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Dosawala Video: जहां चटपटों के किंग पानीपुरी वाले अंकल कमाई में कॉर्पोरेट वालों को पीछे छोड़ रहे हैं, वहीं अब लोग बिजनेस की तरफ हाथ आजमा रहे हैं. आजकल सोशल मीडिया पर ऐसे वीडियोज वायरल हो रहे हैं जो दिखाते हैं कि कैसे सड़क किनारे खोमचे लगाकर छोटा-मोटा व्यापार करने वाले लोग खूब कमाई कर रहे हैं. हमारे रोजमर्रा के पानीपुरी वाले, गोलगप्पे वाले, समोसा वाले और ना जाने कितने और छोटे-बड़े स्ट्रीट वेंडर्स, जो अपनी मेहनत और लगन से अच्छा खासा पैसा कमा रहे हैं. इन वीडियोज में बताया जाता है कि कैसे ये लोग एक दिन में जो कमा लेते हैं, वो कई कॉर्पोरेट कर्मचारियों की तनख्वाह से भी ज़्यादा होता है. कुछ ऐसी ही एक और कहानी सामने आई है. यह वाकई में चौंकाने वाला और सोचने वाला विषय है.
कॉर्पोरेट वालों की खिल्ली उड़ा रहा स्ट्रीट वेंडर
सोशल मीडिया पर इन दिनों एक फटाकेदार वीडियो वायरल हो रहा है. एक स्ट्रीट वेंडर अपनी कमाई पर कॉर्पोरेट वालों की खिल्ली उड़ा रहा है. वीडियो में वो मजाकिया अंदाज में कहता है कि उसने जिंदगी में कभी पढ़ाई नहीं की और वह उनके जैसा कॉर्पोरेट नौकरी से 30,000-40,000 रुपये नहीं कमाता. वीडियो शुरू होता है इस डोसा बनाने वाले दुकानदार से, जो डोसा सेंक रहा है. वो कैमरे पर अमूल मक्खन का पैकेट दिखाते हुए वीडियो बनाने वाले से असली है कि नहीं ये देखने की चुनौती देता है. वो हल्के-फुल्के अंदाज़ में कहता है, "मैं ज़्यादा पढ़ा-लिखा नहीं हूं".
Itna bhi sach nhi bolna tha uncle pic.twitter.com/ojjPcAaY8p
— Ashman kumar Larokar (@ASHMANTWEET) January 10, 2024
मजाकिया अंदाज में कॉर्पोरेट वालों पर तंज कसा
वीडियो में स्ट्रीट वेंडर फिर से एक मजाकिया अंदाज में कॉर्पोरेट वालों पर तंज कसता है. वो कहता है, "मैं ज़्यादा पढ़ा-लिखा नहीं हूं, इसलिए मैं इतना कमा रहा हूं. वरना मैं भी कोई 30,000-40,000 रुपये की नौकरी कर रहा होता." वो कहता है कि कॉर्पोरेट लोग हर महीने 30,000-40,000 रुपये कमाते हैं, लेकिन उन्हें अपनी नौकरी में बहुत मेहनत करनी पड़ती है. वो सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक काम करते हैं और फिर भी उन्हें पैसे कमाने के लिए बहुत संघर्ष करना पड़ता है. इसके बजाय, स्ट्रीट वेंडर अपनी खुद की नौकरी कर रहा है और अपनी मेहनत के दम पर अच्छा खासा पैसा कमा रहा है.
लोगों को ये वीडियो बहुत पसंद आ रहा है क्योंकि इसमें स्ट्रीट वेंडर की सचाई और आत्मविश्वास झलकता है. वो दिखाता है कि शिक्षा ही सफलता की कुंजी नहीं है, बल्कि मेहनत और लगन भी बहुत मायने रखती है.