Puja Ghar Vastu Tips (ज्योतिर्विद नरेंद्र जुनिजा):वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर के मंदिर में कुछ खास चीजें रखने से घर में समृद्धि और शांति बनी रहती है, जबकि कुछ चीजें घर में नकारात्मक ऊर्जा का संचार कर सकती हैं और आर्थिक समस्याओं को जन्म दे सकती हैं.
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Puja Ghar Vastu Tips: वास्तु शास्त्र, जो हिन्दू धर्म का एक अहम हिस्सा है, हमारे जीवन में सकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह और समृद्धि के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है. इस शास्त्र के अनुसार, यदि घर में वास्तु के नियमों का पालन किया जाए, तो न केवल घर का वातावरण शांत और सुखमय रहता है, बल्कि इसके कारण घर में आयुर्वेदिक समृद्धि और खुशहाली भी आती है. वास्तु शास्त्र के तहत हर कमरे, जैसे कि किचन, बेडरूम, बाथरूम और विशेषकर घर के मंदिर से जुड़ी विशिष्ट दिशाएं और नियम होते हैं.
घर के मंदिर में विशेष रूप से ध्यान देने की बात होती है, क्योंकि यह एक ऐसा स्थान है जहां श्रद्धा और भक्ति का वातावरण होता है. जब हम वास्तु के अनुसार घर के मंदिर में कुछ नियमों का पालन करते हैं, तो यह हमारे जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाता है. लेकिन कई बार अनजाने में हम कुछ ऐसी चीजें घर के मंदिर में रख देते हैं जो वास्तु के अनुसार अशुभ मानी जाती हैं. इन चीजों को मंदिर में रखने से घर में नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और आर्थिक समस्याएं उत्पन्न होती हैं. आइए जानते हैं कि घर के मंदिर में किन चीजों को रखने से बचना चाहिए.
बड़े आकार का शिवलिंग
वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर के मंदिर में शिवलिंग रखना बहुत शुभ माना जाता है, लेकिन यह ध्यान रखना जरूरी है कि शिवलिंग का आकार छोटा होना चाहिए. बड़े आकार का शिवलिंग घर के मंदिर में रखना अशुभ माना जाता है. इस कारण घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ सकता है और आर्थिक समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं. शिवलिंग का स्वरूप और आकार घर के सकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह में बाधा डाल सकते हैं. यदि आपके मंदिर में बड़ा शिवलिंग है, तो इसे जल्द से जल्द बदलवाना चाहिए.
घर में न रखें एक से ज्यादा शंख
शंख का स्थान हिंदू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण है. यह शुभता, समृद्धि और सकारात्मकता का प्रतीक माना जाता है, लेकिन वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर के मंदिर में एक से ज्यादा शंख नहीं रखना चाहिए. एक से ज्यादा शंख रखना अशुभ माना जाता है और इससे घर में तनाव और आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. इसके अलावा, खंडित शंख भी घर के मंदिर में नहीं रखना चाहिए. यदि आपके पास कोई टूट या खंडित शंख है, तो उसे गंगा जल में विसर्जित कर देना चाहिए ताकि नकारात्मक ऊर्जा का नाश हो सके और घर में शांति बनी रहे.
इन तस्वीरों को न रखें
वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर के मंदिर में भगवान के रौद्र रूप या भयावह रूप वाली तस्वीरें नहीं रखनी चाहिए. रौद्र रूप भगवान का वह रूप होता है, जो गुस्से, विनाश और युद्ध से जुड़ा हुआ होता है. ऐसी तस्वीरें घर में रखने से न केवल घर का वातावरण नकारात्मक हो सकता है, बल्कि यह परिवार के सदस्यों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव डाल सकती है. इसलिए, मंदिर में केवल भगवान के शांतिपूर्ण और आशीर्वाद देने वाले रूप की तस्वीरें रखनी चाहिए.
