Manoj Bajpayee Movies: बीते कुछ साल में मनोज बाजपेयी भले ही नाम शबाना, बागी 2 और सत्यमेव जयते जैसी कमर्शियल फिल्मों में पुलिस और खुफिया अफसर बनते रहे, मगर इस बीच उन्होंने अलग तरह की भूमिकाएं भी अपने लिए चुनीं. अगली फिल्म बंदा में वह वकील बन रहे हैं. जो सच के लिए लड़ता है.
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Manoj Bajpayee Career: मनोज बाजपेयी की अगली फिल्म के नाम का अनाउंसमेंट हो गया है. फिल्म का पोस्टर आज खुद मनोज बायपेजी ने सोशल मीडिया में शेयर किया. फिल्म की घोषणा इसी साल अक्तूबर में हुई थी. सूत्रों के अनुसार फिल्म की शूटिंग पूरी हो चुकी है और अब इसका पोस्ट प्रोडक्शन शुरू हो रहा है. फिल्म की शूटिंग मुंबई और जोधपुर में की गई है. यह फिल्म एक कोर्टरूम ड्रामा है, जिसमें मनोज वकील के किरदार में हैं, जो सच के लिए जी-जान लगा कर लड़ता है. फिल्म 2023 में रिलीज होगी. फिल्म का निर्देशन अपूर्व सिंह कार्की ने किया है, जो इससे पहले ओटीटी पर एस्पिरेंट्स, सास बहू अचार प्राइवेट लिमिटेड और फ्लेम्स जैसी वेब सीरीज का निर्देशन कर चुके हैं. कार्की बंदा से फिल्मों में बतौर निर्देशक डेब्यू कर रहे हैं.
सच और न्याय की लड़ाई
मनोज बाजपेयी ने आज फिल्म का टाइटल और पोस्टर शेयर करते हुए लिखा कि मैं ऐसे बंदे की कहानी पेश कर रहा हूं, जो सच के लिए लड़ता है. एक ऐसा वकील, जो तमाम विपरीत परिस्थितियों के बीच सच और न्याय के लिए लड़ता है. यह ऐसे इंसान की कहानी है, जो कभी हार नहीं मानता. उन्होंने लिखा है कि इस किरदार को निभाना मेरे लिए सम्मान की बात रही है. बीते कुछ वर्षों में मनोज बाजपेयी मसाला फिल्मों या वेबसीरीजों में पुलिस अफसर या इंटेलिजेंस अफसर के ही किरदारों में ज्यादा नजर आए हैं, ऐसे में एक वकील के रूप में दिखना कुछ नया और अलग है.
बंदा एक टास्क अनेक
इस फिल्म से सुपर्ण एस. वर्मा भी जुड़े हैं, जिनकी वेबसीरीज द फैमेली मैन में मनोज बाजपेयी लीड रोल में थे. यह सीरीज काफी देखी गई और लोगों ने इसकी बहुत प्रशंसा की. बंदा टाइटल दरअसल इसी फिल्म से आया है. कार्की की फिल्म के अनाउंमेंट के समय टाइटल तय नही था और निर्माता-निर्देशक सभी टाइटल ढूंढ रहे थे. बताया जा रहा है कि द फैमिली मैन में मनोज बाजपेयी के किरदार के लिए टैग लाइन थी, बंदा एक टास्क अनेक. कार्की की फिल्म में एक ऐसे व्यक्ति की कहानी है जो सच के लिए लड़ने और न्याय दिलाने के लिए अड़े हुए व्यक्ति की कहानी है. जो तरह काम करते हुए सच को जिताता है. अतः सभी को फिल्म के लिए बंदा टाइटल एकदम ठीक लगा क्योंकि इससे हीरो के एक आदमी होने का एहसास होता है.
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