ISI का स्मगलिंग नेटवर्क, नार्को आतंकवाद और खालिस्तान आंदोलन को दे रहा हवा, रिपोर्ट में खुलासा
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ISI का स्मगलिंग नेटवर्क, नार्को आतंकवाद और खालिस्तान आंदोलन को दे रहा हवा, रिपोर्ट में खुलासा

Punjab News: रिटायर्ड पाकिस्तानी सैन्य अधिकारी के मुताबिक आईएसआई ने खालिस्तान कमांडो फोर्स (केसीएफ) के प्रमुख परमजीत सिंह पंजवाड़ जैसे लोगों का ड्रग कार्टेल संचालित करने और पंजाब के युवाओं को निशाना बनाने के लिए इस्तेमाल किया.

फोटो साभार - ANI

Pakistan News:  पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) एक व्यापक तस्करी नेटवर्क संचालित करती है, जिसमें उच्च रैंकिंग वाले सैन्य अधिकारी शामिल होते हैं. खालसा वोक्स ने रिटायर्ड पाकिस्तानी सैन्य अधिकारियों मेजर आदिल राजा और कर्नल अकबर हुसैन के बीच एक साक्षात्कार का हवाला देते हुए यह रिपोर्ट दी है. न्यूज रिपोर्ट के अनुसार, नेटवर्क ने कथित तौर पर खालिस्तान आंदोलन को हवा दी और नार्को-आतंकवाद बनाने और संचालित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

खालसा वोक्स रिपोर्ट के अनुसार, एक वीडियो इंटरव्यू में, पाकिस्तान के  सैन्य अधिकारी कर्नल अकबर हुसैन ने रिटायर्ड पाकिस्तानी सैन्य अधिकारी और YouTuber मेजर आदिल राजा से बात की, जिन्होंने ISI की गतिविधियों के बारे में विवरण साझा किया.

आईएसआई ने पंजवाड़े को किया इस्तेमाल
आदिल राजा ने कहा कि आईएसआई ने खालिस्तान कमांडो फोर्स (केसीएफ) के प्रमुख परमजीत सिंह पंजवाड़ जैसे लोगों का ड्रग कार्टेल संचालित करने और पंजाब के युवाओं को निशाना बनाने के लिए इस्तेमाल किया. खुफिया एजेंसी ने भारत में ड्रग्स की तस्करी और 'पंजवाड़ जैसे आतंकवादियों' को 'प्यादे' के रूप में सहायता प्रदान की.

कर्नल अकबर हुसैन ने कहा कि कई हाई रैंकिंग सैन्य अधिकारी इस अवैध ड्रग नेटवर्क का हिस्सा थे जो सिस्टम में शामिल हो गया है. खालसा वोक्स रिपोर्ट के अनुसार, इस तरह की भागीदारी बटालियन इकाइयों का प्रदर्शन खराब करती है और पाकिस्तानी झंडे का अपमान करती है.

पंजाब में भेजे गए अवैध हथियार और ड्रग्स
आदिल राजा ने कहा कि आईएसआई ने ब्लैक ऑपरेशंस की आड़ में फंड जुटाया, जिसका इस्तेमाल तस्करी और वर्जित नेटवर्क के वित्तपोषण के लिए किया जाता है. उन्होंने दावा किया कि परमजीत सिंह पंजवाड़ ने आईएसआई के संरक्षण में सीमा पार से भारत में अवैध हथियार और ड्रग्स भेजे.

समाचार रिपोर्ट के अनुसार, खुफिया एजेंसी पंजाब में खालिस्तानी अलगाववाद को बढ़ाने और चंडीगढ़ पासपोर्ट कार्यालय के पास 1999 के बम विस्फोट जैसे आतंकवादी हमलों की योजना बनाने के लिए पंजवाड़ पर निर्भर रही.

पंजवाड़े की 6 मई को हुई हत्या
खालसा वोक्स की रिपोर्ट के अनुसार, पंजवाड़, जिन्हें लाहौर में मलिक सरदार सिंह के नाम से जाना जाता था, को अंततः 6 मई को लाहौर के जौहर शहर में अज्ञात हमलावरों द्वारा गोली मार दी गई थी.

जुलाई 2020 में, भारत सरकार ने उसके संगठन, केसीएफ को बम विस्फोटों और हत्याओं के बाद एक आतंकवादी समूह के रूप में नामित किया.

मेजर आदिल राजा ने यह भी दावा किया कि पाकिस्तानी सेना अभिनेत्रियों को हनी ट्रैप के रूप में इस्तेमाल करती है.

(इनपुट - ANI)

 

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