Crypto Currency: ED ने 1646 करोड़ रुपये की क्रिप्टोकरेंसी जब्त की है. इस घोटाले में विदेशी निवेशकों का भी हाथ है, और मुख्य आरोपी अमेरिका में संघीय जांच एजेंसियों के रडार पर है.
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Crypto Currency Fraud: क्रिप्टोकरेंसी के नाम पर बड़ा फर्जीवाड़ा करने वालों पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई की है. ईडी ने 1,646 करोड़ रुपये की क्रिप्टोकरेंसी जब्त की है, जो एक मेगा मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत की गई अब तक की सबसे बड़ी जब्ती है. यह मामला एक फर्जी निवेश योजना से जुड़ा है, जिसमें हजारों लोगों को प्रतिभूति निवेश के नाम पर धोखा दिया गया था.
अहमदाबाद स्थित ईडी कार्यालय ने जांच के दौरान 13.50 लाख रुपये नकद, एक लग्जरी एसयूवी और कई डिजिटल डिवाइस भी जब्त किए हैं. यह घोटाला "बिटकनेक्ट लोन स्कीम" के जरिए हुआ था, जिसमें अवैध तरीके से निवेशकों को लुभाया गया और गैर-पंजीकृत प्रतिभूतियों की बिक्री की गई.
नवंबर 2016 से जनवरी 2018 के बीच हुई धोखाधड़ी
ईडी की यह जांच सूरत पुलिस की अपराध शाखा द्वारा दर्ज एक प्राथमिकी से शुरू हुई थी, जिसमें यह बताया गया कि यह धोखाधड़ी नोटबंदी के बाद नवंबर 2016 से जनवरी 2018 के बीच हुई. एजेंसी ने अपनी टेक्नोलॉजी एक्सपर्ट्स की टीम लगाकर कई क्रिप्टो वॉलेट्स और उनके लेन-देन को खंगाला, ताकि यह पता लगाया जा सके कि ये फंड कहां से आए और इन्हें कौन कंट्रोल कर रहा था.
जांच में पाया गया कि इस घोटाले के लेनदेन ‘डार्क वेब’ के जरिए किए गए थे, जिससे ट्रांजैक्शंस को ट्रेस करना बेहद मुश्किल हो गया. इसके बावजूद ईडी ने जमीनी स्तर पर खुफिया जानकारी जुटाकर कई डिजिटल वॉलेट्स की पहचान की और उनकी लोकेशन को ट्रैक किया.
अब तक की सबसे बड़ी जब्ती
आखिरकार, 1,646 करोड़ रुपये की क्रिप्टोकरेंसी को ईडी के विशेष क्रिप्टो वॉलेट में ट्रांसफर कर लिया गया, जिससे यह वर्चुअल डिजिटल एसेट्स की अब तक की सबसे बड़ी जब्ती बन गई. इससे पहले भी एजेंसी ने इस मामले में 489 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की थी.
सूत्रों के मुताबिक, इस घोटाले में विदेशी निवेशकों का भी हाथ है, और मुख्य आरोपी अमेरिका में संघीय जांच एजेंसियों के रडार पर है. बिटकनेक्ट घोटाले में निवेश करने वालों में कई विदेशी नागरिक भी शामिल थे.
(इनपुट- भाषा)