को इसका लाभ मिल चुका है. यानी 20 करोड इस योजना में अब तक खर्च हो चुके. जबकि बड़ी संख्या में आवेदन प्रक्रियाधीन है.
योजना का लाभ लेने के लिए विवाह के 1 महीने के भीतर आवेदन करने पर लाभार्थी को प्रोत्साहन राशि दे दी जाती है. अंतरजातीय विवाह करने वाले युवक युवतियों की शाही के प्रमाण के तौर पर सक्षम प्राधिकरण या अधिकारी कार्यालय से जारी विवाह पंजीयन प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होता है. इसके लिए युवक युवती की संयुक्त आय 2.50 लाख रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए. इस स्कीम के तहत मिलने वाली राशि 10 लाख रुपए दो हिस्सों में दी जाती है. 5 लाख रुपए दोनों जॉइंट अकाउंट में डाले जाते है और बाकी के 5 लाख की रकम को 8 वर्ष के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट में रखा जाता है.
यहीं नहीं शादियों पर होने वाले खर्चे से मुक्ति, दहेज प्रथा और बाल विवाह पर रोक के लिए भी राजस्थान सरकार कवायद कर रही है. राजस्थान में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह अनुदान योजना के तहत सामूहिक विवाह कराने वाली आयोजन संस्था को दस लाख तक की आर्थिक सहायता दी जा रही है. इन योजनाओं के जरिए सामाजिक कल्याण की दिशा में सरकार कदम बढा रही है.