'चीन से अलग नहीं होने देंगे ताइवान...', फिर बौखलाया ड्रैगन, ट्रंप के अमेरिका को दे डाली ये धमकी
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'चीन से अलग नहीं होने देंगे ताइवान...', फिर बौखलाया ड्रैगन, ट्रंप के अमेरिका को दे डाली ये धमकी

China-Taiwan Conflict:  चीन-ताइवान मुद्दे को लेकर हाल ही में चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियों से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि अमेरिका को अपनी वन चाइना पॉलिसी का पालन करने से पीछे नहीं हटना चाहिए.   

'चीन से अलग नहीं होने देंगे ताइवान...', फिर बौखलाया ड्रैगन, ट्रंप के अमेरिका को दे डाली ये धमकी

China-Taiwan Conflict: चीन और ताइवान के बीच संघर्ष लंबे समय से चलते आ रहा है. वहीं अब इसको लेकर चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियों से बातचीत की है. शुक्रवार 24 जनवरी 2025 को फोन पर हुई इस बातचीत में वांग ने अमेरिका-चीन संबंधों और ताइवान के मुद्दे पर चर्चा की. 

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वांग-रूबियो की बातचीत 
डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद से दोनों शीर्ष राजनयिकों के बीच यह पहली बातचीत है. वांग ने रूबियो से कहा,' मुझे उम्मीद है कि आप अच्छा व्यवहार करेंगे और अमेरिका के लोगों के भविष्य और विश्व शांति और स्थिरता में अपनी रचनात्मक भूमिका निभाएंगे.' बता दें कि पिछले हफ्ते सीनेट में रूबियो ने चीन को अमेरिका के सामने सबसे बड़ा खतरा बताया था.  

'चीन से अलग नहीं होने देंगे ताइवान...' 
वांग ने ताइवान मुद्दे को लेकर रूबियो से कहा,' हम ताइवान को कभी भी चीन से अलग नहीं होने देंगे.' उन्होंने कहा कि वांशिगटन को अपनी वन चाइना पॉलिसी का पालन करने के अपने वादे से विश्वासघात नहीं करना चाहिए. साथ ही उन्होंने कहा कि बीजिंग का किसी को पीछे छोड़ने या उसकी जगह लेने का कोई इरादा नहीं है, लेकिन हमें अपने विकास के वैध अधिकार की रक्षा जरूर करनी चाहिए.  

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ताइवान को अलग नहीं होने देगा चीन 
वांग ने कहा कि ताइवान द्वीप प्राचीन समय से ही चीन का हिस्सा रहा है. चीन इसे कभी भी खुद से अलग नहीं होने देगा. उन्होंने कहा,' अमेरिका ने वन चाइना पॉलिसी को लेकर अपनी कमिटमेंट दी थी और उसे अपना वादा नहीं तोड़ना चाहिए. चीनी विदेश मंत्री ने कहा कि अमेरिका को एक मेजर पावर की तरह की व्यवहार करना चाहिए और अपनी उचित अंतर्राष्ट्रीय जिम्मेदारियों को निभाना चाहए.  

ताइवान सपोर्टर है अमेरिका 
बता दें कि चीन हमेशा से ताइवान को अपना हिस्सा बताता रहा है. उसने इस द्वीप को अपने कंट्रोल में लाने के लिए बल प्रयोग की भी धमकी दी है. वहीं अमेरिका लंबे समय से ताइवान का समर्थक रहा है. वह ताइवान को बड़े पैमाने पर हथियार भी देता है, हालांकि अमेरिका ताइवान को कूटनातिक तौर पर औपचारिक रूप से मान्यता नहीं देता है. फिलहाल अमेरिकी विदेश विभाग की ओर से वांग और रूबियो की बातचीत पर कोई टिप्पणी नहीं की गई है.  

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