टेक्नोलॉजी, जो बैक पेन को कुशलता से मैनेज करने में मदद करती है
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टेक्नोलॉजी, जो बैक पेन को कुशलता से मैनेज करने में मदद करती है

स्पाइनल कॉर्ड स्टिम्युलेशन, क्रॉनिक पेन को कम करने में कारगर है, जो आपकी गतिशीलता, कार्य और जीवन की गुणवत्ता में सुधार कर सकता है. स्पाइनल कॉर्ड स्टिम्युलेशन, क्रॉनिक पेन को मैनेज करने की एक सिद्ध और दीर्घकालिक थेरेपी है.

टेक्नोलॉजी, जो बैक पेन को कुशलता से मैनेज करने में मदद करती है

जीवन में कभी न कभी हम सभी ने बैक पेन का अनुभव जरूर किया होगा, जिसका दर्द असहनीय रहा हो. शुरुआती समय में तीव्र दर्द का इलाज तुलनात्मक रूप से आसान होता है, क्योंकि कारण की जानकारी होने के साथ ही कम समय में बेहतर उपचार की संभावना होती है. ज्यादातर मामलों में यह दर्द स्ट्रेचिंग और आराम करके तथा पेन रिलीवर्स लेने के साथ ही सामान्य हो जाता है. वहीं कभी-कभी, बैक पेन का अनुभव करने वाले लोग इस बात पर विचार करते हैं कि आखिर कब और कैसे उनमें इस दर्द की शुरुआत हुई. जो दर्द 3 महीने से अधिक या अपेक्षित उपचार अवधि से अधिक समय तक बना रहता है, क्रॉनिक बैक पेन कहलाता है. क्रॉनिक बैक पेन बेहद जटिल होता है, क्योंकि इसमें मूल कारण के साथ ही साथ साइकोसोशल आस्पेक्ट्स भी शामिल होते हैं. यही कारण है कि इसका इलाज चुनौतीपूर्ण हो जाता है. कुल मिलाकर, क्रॉनिक पेन अपने आप में एक बीमारी है, और समय रहते इसकी विशेष देखभाल बेहद जरूरी है.

क्रॉनिक बैक पेन की स्थिति में स्पाइन स्पेशलिस्ट से मिलने की सलाह कब दी जाती है?

क्रॉनिक बैक पेन को सहन करना आपके जीवन की गुणवत्ता को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है. लगातार दर्द एक बड़ी समस्या का संकेत भी हो सकता है. गंभीर बैक पेन को नजरअंदाज न करें, विशेष तौर पर जब यह लगातार और तीव्र हो, या आराम की स्थिति या रात में यह असहनीय हो जाए. बैक पेन को अपने पर इतना हावी न होने दें कि यह आपको आपकी पसंदीदा गतिविधियों का आनंद लेने से रोकने लगे.

परंपरागत रूप से, नॉन-प्रिस्क्रिप्शन, ओवर द काउंटर (ओटीसी) दर्द की दवाएं (जैसे- एसिटामिनोफेन) और प्रिस्क्रिप्शन-आधारित ओपिऑइड्स के माध्यम से गंभीर क्रॉनिक पेन के इलाज के लिए सबसे आम दृष्टिकोण माना जाता है. साथ ही अतिरिक्त टेक्निक्स या वैकल्पिक थेरेपीज़, जैसे कि एक्यूपंक्चर, विश्राम, मसाज थेरेपी, एक्सरसाइज़ थेरेपी, फिजिकल थेरेपी, कायरोप्रैक्टिक और हर्बल दवाओं का उपयोग क्रॉनिक पेन को कम करने और जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिए किया जा सकता है.

स्पाइनल कॉर्ड स्टिम्युलेशन जैसी कुछ आधुनिक थेरेपीज़ भी दर्द से राहत दिलाने में सहायक साबित हो सकती हैं. स्पाइनल कॉर्ड स्टिम्युलेशन का उपयोग विविध स्थितियों के कारण गंभीर और क्रॉनिक पेन की समस्या से जूझ रहे रोगियों के इलाज के लिए किया जा सकता है, जिसमें पीठ की असफल सर्जरी, न्यूरोपैथिक पेन, डिजनरेटिव डिस्क डिसीज़ और कॉम्प्लेक्स रीजनल पेन सिंड्रोम शामिल हैं.

डॉ. सचिन कंधारी, सीनियर कंसल्टेंट न्यूरोसर्जन, इंस्टिट्यूट ऑफ ब्रेन एंड स्पाइन (आईबीएस) हॉस्पिटल, दिल्ली के अनुसार, "स्पाइनल कॉर्ड स्टिम्युलेशन (एससीएस) सबसे प्रभावी टेक्नोलॉजीस में से एक है, जो अन्य पारंपरिक दर्द की उपचार विधियों के विपरीत पुराने न्यूरोपैथिक दर्द से ग्रसित रोगियों को दीर्घकालिक परिणाम प्रदान करती है. स्पाइनल कॉर्ड स्टिम्युलेटर एक इम्प्लांटेड डिवाइस है, जो दर्द से निजात दिलाने के लिए रीढ़ की हड्डी में निम्न स्तर पर इलेक्ट्रिसिटी प्रेषित करता है. स्पाइनल कॉर्ड स्टिम्युलेशन दर्द से राहत प्रदान करते हुए रीढ़ की हड्डी और मस्तिष्क के बीच से गुजरने वाले दर्द संकेतों को रोक देता है. स्टिम्युलेशन को एक न्यूरोस्टिम्युलेटर द्वारा डिलीवर किया जाता है. न्यूरोस्टिम्युलेटर डिवाइस को स्किन में इम्प्लांट किया जाता है, जो आपकी रीढ़ के पास के क्षेत्र में हल्के इलेक्ट्रिकल इम्पल्सेस डिलीवर करता है."

