Netanyahu on Hamas Deal: इजराइल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने हमास की डील को खारिज कर दिया है. इसके साथ ही उन्होंने फिलिस्तीन को राज्य का हक देने से भी इंकार किया है.
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Netanyahu on Hamas Deal: इजराइल लगातार गाजा में हमले कर रहा है. मरने वालों के आंकड़े 25 हजार के पार पहुंच चुके हैं. इस सब के बीच इजराइली प्रधानमंत्री ने हमास के जरिए पेश किया प्रोपोजल रिजेक्ट कर दिया है. हमास ने नेतन्याहू के सामने प्रस्ताव रखा था कि इजरायली सेना को वापस लिया जाए और जंग को खत्म किया जाए. इसके बाद वह कैदियों को रिहा कर देंगे. नेतन्याहू पर बंदियों को घर लाने के लिए घरेलू दबाव बढ़ रहा है, ऐसे में उन्होंने कहा कि हमास की शर्तों को कबूल करने का मतलब आर्म ग्रुप को बिना छुए छोड़ना होगा और इजराइली सैनिकों को गाजा में भेजना बेकार होगा.
नेतन्याहू ने रविवार को कहा, ''मैं हमास के राक्षसों के आत्मसमर्पण की शर्तों को सिरे से खारिज करता हूं. अगर हम इसे कबूल करते हैं, तो हम अपने नागरिकों की सुरक्षा की गारंटी नहीं दे पाएंगे. हम निकाले गए लोगों को सुरक्षित घर नहीं ला पाएंगे और अगला 7 अक्टूबर केवल समय की बात होगी. इसके साथ ही नेतन्याहू ने एक आजाद फिलिस्तीन राज्य की मांग की मुखालिफत की उनका कहना है कि वह गाजा पर पूरी तरह से इजराइली सिक्योरिटी कंट्रोल रखेंगे.
बता दें नेतन्याहू पर इंटरनेशनल और डॉमेस्टिक लेवल पर काफी प्रेशर है. रविवार शाम को, बंधकों और लापता परिवार फोरम ने यरूशलेम में इजरायली नेता के निजी घर के बाहर विरोध प्रदर्शन किया, और तब तक उस जगह को न छोड़ने का वादा किया, जब तक कि वह बंदियों की रिहाई पर एक समझौते पर सहमत नहीं हो जाते. बता दें हमास ने 100 इजराइली बंदियों को 240 फिलिस्तीनियों के बदले में रिहा किया था. यह डील पिछले साल नवंबर के महीने में हुई थी. फिलहाल हमास के पास 135 बंदी हैं.
आंकड़ों के मुताबिक गाजा में मरने वालों की तादाद 25 हजार पार कर चुकी है. इजराइल इस वक्त साउथ गाजा में ऑपरेशन चला रहा है. हमास ने रविवार को एक रिपोर्ट जारी की जिसमें दक्षिणी इज़राइल पर हमले को "एक जरूरी कदम और एक सामान्य प्रतिक्रिया" बताया."