गजब! आजमगढ़ में सिर्फ कागजों पर चल रहे थे 219 मदरसे, चला योगी सरकार का चाबुक
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गजब! आजमगढ़ में सिर्फ कागजों पर चल रहे थे 219 मदरसे, चला योगी सरकार का चाबुक

Azamgarh Madrasa News: साल 2009-10 में आजमगढ़ जिले में कई मदरसों को बिना भौतिक सत्यापन के मान्यता और अनुदान देने का मामला सामने आया था. साल 2017 में इसकी शिकायत प्रदेश सरकार से की गई थी. अब जांच में बड़ा खुलासा हुआ है.

गजब! आजमगढ़ में सिर्फ कागजों पर चल रहे थे 219 मदरसे, चला योगी सरकार का चाबुक

Azamgarh Madrasa News: उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. यहां 333 मदरसे संचालित हो रहे थे, लेकिन 219 मदरसे ऐसे हैं जो सिर्फ कागजों पर ही हैं. ये मदरसे आजमगढ़ में हैं ही नहीं. खबर सामने आने के बाद आजमगढ़ प्रशासन में हड़कंप मच गया और अफसरों ने इन मदरसों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी. इस मामले में पहला मुकदमा ईओडब्ल्यू इंस्पेक्टर की तहरीर पर कंधरापुर थाने में दर्ज किया गया था. अब तक 11 मुकदमे दर्ज हो चुके हैं, जिससे मदरसा संचालकों में भय का माहौल है.

लखनऊ से आर्थिक अपराध शाखा यानी EOW की टीम आजमगढ़ के अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के कार्यालय पहुंची और इन मदरसों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के लिए तहरीर दी गई. तहरीर के मुताबिक कार्रवाई के दौरान अभिलेखों के आधार पर विशेष जांच दल (एसआईटी) ने आजमगढ़ जिले के कंधरापुर थाना क्षेत्र के मदरसा अजीजिया खड़गपुर को अस्तित्वहीन मदरसों की श्रेणी में पाया. इस मदरसे को 5 फरवरी 2009 को तहतानियां स्तर पर अस्थाई मान्यता दी गई थी. यह मान्यता तत्कालीन जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी प्रभात कुमार एवं लिपिक वक्फ ओम प्रकाश पांडेय ने दी थी.

इन धाराओं में दर्ज हुआ मुकदमा
मदरसे की ओर से मदरसा पोर्टल पर तहतानियां स्तर के 300 वर्ग फीट के 3 कमरे दर्शाए गए थे, जबकि मौके पर मदरसा संचालित होता नहीं पाया गया, जिसे भारतीय जनता इंटर कॉलेज का मदरसा बताया गया. शिकायत में आरोप लगाया गया है कि अस्तित्वहीन मदरसे की प्रबंधक रूमाना बानो ने आपराधिक षडयंत्र के तहत धोखाधड़ी एवं कूटरचित दस्तावेज तैयार कर सरकारी धन एवं अनुदान को हड़पने का प्रयास किया है. इस पूरे फर्जीवाड़े को लेकर पहला मुकदमा कंधरापुर थाने में अस्तित्वहीन मदरसा अजीजिया खडगपुर की प्रबंधक रूमाना बानो के खिलाफ धारा 409, 420, 467, 468, 471 के तहत दर्ज किया गया है.

कब मामला आया सामने
गौरतलब है कि साल 2009-10 में आजमगढ़ जिले में कई मदरसों को बिना भौतिक सत्यापन के मान्यता और अनुदान देने का मामला सामने आया था. साल 2017 में इसकी शिकायत प्रदेश सरकार से की गई थी. आजमगढ़ जिले में 700 मदरसे संचालित हो रहे हैं, जिनकी वर्ष 2017 में जांच की गई तो 387 मदरसे वैध पाए गए. जबकि 313 मदरसे ऐसे थे जिनमें अनियमितताएं पाई गईं. इसके बाद शासन ने इस पूरे मामले की जांच एसआईटी टीम को दे दी. 

अब तक 11 मुकदमे दर्ज
इस मामले की रिपोर्ट 2022 में शासन को दी गई थी, जिसमें एसआईटी की जांच में 219 मदरसे ऐसे पाए गए जो मानक के अनुरूप नहीं थे और कुछ तो अस्तित्व में ही नहीं थे. शासन ने इन मदरसा संचालकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का निर्देश दिया है. इसी क्रम में सभी मदरसों के खिलाफ मुकदमा शुरू हो गया है. एसपी ग्रामीण ने बताया कि शिकायत मिलने पर सभी थानों में कार्रवाई की जा रही है, अब तक इस मामले में 11 मुकदमे दर्ज हो चुके हैं, आगे भी लगातार कार्रवाई की जा रही है.

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