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Mahatma Gandhi Beer Can: सोशल मीडिया पर कुछ ऐसी तस्वीरें सामने आई हैं जिनमें एक बीयर कैन पर महात्मा गांधी का चेहरा दिखाया गया है, जिससे एक नया विवाद खड़ा हो गया है. सुपर्णो सत्पथी द्वारा एक्स (ट्विटर) पर शेयर की गई तस्वीरों के अनुसार, रूस के एक बीयर ब्रांड रेवोर्ट ने गांधी जी की तस्वीर को पैकेजिंग के एक हिस्से के रूप में इस्तेमाल किया है. सत्पथी ने एक्स पर बीयर के डिब्बों की तस्वीरें शेयर करते हुए लिखा, "प्रधानमंत्री @narendramodi जी से मेरा विनम्र अनुरोध है कि वे इस मामले को अपने दोस्त @KremlinRussia_E के साथ उठाएं. यह पाया गया है कि रूस की रेवोर्ट गांधी जी के नाम से बीयर बेच रही है."
सोशल मीडिया पर बहस
सुपर्णो सत्पथी के पोस्ट पर एक सोशल मीडिया यूजर ने जवाब दिया, "चौंकाने वाला और अस्वीकार्य. एक रूसी शराब भठ्ठी, रेवोर्ट "महात्मा जी" नाम से बीयर बेच रही है, जो महात्मा गांधी की विरासत का मजाक उड़ा रही है. शांति और संयम के प्रतीक. यह भारत के मूल्यों और एक अरब भारतीयों का अपमान है. मैं पीएम @narendramodi और @DrSJaishankar जी से आग्रह करता हूं कि वे इस मामले को @mfa_russia के साथ उठाएं. गांधी जी शराब का ब्रांड नहीं हैं. इसे बंद किया जाना चाहिए."
एक अन्य ने जवाब दिया, "जब तक बीयर हानिरहित रूप से बनाई जाती है." एक तीसरे यूजर ने जवाब दिया, "और यह समस्या क्यों है?" एक एक्स यूजर ने मजाक में लिखा, "यह महात्मा गांधी को अब तक की सबसे बड़ी श्रद्धांजलि है. किसी को उनके पवित्र नाम से व्हिस्की और रम भी पेश करनी चाहिए." एक अन्य एक्स यूजर ने कहा, "मुझे लगता है कि यह अच्छा है. पहली बार वह सही जगह पर हैं. क्योंकि देश का ऐसा बंटवारा (भारत-पाक) कोई नशे में ही कर सकता है."
पोस्ट के जवाब में एक यूजर ने लिखा, "वाह, उपभोक्ताओं को यह याद दिलाने का इससे बेहतर तरीका क्या हो सकता है कि यह बीयर हानिकारक है!" एक तीसरे जवाब में लिखा था, "ऐसा लगता है कि एमके गांधी ने कई चीजों का आनंद लिया जो लोगों को अज्ञात थीं."
सोशल मीडिया पर बहस छिड़ी
इन तस्वीरों के सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई है. कुछ लोग इसे महात्मा गांधी का अपमान बता रहे हैं, तो कुछ लोग इसे सामान्य घटना बता रहे हैं. कुछ यूजर्स ने इस पर मजाकिया टिप्पणियां भी की हैं. हालांकि, इस बात में कोई दोराय नहीं की महात्मा गांधी हमारे राष्ट्रपिता हैं और उनकी तस्वीर का इस तरह इस्तेमाल करना सही नहीं है. इस मामले में सरकार की प्रतिक्रिया का भी इंतज़ार है.