अखाड़ों में कौन सबसे पढ़ा लिखा, डॉक्टर-प्रोफेसर से लेकर इंजीनियरों की पूरी फौज
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अखाड़ों में कौन सबसे पढ़ा लिखा, डॉक्टर-प्रोफेसर से लेकर इंजीनियरों की पूरी फौज

Maha kumbh 2025 GK Quiz: अखाड़ों और साधुओं के बारे में तो आप जानते  ही हैं. क्या आप ये जानते हैं कि आश्रम, मठों और जंगलों में रहने वाले ये बाबा कितने शिक्षित होते हैं. पढ़िए इसके बारे में... 

Maha kumbh 2025 GK Quiz

Maha kumbh 2025 GK Quiz: साधु-संतों को लेकर अक्सर लोगों के दिमाग में जो पहली बात आती है, वो ये कि वो ज्यादा पढ़े-लिखे नहीं होते हैं या अगर होते भी हैं तो उन्हें शायद संस्कृत और हिंदी का ज्यादा ज्ञान होता है,अंग्रेजी तो साधु बिल्कुल नहीं जानते होंगे. ऐसा नहीं है, साधु-संत भी शिक्षित होते हैं. महाकुंभ चल रहा है और यहां पर आपको आईआईटीयन वाले संत भी मिल जाएंगे. बहुत से ऐसे बाबा है जो मोबाइल पर काफी एक्टिव रहते हैं. क्या आप जानते हैं 13 अखाड़ों में सबसे ज्यादा पढ़ा लिखा कौन सा अखाड़ा है. आइए जानते हैं इससे आपकी जानकारी महाकुंभ और साधुओं को लेकर मजबूत हो जाएगी.

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भारत में 13 अखाड़े
भारत में 13 अखाड़े हैं पर एक ऐसा अखाड़ा भी है, जहां के साधु-संत सबसे ज्यादा पढ़े-लिखे हैं.  वो जितनी अच्छी संस्कृत बोलते हैं, उतनी ही अच्छी वो अंग्रेजी भी बोलते हैं. इस अखाड़े का नाम है निरंजनी अखाड़ा. आइए पढ़िए इस अखाड़े के बारे में.

अखाड़े में डॉक्टर से लेकर प्रोफेसर 
 निरंजनी अखाड़ा की स्थापना सन् 904 में विक्रम संवत 960 कार्तिक कृष्णपक्ष दिन सोमवार को गुजरात के मांडवी नामक जगह पर हुई थी.इस अखाड़े का पूरा नाम श्री पंचायती तपोनिधि निरंजन अखाड़ा है. इसका मुख्य आश्रम मायापुर, हरिद्वार में स्थित है.अगर साधुओं की संख्या की बात की जाए तो निरंजनी अखाड़ा देश के सबसे बड़े और प्रमुख अखाड़ों में है. जूना अखाड़े के बाद उसे सबसे ताकतवर माना जाता है. वो देश के 13 प्रमुख अखाड़ों में एक है.

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करीब 70 फीसदी साधु-संत उच्च शिक्षित
 मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस अखाड़े के करीब 70 फीसदी साधु-संतों ने उच्च शिक्षा प्राप्त की है, जिसमें डॉक्टर से लेकर प्रोफेसर, लॉ एक्सपर्ट, संस्कृत के विद्वान और आचार्य शामिल हैं.

स्वामी आनंदगिरि नेट क्वालिफाइड
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इस अखाड़े के एक संत स्वामी आनंदगिरि नेट क्वालिफाइड हैं. वह देश-विदेश के विश्वविद्यालयों में लेक्चर भी दे चुके हैं, जिसमें आईआईटी खड़गपुर, आईआईएम शिलांग, कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और सिडनी यूनिवर्सिटी शामिल हैं. वह गेस्ट लेक्चरर के तौर पर अहमदाबाद भी जाते रहते हैं. ये पीएचडी भी कर रहे हैं.

निरंजनी अखाड़े के स्कूल-कॉलेज
इस अखाड़े के एक श्रीमहंत के मुताबिक, निरंजनी अखाड़ा इस समय इलाहाबाद और हरिद्वार में पांच स्कूल-कॉलेजों को चला रहा है. इन स्कूल-कॉलेजों के मैनेजमेंट से लेकर सारी व्यवस्थाएं इस अखाड़े के संत ही संभालते हैं. इसके साथ ही छात्रों को शिक्षा देने का काम भी इसी अखाड़े के संत ही करते हैं.

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अखाड़े में 10 हजार से अधिक सन्यासी
एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस अखाड़े में फिलहाल 10 हजार से अधिक नागा संन्यासी हैं, जबकि महामंडलेश्वरों की संख्या 33 है. वहीं, इस अखाड़े में महंत और श्रीमहंतों की संख्या एक हजार से भी अधिक है. 

 कितनी संपत्ति है निरंजनी अखाड़े के पास?
प्रयागराज और आसपास के इलाकों में निरंजनी अखाड़े के मठ, मंदिर और जमीन की कीमत 300 करोड़ से ज्यादा की है, जबकि हरिद्वार और दूसरे राज्यों में संपत्ति की कीमत जोड़ें तो वो हजार करोड़ के पार है. इस अखाड़े के  प्रमुख महंत नरेंद्र गिरि इसी अखाड़े थे. निरंजनी के अखाड़े के पास प्रयागराज, हरिद्वार, नासिक, उज्जैन, मिर्जापुर, माउंटआबू, जयपुर, वाराणसी, नोएडा, वड़ोदरा में मठ और आश्रम हैं.

डिस्क्लेमर
लेख में दी गई ये जानकारी सामान्य स्रोतों से इकट्ठा की गई है. इसकी प्रामाणिकता की पुष्टि स्वयं करें. एआई के काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.

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