HMPV एक ऐसा वायरस है, जो तेजी से फैलते हुए लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है. यह खतरनाक संक्रमण सबसे पहले शरीर के रेस्पिरेटरी सिस्टम पर अटैक करता है और धीरे-धीरे गंभीर समस्याएं पैदा कर सकता है.
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कोविड-19 के बाद चीन में सैंकड़ों लोगों को परेशान करने वाला ह्यूमन मेटापनेउमोवायरस (HMPV) धीरे-धीरे दुनिया के अन्य देशों में अपने पैर पसार रहा है. भारत में अबतक इस वायरस से के 5 मामले सामने आ चुके हैं. बेंगलुरु, अहमदाबाद और तमिलनाडु के विभिन्न हिस्सों से इन मामलों की पुष्टि हुई है.
विशेषज्ञों के अनुसार, यह वायरस मुख्य रूप से श्वसन तंत्र (Respiratory System) को प्रभावित करता है और इसके लक्षण सामान्य फ्लू से मिलते-जुलते हो सकते हैं. हालांकि, कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों और छोटे बच्चों में यह गंभीर संक्रमण का कारण बन सकता है.
HMPV सबसे पहले किस अंग को करता है प्रभावित?
यह वायरस सबसे पहले फेफड़ों और सांस की नलियों (Lungs and Airways) को निशाना बनाता है. यह संक्रमण श्वसन तंत्र के सेल्स को नुकसान पहुंचाता है, जिससे सांस लेने में कठिनाई, कफ और अन्य समस्याएं हो सकती हैं. कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों, छोटे बच्चों और बुजुर्गों में यह संक्रमण तेजी से फैल सकता है और गंभीर श्वसन रोग का कारण बन सकता है.
शरीर में क्या बदलाव होते हैं?
* सांस लेने में कठिनाई: वायरस श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है, जिससे सांस लेने में दिक्कत हो सकती है. छोटे बच्चों में यह समस्या अधिक गंभीर हो सकती है.
* तेज बुखार और थकान: संक्रमण की शुरुआत में तेज बुखार, सिरदर्द और शरीर में कमजोरी महसूस होती है.
* गले में खराश और कफ: HMPV गले को भी प्रभावित करता है, जिससे खराश, सूखी खांसी और बलगम की समस्या हो सकती है.
* श्वसन संबंधी जटिलताएं: वायरस के बढ़ने पर ब्रोंकाइटिस (Bronchitis), निमोनिया (Pneumonia) और वायुमार्ग में रुकावट जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं.
* शरीर में ऑक्सीजन की कमी: गंभीर मामलों में शरीर में ऑक्सीजन लेवल गिर सकता है, जिससे हाइपोक्सिया (Hypoxia) की स्थिति बन सकती है.
कैसे करें बचाव?
विशेषज्ञों के अनुसार, HMPV से बचाव के लिए साफ-सफाई का ध्यान रखना, भीड़भाड़ वाले स्थानों से बचना और इम्यूनिटी को मजबूत बनाए रखना जरूरी है. छोटे बच्चों और बुजुर्गों पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है.
सरकार और डॉक्टरों की सलाह
हेल्थ मिनिस्ट्री ने बताया है कि संक्रमित बच्चों और उनके परिवारों का हाल ही में किसी दूसरे देश की यात्रा का रिकॉर्ड नहीं है. डॉक्टरों ने लोगों से अपील की है कि अगर सांस लेने में दिक्कत या कोई अन्य लक्षण दिखे, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.