क्षतिग्रस्त मूर्तियों को न रखें
वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर के मंदिर में कभी भी टूट-फूट या क्षतिग्रस्त मूर्तियों और तस्वीरों को नहीं रखना चाहिए. यह न केवल वास्तु के अनुसार अशुभ माना जाता है, बल्कि यह घर में नकारात्मक ऊर्जा का संचार भी करता है. जब मूर्तियां या तस्वीरें क्षतिग्रस्त होती हैं, तो उनका प्रभाव घर के माहौल पर भी पड़ता है और घर के सदस्यों को मानसिक शांति और संतुलन की कमी हो सकती है. इसलिए, यदि किसी मूर्ति या तस्वीर में कोई टूट-फूट हो, तो उसे तुरंत बदल देना चाहिए या फिर पवित्र जल में विसर्जित कर देना चाहिए.
ध्यान रखें कि मूर्तियों की दिशा सही हो
मंदिर में रखी मूर्तियों की दिशा भी बहुत महत्वपूर्ण होती है. वास्तु शास्त्र के अनुसार, मूर्तियों को हमेशा उत्तर, पश्चिम या पूर्व दिशा में रखें. मूर्तियों को कभी भी दक्षिण दिशा में नहीं रखना चाहिए क्योंकि यह दिशा नकारात्मक ऊर्जा का स्त्रोत मानी जाती है. भगवान की मूर्तियां यदि सही दिशा में रखी जाएं, तो वे घर में सुख, समृद्धि और शांति लाती हैं.
नमक और अन्य किचन सामग्री का प्रयोग मंदिर में न करें
वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर के मंदिर में नमक, मिर्च, और अन्य किचन सामग्री नहीं रखनी चाहिए. यह सब चीजें घर में नकारात्मकता को बढ़ाने का काम करती हैं. घर के मंदिर में हमेशा पवित्र और शुभ वस्तुएं रखें, जैसे कि चावल, फल, फूल आदि. यह वस्तुएं सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती हैं और घर के माहौल को शांतिपूर्ण बनाती हैं.
ध्यान रखें सफाई और व्यवस्था
घर के मंदिर में सफाई और व्यवस्था का ध्यान रखना बेहद महत्वपूर्ण है. यह केवल घर के वातावरण को स्वच्छ और सुंदर बनाने में मदद नहीं करता, बल्कि यह नकारात्मक ऊर्जा को भी दूर करता है. एक अव्यवस्थित और गंदा मंदिर न केवल वास्तु के नियमों का उल्लंघन करता है, बल्कि यह घर में तनाव और अशांति का कारण भी बन सकता है. जब मंदिर में सफाई और व्यवस्था होती है, तो यह न केवल सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह सुनिश्चित करता है, बल्कि यह घर के सभी सदस्यों के मानसिक शांति और भक्ति के अनुभव को भी बढ़ाता है. इसलिए मंदिर की नियमित सफाई और वस्तुओं की सही स्थिति में व्यवस्था करना आवश्यक है, ताकि सकारात्मक ऊर्जा का अधिकतम लाभ मिल सके और घर में शांति बनी रहे.
ध्यान रखें दीपक और अगरबत्तियां
मंदिर में दीपक और अगरबत्तियां जलाना एक बेहद शुभ कार्य माना जाता है, क्योंकि यह घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ाता है. दीपक का प्रकाश न केवल अंधकार को दूर करता है, बल्कि यह घर के वातावरण में शांति और समृद्धि भी लाता है. वहीं, अगरबत्तियां भगवान के प्रति श्रद्धा को व्यक्त करने का एक पवित्र तरीका होती हैं. हालांकि, यह सुनिश्चित करना बहुत जरूरी है कि दीपक और अगरबत्तियां जलाते वक्त उनका धुआं अन्य चीजों को नुकसान न पहुंचाए. विशेष रूप से ध्यान रखें कि यदि दीपक का तेल समाप्त हो गया हो, तो उसे तुरंत बदल दें. पुराने दीपक या जल चुकी अगरबत्तियों को मंदिर में न रखें, क्योंकि यह नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं और घर में अशांति का कारण बन सकते हैं. इसलिए, दीपक और अगरबत्तियां हमेशा सही स्थिति में और स्वच्छ रखें ताकि इनका सकारात्मक प्रभाव घर के वातावरण पर बना रहे.