इंजीनियर ने की बेटे की किडनैपिंग तो मां बन गई CID और ऐसे ढूंढ लाई अपने लाडले को; देखें Video
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इंजीनियर ने की बेटे की किडनैपिंग तो मां बन गई CID और ऐसे ढूंढ लाई अपने लाडले को; देखें Video

Jaipur Police Found Anuj: जयपुर के ब्रह्मपुरी क्षेत्र के निवासी अनुज 18 अगस्त को अपने दोस्त सोनी के साथ नाहरगढ़ पहाड़ियों पर गया था, जब कुछ लोगों ने उसे उस जगह पर देखा. उसके पहनावे के कारण मान लिया कि वो एक धनी परिवार से है, इसलिए उन्होंने उसका अपहरण करने का फैसला किया.

 

इंजीनियर ने की बेटे की किडनैपिंग तो मां बन गई CID और ऐसे ढूंढ लाई अपने लाडले को; देखें Video

Jaipur Police Kidnapping Case: जयपुर पुलिस ने बीते मंगलवार को नाहरगढ़ किले से एक युवक के अपहरण के मामले का खुलासा किया और ऑपरेशन चेकमेट के तहत उसे हिमाचल प्रदेश में सफलतापूर्वक ट्रैक कर लिया. पुलिस ने एक महिला सहित पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जबकि एक अन्य आरोपी फरार है. पुलिस ने कहा कि फरार आरोपी को पकड़ने के प्रयास जारी हैं. जयपुर पुलिस के सोलन में पीड़ित से मिलने के बाद जहां उसे बंधक बनाया गया था, उसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है.

जयपुर के ब्रह्मपुरी क्षेत्र के निवासी अनुज 18 अगस्त को अपने दोस्त सोनी के साथ नाहरगढ़ पहाड़ियों पर गया था, जब कुछ लोगों ने उसे उस जगह पर देखा. उसके पहनावे के कारण मान लिया कि वो एक धनी परिवार से है, इसलिए उन्होंने उसका अपहरण करने का फैसला किया. वे उससे मिले, उसके मुंह को टेप किया, उसके हाथ और पैर को बांध दिया, और उसका अपहरण कर लिया. अपहरणकर्ता अनुज को एक कार में ले गए, उसके दोस्त पर हमला किया और उसे रास्ते में छोड़ दिया.

 

 

जब देर हो गई और अनुज घर नहीं लौटा तो उसके माता-पिता ने लापता व्यक्ति की रिपोर्ट दर्ज कराई. इसके बाद पुलिस ने उसके दोस्त सोनी से पूछताछ की और ड्रोन का यूज करके नाहरगढ़ पहाड़ियों की खोज की. अनुज को खोजने के लिए ऑपरेशन के हिस्से के रूप में कई पुलिस टीमों को तैनात किया गया था, जिसे पुलिस मानती थी कि उसका अपहरण कर लिया गया था.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अनुज की मां को अपहरणकर्ताओं से फिरौती का फोन आया, जिन्होंने उनके बेटे को रिहा करने के बदले उनसे 20 लाख रुपये की मांग की. परिवार ने समय मांगा क्योंकि उनके पास इतना पैसा नहीं था. फिर मां ने पुलिस को कॉल के बारे में सूचित किया, जिसके बाद अपहरणकर्ताओं का फोन नंबर ट्रैकिंग पर लगा दिया गया. अपहरणकर्ता गिरफ्तारी से बचने के लिए लगातार अपना स्थान बदलते रहे, जिससे पुलिस के लिए उनके ठीक-ठीक स्थान का पता लगाना चुनौतीपूर्ण हो गया. एक दिन उन्होंने मां को फिर से फोन किया और उन्हें पैसे लाने और कालका-शिमला एक्सप्रेस ट्रेन के अंतिम डिब्बे में बैठने का निर्देश दिया.

पुलिस टीमों को इस बारे में जानकारी दी गई थी और अपहरणकर्ताओं को पकड़ने के लिए टीमों को रणनीतिक रूप से ट्रेन रूट के साथ तैनात किया गया था. जब अपहरणकर्ताओं ने परिवार से धर्मपुर रेलवे स्टेशन के पास पैसा का बैग फेंकने के लिए कहा, तो पुलिस ने उस व्यक्ति को पकड़ लिया जो वहां इंतजार कर रहा था.

बाद में पुलिस ने उससे पूछताछ की, जिससे उन्हें सोलन में अन्य साथी मिले. पुलिस के अनुसार, अपराध का मास्टरमाइंड विरेंद्र सिंह था, जो एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर है. उसने ज्यादा पैसा एक साथ बनाने के लिए दूसरों के साथ अपहरण और फिरौती की प्लानिंग की थी. गिरफ्तार किए गए पांच आरोपियों में विरेंद्र सिंह, विनोद, अमित कुमार, जितेंद्र भंडारी और जमुना सरकार शामिल हैं. अपहरण में शामिल एक अन्य व्यक्ति को गिरफ्तार करने के प्रयास चल रहे हैं.

अनुज को आखिरकार 27 अगस्त को जयपुर पुलिस ने बचा लिया. जब पुलिस उसके पास पहुंची तो वह एक होटल में सो रहा था. वायरल हुए वीडियो में पुलिसकर्मियों को अनुज को जगाते हुए देखा जा सकता है, उसे बता रहे हैं कि वह सुरक्षित है और वे उसे बचाने आए थे. पुलिस आयुक्त बिजू जॉर्ज जोसेफ ने कहा कि विभिन्न विभागों की एक मेहनती और पेशेवर टीम ने इस चुनौतीपूर्ण मामले को सुलझाने में उनकी मदद की.

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