WhatsApp Data: व्हाट्सएप और उसकी पेरेंट कंपनी मेटा के लिए एक अच्छी खबर है. भारत की एक अदालत ने व्हाट्सएप और मेटा के खिलाफ प्रतिस्पर्धा आयोग के आदेश पर आंशिक रोक लगा दी है. आइए आपको बताते हैं कि आखिर ये पूरा मामला है क्या.
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WhatsApp और उसकी पेरेंट कंपनी Meta के लिए एक अच्छी खबर है. नेशनल कंपनी लॉ अपीलिएट ट्रिब्यूनल (NCLAT) ने व्हाट्सएप और मेटा के खिलाफ प्रतिस्पर्धा आयोग के आदेश पर आंशिक रोक लगा दी है. व्हाट्सऐप पर यूजर्स का डेटा मेटा के साथ शेयर करने पर रोक लगाई गई थी. लेकिन अब अदालत ने इस रोक को हटा दिया है. हालांकि, मेटा को जुर्माने की आधी रकम जमा करनी होगी. फिलहाल, यह मामला अभी भी अदालत में चल रहा है. आइए आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं.
NCLAT ने प्रतिबंध पर लगाई रोक
भारत में एक अदालत (NCLAT) ने व्हाट्सऐप और मेटा पर लगाए गए प्रतिबंध पर रोक लगा दी है. इससे पहले एक सरकारी संस्था प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने व्हाट्सऐप पर यूजर्स का डेटा मेटा के साथ शेयर करने पर रोक लगा दी थी और भारी जुर्माना भी लगाया था.
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लेकिन, लगाई यह शर्त
अपीलिएट ट्रिब्यूनल ने नवंबर 2024 के उस आदेश को रोक दिया है, जिसमें मेटा पर 213.14 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया था और व्हाट्सएप को विज्ञापन उद्देश्यों के लिए अन्य मेटा प्लेटफार्मों के साथ यूजर डेटा शेयर करने से रोक दिया गया था. NCLAT ने इस प्रतिबंध को रोक दिया है, लेकिन शर्त यह है कि मेटा को जुर्माने की आधी रकम दो हफ्ते के भीतर जमा करनी होगी.
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कब शुरू हुआ यह मामला
यह मामला तब शुरू हुआ जब व्हाट्सऐप ने अपनी प्राइवेसी पॉलिसी में बदलाव किया था. इस बदलाव के मुताबिक व्हाट्सऐप यूजर्स का डेटा फेसबुक (अब मेटा) के साथ शेयर कर सकता था. साढ़े तीन साल तक चली CCI की जांच में पाया गया कि पॉलिसी अपडेट गलत है और यूजर्स को अपना डेटा शेयर करने के लिए मजबूर करती है. मेटा ने अदालत के फैसले का स्वागत किया है. हालांकि, इस मामले की सुनवाई अभी बाकी है.