Bangladesh News: 1971 के मुक्ति संग्राम के दौरान कमांडर के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले बांग्लादेश के पहले आर्मी चीफ केएम शफीउल्लाह का निधन हो गया. उन्होंने 90 साल की उम्र में ढाका के सैन्य अस्पताल में आखिरी सांस ली.
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Bangladesh News: बांग्लादेश के पहले आर्मी चीफ और पाकिस्तान के खिलाफ 1971 के मुक्ति संग्राम के सेक्टर कमांडर मेजर जनरल (रिटायर्ड) केएम शफीउल्लाह का 90 साल की उम्र में रविवार को निधन हो गया. वो शुगर, हाई ब्लड प्रेशर, थायराइड की समस्या और फैटी लीवर सहित कई बीमारियों से जूझ रहे थे, उन्हें 2 जनवरी को सीएमएच में भर्ती कराया गया था, जहां उन्होंने करीब 8:45 बजे आखिरी सांस ली.
सेना ने एक बयान में कहा, ‘ढाका के ‘कम्बाइन्ड मिलिट्री हॉस्पिटल’ (सीएमएच) में इलाज के दौरान देश के पहले आर्मी चीफ मेजर जनरल (रिटायर्ड) केएम शफीउल्लाह ने आखिरी सांस ली.’
मुहम्मद यूनुस ने जताया दुख
वहीं, अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस ने मेजर जनरल (रिटायर्ड) शफीउल्ला के निधन पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने 1971 के मुक्ति संग्राम के दौरान एक सेक्टर कमांडर के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. उन्होंने कहा, ‘हम देश और उसके लोगों के लिए उनके योगदान को कृतज्ञता के साथ याद करते हैं. बांग्लादेश में सभी क्षेत्रों के लोग उनके वीरतापूर्ण कार्यों को सम्मान के साथ हमेशा अपने जहन में रखेंगे.’
उनके निजी सहायक जियाउर रहमान मोनी बताया कि नमाज- ए-जनाजा नारायणगंज के रूपगंज में काजी अब्दुल हामिद हाई स्कूल मैदान में जोहर की नमाज के बाद अदा की जाएगी.
कई देशों के रहे थे राजदूत
के एम शफीउल्लाह का जन्म 2 सितंबर 1934 को नारायणगंज जिले के रूपगंज में हुआ था. उन्होंने 24 अगस्त, 1975 तक आर्मी चीफ के रूप में काम किया था. 1976 से 1991 तक, उन्होंने 16 सालों तक मलेशिया, कनाडा, स्वीडन और इंग्लैंड समेत कई देशों में बांग्लादेश के राजदूत के रूप में काम किया. उन्होंने बाद में सियासत में भी किस्मत अजमाई और बांग्लादेशी संसद तक का सफर तय किया. वो पूर्व पीएम शेख हसीना की पार्टी आवामी लीग से 1996 में सांसद चुने गए थे. ( भाषा इनपुट के साथ )