Jarkhand Politics: JMM झारखंड में बीजेपी को एक और बड़ा झटका देने की योजना बना रही है. रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य की सियासत में अलग पहचान रखने वाले चंपई सोरेन को दोबारा पार्टी में लाने के लिए हेमंत सोरेन ने खास प्लान बनाया है. चंपई चुनाव से ठीक पहले जेएमएम से इस्तीफा देकर बीजेपी में शामिल हो गए थे.
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Jharkhand Politics: 'दिशोम गुरु' के नाम से मशहूर झारखंड के पूर्व सीएम शिबू सोरेन की पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) की सत्ता में वापसी हो गई है. जेएमएम नेता हेमंत सोरेन ने चौथी बार झारखंड के सीएम पद की शपथ ली. JMM विधानसभा चुनाव में करारी शिकस्त देने के बाद अब विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को बड़ा झटका देने की तैयारी में जुट गई है.
दरअसल, जेएमएम अपने उन नेताओं को फिर से पार्टी में वापस लाने के लिए एक खास प्लान पर काम कर रही है, जो चुनाव से पहले पार्टी का दामन छोड़कर बीजेपी और अन्य पार्टियों में चले गए थे. सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि JMM की इस लिस्ट में पूर्व सीएम और 'कोल्हान टाइगर' के नाम से मशहूर चंपई सोरेन का नाम सबसे ऊपर है.
चंपई JMM के लिए क्यों है अहम?
झारखंड की सियासत में अलग पहचान रखने वाले चंपई सोरेन चुनाव से ठीक पहले जेएमएम से इस्तीफा देकर बीजेपी का दामन थाम लिया था. चंपई सोरेन के बीजेपी में जाने के बाद कहा जा रहा था कि एक बड़ा वोट बैंक बीजेपी में शिफ्ट हो सकता है,लेकिन JMM उस बैंक में सेंधमारी नहीं होने दिया. यही कारण है कि नतीजा JMM के पक्ष में रहा. हालांकि, अब मीडिया रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि सीएम हेमंत सोरेन बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की तरह अपने सभी दिग्गज नेताओं की वापसी कराने के लिए जुट गए हैं. बता दें कि, साल 2021 में बंगाल में जीत दर्ज करने के बाद टीएमसी नेता ममता ने भी बीजेपी में गए कई बड़े नेताओं की वापसी कराने में सफल रही थी.
चंपई सोरेन बीजेपी की टिकट पर सरायकेला विधानसभा सीट जीत हासिल कर विधानसभा पहुंचे हैं, जबकि वो इससे पहले 6 बार JMM की टिकट पर जीत दर्ज कर सरायकेला का प्रतिनिधित्व किया है. चंपई जेएमएम के संस्थापक सदस्य रहे हैं. यही कारण है कि हेमंत सोरेन चपंई को फिर से पार्टी में लाने की कोशिश में हैं.
28 सीटों में से सिर्फ एक पर मिली BJP को जीत
हाल ही खत्म हुए विधानसभा चुनाव में झारखंड में आदिवासियों के लिए रिजर्व्ड 28 सीटों में से सिर्फ एक सीट पर जेएमएम गठबंधन को हार का सामना करना पड़ा है,जो चंपई सोरेन की सरायकेला विधानसभा ही है. चुनाव खत्म होने के बाद ही जेएमएम चंपई की वापसी को लेकर प्लान बनाना शुरू कर दिया था. इसका संकेत खुद पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य दिया था. उन्होंने उनकी वापसी को लेकर बयान में कहा था कि अगर चंपई दादा आना चाहते हैं तो हम उनका इस्तकबाल करेंगे और जेएमएम का दरवाजा उनके लिए हमेशा खुला है. लेकिन, यहां सबसे बड़ा सवाल यह है कि चंपई दोबारा JMM में क्यों आएंगे? आइए जानते हैं इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह.
चंपई को पार्टी में लाने के लिए JMM कर रही ये प्लान?
झारखंड चुनाव प्रचार के दौरान भी जेएमएम नेता हेमंत सोरेन ने कभी भी चंपई सोरेन के खिलाफ नहीं बोले. दूसरी तरफ पूरे चुनाव में चंपई सोरेन भी हेमंत और सोरेन परिवार पर निजी हमला करने से किनारा कर लिया. इतना ही नहीं हाल ही में सड़क हादसे में घायल होने के बाद बिरसा मुंडा के परपोते की इलाज के दौरान हुई मौत हो गई थी. इसके बाद बीजेपी ने रांची के रिम्स अस्पताल पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए हेमंत सोरेन सरकार पर जमकर निशाना साधा.
पूर्व सीएम बाबू लाल मरांडी समेत बीजेपी के कई बड़े नेता इस मामले को लेकर सरकार की घेराबंदी की, लेकिन इस पूरे मामले में चंपई सोरेन की तरफ से सरकार के खिलाफ एक भी बयान नहीं आया. उधर, झारखंड के सियासी गलियारों में ये भी चर्चाएं हो रही है कि चंपई सोरेन को JMM दिल्ली की सियासत का ऑफर देकर उनकी मौजूदी सीट सरायकेलां से उनके बेटे को MLA का टिकट देकर विधानसभा भेज सकती है. इस बार चंपई के बेटे बाबू लाल सोरेन घाटशिला विधानसभा बीजेपी की टिकट पर चुनाव लड़े थे, लेकिन उन्हें चुनाव में हार का सामना करना पड़ा. साथी ही चंपई अगर JMM में आने पर सहमत होते हैं तो पहले की तरह ही हेमंत सोरेन की सरकार में मंत्री बन सकते हैं.
ये नेता भी JMM छोड़ बीजेपी में हुए थे शामिल
झारखंड विधानसभा चुनाव से ठीक पहले चंपई सोरेन के अलावा JMM के कई नेताओं ने पार्टी का दामन छोड़ बीजेपी शामिल हो गए थे. बीजेपी में शामिल होने वाले नेताओं की लिस्ट में शिबू सोरेन की बड़ी बहू सीता सोरेन, जो लोकसभा चुनाव से पहले BJP में शामिल हुई थीं. सीता को दोनों लोकसभा और विधानसभा चुनावों में हार का सामना करना पड़ा है. इसके अलावा बोरियो विधायक लोबिन हेम्ब्रम और लिट्टीपाड़ा सीट के पूर्व विधायक दिनेश विलियम मरांडी भी चुनाव से ठीक पहले बीजेपी में शामिल हो गए थे. हालांकि, विधानसभा चुनाव ये दोनों नेता हार गए. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इन नेताओं के वापसी के लिए JMM जुटी हुई है.