Tallest Tree: आखिरकार मिल गया सबसे लंबा पेड़, 25 मंजिला इमारत जितना ऊंचा; उम्र जानकर रह जाएंगे दंग
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Tallest Tree: आखिरकार मिल गया सबसे लंबा पेड़, 25 मंजिला इमारत जितना ऊंचा; उम्र जानकर रह जाएंगे दंग

Tallest tree of world: अमेजन के घने जंगलों (Amazon Forests) की दुर्गम यात्रा में वैज्ञानिकों को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है. 19 लोगों की टीम की तीन साल तक चली तैयारी और चार बड़े अभियानों के दौरान आखिरकार दुनिया के सबसे लंबे पेड़ की पहचान हो ही गई है. जिसकी लंबाई 800 मीटर से भी ज्यादा है.

Tallest Tree: आखिरकार मिल गया सबसे लंबा पेड़, 25 मंजिला इमारत जितना ऊंचा; उम्र जानकर रह जाएंगे दंग

Tallest tree ever found in Amazon: धरती के फेफड़े कहे जाने वाले अमेजन के घने जंगलों में आखिरकार सबसे लंबा पेड़ कौन सा है उसकी पहचान हो गई है. हालांकि दुनिया के इस सबसे लंबे पेड़ को खोजना आसान नहीं था. इसके लिए बाकायदा तीन साल की तैयारी और कई अभियान चलाए गए तब कहीं जाकर वैज्ञानिकों की टीम को एक 25 मंजिला इमारत जितने ऊंचे पेड़ का पता लग सका.

करीब 400- 600 साल के बीच है उम्र

टीम ने अपने शोध के दौरान इस विशाल और विराट पेड़ के नीचे से पत्ते, मिट्टी और अन्य नमूने इकट्ठा किए गए. जिसके बाद हुए शोध में इस पेड़ के कम से कम 400 से 600 साल तक पुराना होने का अनुमान है. ये पेड़ 88.5 मीटर (290 फीट) लंबा है और इसकी मोटाई करीब 9.9 मीटर (32 फीट) है.

कैसे हुई पहचान?

सबसे बड़े पेड़ की पहचान होने के बाद लंबे समय से इसके रिसर्च में जुड़े साइंटिस्ट अब ये पता लगाने की कोशिश भी कर रहे हैं कि इसी इलाके में इतने ज्यादा बड़े और लंबे पेड़ क्यों हैं. वहीं हालिया शोध में इस बात का भी पता लगाया जा रहा है कि ये पेड़ कुल कितना कार्बन जमा करते हैं. इस सबसे लंबे पेड़ की बात करें तो ये नॉर्थ ब्राजील स्थित इरातापुर नदी के करीब नेचर रिजर्व में मौजूद है. एंजेलिम वर्मेलो नाम के इस पेड़ का वैज्ञानिक नाम डिनिज़िया एक्सेलसा है. ये अमेजन में अब तक पाया गया सबसे बड़ा पेड़ है. शोधकर्ताओं ने पहली बार 2019 में 3 डी मैपिंग प्रोजेक्ट के हिस्से के रूप में उपग्रह चित्रों में इस विशाल पेड़ को देखा था.

19 लोगों की टीम में ये लोग शामिल

इस अभियान को कई चरणों के बाद कामयाबी लगी. इस प्रोजेक्ट में करीब तीन साल का वक्त लगा. दरअसल 19 लोगों की इस स्पेशल टीम में कुछ शिक्षाविद, पर्यावरणविद और स्थानीय गाइडों को जोड़ने के बाद इस सफर की शुरुआत हुई. इस दौरान रिसर्चर्स ने 250 KM की यात्रा नाव से की तो वहीं पहाड़ी जंगल के इलाकों में करीब 20 किलोमीटर पैदल चलना पड़ा. 

(एजेंसी इनपुट के साथ)

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