Good News: पति ने छोड़ा, गांव वाले भी देते थे ताने, महिलाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत बनीं जमुई की मुन्नी
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Good News: पति ने छोड़ा, गांव वाले भी देते थे ताने, महिलाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत बनीं जमुई की मुन्नी

Jamui News: बरहट प्रखंड के कटका गांव निवासी महादेव मांझी की पुत्री मुन्नी देवी ने जीवन की सारी चुनौतियों का सामना करते हुए खुद की पहचान बनाई है. पुरुष प्रधान समाज में ऐसा करना बिल्कुल आसान नहीं था.

मुन्नी मिस्त्री

Jamui News: पुरुषों के वर्चस्व वाले क्षेत्र में महिलाओं को खुद को स्थापित करना कितना कठिन होता है, यह एक महिला ही जानती है. घर निर्माण के कार्य में महिलाएं अक्सर मजदूरी करते ही नजर आती हैं. एक महिला का मिस्त्री बनना आसान नहीं होता. लेकिन जमुई की मुन्नी ने इसे करके दिखाया है. मुन्नी मिस्त्री पिछले 25 सालों से बरहट प्रखंड में 100 से अधिक शौचालय और मकान निर्माण कार्य में लगी हुई है, जो ग्रामीण क्षेत्र में शौचालय और मकान निर्माण तो करती है. हाथों में करनी और अन्य औजार ले, जब मुन्नी ने इस क्षेत्र में कदम रखा होगा तब उन्होंने सोचा नहीं होगा कि इस क्षेत्र में इन्हें सफलता मिलेगी. हालांकि, मुन्नी का सफर भी आसान नहीं था. बरहट प्रखंड के कटका गांव निवासी महादेव मांझी की पुत्री मुन्नी देवी को उसके पति ने कुरुपता के कारण छोड़ दिया था. जिसके कारण वह मायके में आकर रहने लगी.

मायके में पड़ोसी उसको ताने मारने लगे. बूढ़े मां-बाप के लिए शादीशुदा लड़की को पालना आसान नहीं था, जिसके कारण मुन्नी देवी ने खुद ही मेहनत-मजदूरी करने का निर्णय लिया. दिहाड़ी मजदूरी करके मुन्नी अपना व अपने बूढे माता पिता का पेट भरने लगी. मुन्नी दिहाड़ी करते करते ही राजमिस्त्री का काम करना सीख गई. अब बतौर मजदूरी मुन्नी प्रतिदिन 300 रुपए के बदले 600 रुपये कमाने लगी. इतना ही नही राजमिस्त्री बन जाने के बाद कल तक मुनिया कहलाने वाली अब मुन्नी मिस्त्री कहलाने लगी. राजमिस्त्री के काम में मुन्नी ने इतना हुनर प्राप्त किया कि लोग अब उससे काम कराने के लिए चक्कर काटते हैं.

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आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनी मुन्नी देवी आज अपने बुढ़े माता-पिता का सहारा बनी है और खुद को पुरुषों के मुकाबले खडा कर लिया है. उसने बताया कि गरीबी के कारण उसके माता-पिता ने प्रारंभिक शिक्षा के दौरान ही उसकी शादी कर दी थी. ससुराल जाने पर शराबी पति ने उसे बदसूरत कहकर त्याग दिया. जिसके बाद समाज में कई तरह की चर्चा सुनने को मिली. इसके बाद भी मुन्नी ने हार नहीं मानी. मुन्नी अब मजदूर से महिला राजमिस्त्री बन गई है. अब उसे रोजाना तीन सौ के बदले तकरीबन 600 सौ रुपये मिल रहे हैं. ये अन्य महिला मजदूरों को भी इस काम में पारंगत करने में लगी है.

रिपोर्ट- अभिषेक निरला

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