Rajasthan Politics News: राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम और कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने बुधवार को प्रेस वार्ता की. इस दौरान पायलट ने भजनलाल सरकार की कार्यप्रणाली पर कई सवाल खड़े किए. साथ ही कई मुद्दों को लेकर तीखा हमला भी बोला.
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Rajasthan News: कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने प्रेस वार्ता करते हुए कहा कि सरकार ने बिना सोचे समझे समय गंवाया गया. अब हाई कोर्ट परीक्षा के मामले में दखल दे रही है, तब सरकार जाग रही है. हाई कोर्ट के कल के स्टेटमेंट के बाद तो कोई कारण नहीं रहा कि सरकार RPSC के मामले में कोई कार्रवाई न करें.
टेलीफोन टेप मामले पर सचिन पायलट ने कहा कि सरकार का मंत्री ही सरकार पर फोन टैपिंग का आरोप लगा रहा है. इस पर सरकार को जवाब देना चाहिए. सरकार के मंत्री की अलग जिम्मेदारी है. सरकार के मंत्री का बयान सरकार का बयान माना जाता है. लोकतंत्र में कलेक्टिव रिस्पांसिबिलिटी की बात होती है. कैबिनेट का एक-एक मंत्री खुद सरकार है. ऐसे में सरकार ही कह रही है कि फोन टेप हो रहा है.
सचिन पायलट ने ERCP को लेकर कहा कि इस पर सरकार को सदन में स्थिति साफ करनी चाहिए. घड़साना में चल रहे किसानों के आंदोलन को लेकर सचिन पायलट ने कहा कि पहले भी यहां किसानों की पर्याप्त पानी की मांग रही है. सरकार तत्काल किसानों की इस मांग पर ध्यान दे. किसानों की हर जायज मांग पूरी होनी चाहिए. फसल के लिए पानी छोड़े जाने की पैरवी की.
मणिपुर के तत्कालीन मुख्यमंत्री एन वीरेन सिंह के इस्तीफे पर सचिन पायलट ने कहा कि दिल्ली में बुलाकर, वहां मणिपुर के मुख्यमंत्री से इस्तीफा लिया गया. जब वहां सिविल वॉर चल रहा था, मुख्यमंत्री के इस्तीफा की मांग हो रही थी, तब इस्तीफा नहीं लिया गया. लेकिन सिर्फ सत्ता में बने रहने के लिए अब मणिपुर के मुख्यमंत्री का इस्तीफा ले लिया गया. भाजपा सिर्फ सत्ता में बने रहने का प्रयास कर रही है. इसके लिए वह हर हथकंडा अपनाने को तैयार है.
सचिन पायलट ने की खाली पड़े पदों पर भर्तियां करने का अभियान चलाने की मांग की. कई पद राज्य सरकार में खाली पड़े हैं. अलग–अलग विभागों में ऐसी स्थिति बनी है. सरकार ने 4 साल में 4 लाख पदों पर भर्ती की बात कही थी, लेकिन उस रफ्तार से काम नहीं चल रहा. जिले निरस्त करने के मामले में सचिन पायलट ने कहा कि सरकार एक मापदंड तय करती. उस आधार पर संभाग और जिले में बदलाव कर सकते थे. कोई सीमा, जनसंख्या, जिला मुख्यालय या संभाग मुख्यालय से दूरी या कोई और दूसरे मापदंड तय किए जा सकते थे, लेकिन केवल शक्ल देखकर या मनमर्जी से ऐसे फैसले नहीं किए जा सकते.
तत्कालीन शिवचरण माथुर सरकार पर एनकाउंटर की मंशा के आरोप को पायलट ने खारिज करते हुए कहा कि आज दुनिया में ना माथुर साहब हैं, ना शेखावत जी. पार्टी का विधायक मीडिया में बोलता है और उस पर चर्चा होती है, यह निंदनीय है. यह बात कही होगी, सुनी होगी या ना भी हो, उसका जिक्र करके आरोप लगाना गलत बात है. पायलट ने बात का खंडन करते हुए कहा कि उम्मीद करता हूं कि ऐसी बात ना बोले कि किसी के ऊपर मिथ्या आरोप लगाए जाएं. आप डॉक्टर किरोड़ी मीणा के फोन टैपिंग प्रकरण से ध्यान डाइवर्ट करने के लिए एनकाउंटर जैसे आरोप लगा रहे हैं. यह सब हवाई बातें हैं, इसमें कोई तथ्य नहीं है. बीजेपी को स्पष्ट करना चाहिए कि उनके विधायक ने जो बोला है क्या उससे पार्टी भी सहमत है? अगर सहमत है तो तथ्य रखनी चाहिए, नहीं तो माफी मांगनी चाहिए.
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