Magh Pradosh Vart 2025 Date: सनातन धर्म में भोलेनाथ की पूजा के लिए प्रदोष व्रत को बेहद खास बताया गया है. ये व्रत प्रत्येक महीने में 2 बार आते हैं. अब माघ माह का दूसरा प्रदोष व्रत आने वाला है, जिसे 4 शुभ संयोगों की वजह से बेहद खास माना जा रहा है.
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When Will the Second Pradosh Fast of Magha Month 2025: सनातन धर्म में माह माह को बहुत पावन माना जाता है. यह माह भगवान शिव की आराधना के लिए समर्पित होता है. इसमें कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को भोलेनाथ के लिए प्रदोष व्रत किया जाता है. इस बार यह व्रत सोमवार को पड़ने की वजह से इसका महत्व बहुत बढ़ गया है. ज्योतिषियों के मुताबिक, इस दिन सच्चे मन से भगवान शिव की आराधना करने से मनुष्य की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं. आइए जानते हैं कि माह माह का दूसरा प्रदोष व्रत कब होगा और उस दिन कौन से उपाय करने से जातकों को असीम शुभ लाभ हासिल होंगे.
माघ माह का दूसरा प्रदोष व्रत कब होगा?
ज्योतिष के विद्वानों के अनुसार, इस बार माघ माह का दूसरा प्रदोष व्रत 10 फरवरी को किया जाएगा. सोमवार के दिन चतुर्थ योग में यह व्रत होने की वजह से जातकों को इस दिन पूजा-पाठ करने से कई गुना ज्यादा फल प्राप्त होगा. इसकी वजह बताते हुए धार्मिक विद्वान कहते हैं कि भगवान शिव को सोमवार, माघ मास, प्रदोष काल और त्रयोदशी तिथि काफी प्रिय हैं. संयोग से 10 फरवरी को ये चारों काल एक साथ मिल रहे हैं, जिससे उस दिन भोलेनाथ की जमकर कृपा बरसने वाली है.
प्रदोष व्रत पर शुभ योग (Pradosh Vrat Shubh Yog)
ज्योतिष शास्त्रियों के अनुसार, माघ माह के अंतिम प्रदोष व्रत पर 4 शुभ योग भी बनने जा रहे हैं. जिससे इस व्रत का आध्यात्मिक महत्व काफी बढ़ गया है. इस दिन दुर्लभ त्रिपुष्कर योग का निर्माण हो रहा है. साथ ही उस दिन शिववास और प्रीति योग भी बनेंगे. यही नहीं, प्रदोष व्रत पर पुनर्वसु नक्षत्र का बनने का भी योग है. इन सब शुभ संयोगों की वजह से भोलेनाथ उस दिन जातकों पर खुले मन से अपनी कृपा बरसाने वाले हैं. वे सभी के पापों का नाश करके उन्हें सुख-समृद्धि प्रदान करेंगे.
प्रदोष व्रत वाले दिन क्या करना चाहिए?
प्रदोष व्रत वाले दिन जातकों को सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करना चाहिए. इसके बाद उगते सूर्य को अर्घ्य देकर उन्हें प्रणाम करना चाहिए. फिर अपने घर के मंदिर में भोलेनाथ के सामने धूपबत्ती और दीया जलाकर महामृत्युंजय मंत्र और शिव स्रोत पाठ का जाप करना चाहिए. इसके बाद अपने नजदीक के मंदिर में जाकर वहां शिवलिंग पर जल जरूर चढ़ाएं. फिर कुछ जरूरतमंदों को फल, फूल, वस्त्र, धन या उनकी जरूरत का सामान बांटकर उनकी मदद अवश्य करें.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)