स्पाइनल कॉर्ड स्टिम्युलेशन कितना प्रभावी है?

स्पाइनल कॉर्ड स्टिम्युलेशन, क्रॉनिक पेन को कम करने में कारगर है, जो आपकी गतिशीलता, कार्य और जीवन की गुणवत्ता में सुधार कर सकता है. स्पाइनल कॉर्ड स्टिम्युलेशन, क्रॉनिक पेन को मैनेज करने की एक सिद्ध और दीर्घकालिक थेरेपी है. इसके माध्यम से मरीजों ने कई लाभों का अनुभव किया है, जिसमें रोजमर्रा की गतिविधियों को करने की बेहतर क्षमता, कार्य करने की अधिक क्षमता और पूर्व-निर्धारित सीमाओं के भीतर अपनी स्टिम्युलेशन को एडजस्ट करके स्वयं के दर्द की थेरेपी को मैनेज करने की क्षमता शामिल है.

क्या हो, यदि स्पाइनल कॉर्ड स्टिम्युलेशन मुझ पर काम नहीं करता है?

स्पाइनल कॉर्ड स्टिम्युलेशन का एक प्रमुख लाभ यह है कि आप पहले थेरेपी को टेस्ट कर सकते हैं, ताकि आपको और आपके डॉक्टर को यह तय करने में मदद मिल सके कि यह आपके लिए सही है या नहीं. क्लिनिक, डे सर्जरी सेंटर या हॉस्पिटल में एक टेम्पररी लीड प्लेसमेंट प्रोसीजर किया जा सकता है. इन टेम्पररी लीड्स को रीढ़ की हड्डी के पास के क्षेत्र में रखा जाता है. ये लीड्स एक बाहरी न्यूरोस्टिम्युलेटर से जुड़ी हुई होती हैं, जो ट्रायल के दौरान आपकी पीठ पर सेट होते हैं. ट्रायल पीरियड 3-10 दिनों का होता है. ट्रायल के बाद, आप और आपके डॉक्टर यह तय करते हैं कि स्पाइनल कॉर्ड स्टिम्युलेशन आपके क्रॉनिक पेन को मैनेज करने में आपकी मदद करेगी या नहीं और आपको परमानेंट डिवाइस इम्प्लांट के साथ आगे बढ़ना चाहिए या नहीं.

डॉ. सचिन कंधारी ने आगे कहा, "दर्द जागरूकता माह के अवसर पर, मरीजों को अपने क्रॉनिक बैक पेन को मैनेज करने के प्रभावी तरीकों के बारे में सीखना चाहिए. बहुत से लोग एससीएस प्रक्रिया के बाद पहले की तुलना में काफी कम दर्द का अनुभव करते हैं, जो उन्हें जीवन की उच्च गुणवत्ता और अधिक गतिशीलता का आनंद लेने की अनुमति प्रदान करता है. स्पाइनल कॉर्ड स्टिम्युलेशन अपनाने वाले कुछ मरीज अपने डॉक्टर से परामर्श लेने के बाद अपनी दर्द दवाओं को कम करने या समाप्त करने में सक्षम हो सकते हैं. सभी मरीजों को अपने पेन स्पेशलिस्ट द्वारा बताई गई दवाओं, एक्सरसाइज़ और अन्य उपचारों की सलाह का पालन करना चाहिए, जो उनके दर्द को और कम करने में कारगर हो सकते हैं."

लाइफस्टाइल मैनेजमेंट के माध्यम से बैक पेन को मैनेज करने के टिप्स:

• स्वस्थ खान-पान न केवल पीठ के निचले हिस्से के दर्द को कम करने में, बल्कि शरीर के अतिरिक्त वजन को कम करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जो बैक पेन के पनपने के मुख्य कारणों में से एक है.
• घुटनों के नीचे तकिया रखकर सोएं.
• कन्वेंशनल एक्सरसाइजेस जिनमें एरोबिक, स्ट्रेंथ, फ्लेक्सिबिलिटी और बैलेंस ट्रेनिंग शामिल हैं, पीठ से संबंधित चोटों, जैसे- खिंचाव और माँसपेशियों में ऐंठन के जोखिम को कम करने में आपकी मदद कर सकती हैं.
• मन-शरीर या एकीकृत गतिविधियां, एक्सरसाइज़ या शारीरिक गतिविधि का दूसरा रूप हो सकती हैं. इस प्रकार की एक्सरसाइज़ समग्र स्वास्थ्य, संतुलन, लचीलेपन और ताकत को बनाए रखने के लिए विशेष मूवमेंट्स, नियंत्रित श्वास और मानसिक ध्यान को जोड़ता है.
• धूम्रपान से बचकर रहें और शराब का सीमित सेवन करें.
• सुबह उठने के बाद कुछ देर घूमें और कुछ साधारण स्ट्रेच करके दिन भर के तनाव को दूर करें.

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