Bihar Chunav 2025: जीतन राम मांझी का दर्द और संतोष सुमन का यह कहना कि सब फिजूल बातें हैं, इससे लगता है कि बिहार विधानसभा चुनाव, 2025 में अधिक से अधिक सीटों पर दावेदारी करने और प्रेशर बनाने के लिए यह सब कवायद की जा रही है.
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लखीसराय: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी दुखी हैं. उनका दुख इस बात का है कि झारखंड विधानसभा चुनाव के अलावा दिल्ली विधानसभा चुनाव में भी उनकी पार्टी को लड़ने के लिए एक भी सीट नहीं दी गई. मांझी का कहना है कि हमें सीटें नहीं दी गईं फिर भी हमने एनडीए को सपोर्ट किया और अब भी कर रहे हैं. मांझी ने कहा कि हमें दोनों जगहों पर सीटें दी जानी चाहिए थी. दो दिन के लिए लखीसराय पहुंचे जीतनराम मांझी ने पत्रकारों से बातचीत में ये बातें कहीं.
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लखीसराय के अतिथि गृह में हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने जीतनराम मांझी का जोरदार स्वागत किया. इस मौके पर उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा, एनडीए एकजुट है. हालांकि झारखंड और दिल्ली विधानसभा चुनाव में सीट नहीं मिलने का दर्द है.
जीतनराम मांझी ने कहा, झारखंड और दिल्ली विधानसभा चुनाव में सीटें नहीं मिलीं. फिर भी एनडीए को मदद किया और कर भी रहे हैं. मांझी ने कहा, दोनों जगहों पर उन्हें सीटें दी जानी चाहिए थी.
पशुपति कुमार पारस के इस बयान पर कि दलित होने के कारण एनडीए में उन्हें तरजीह नहीं दी जा रही है, के सवाल पर जीतनराम मांझी ने कहा, ऐसी कोई बात नहीं है. उन्हें एनडीए में सम्मान दिया जा रहा है. उन्हें धैर्य रखना चाहिए. जहां जाने की सोंच रहे हैं, वहां कुछ नहीं है.
इससे पहले जहानाबाद में रविवार को पत्रकारों से बातचीत में जीतनराम मांझी ने कहा था, एनडीए ने हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) को कमजोर समझने की गलती की है. झारखंड और दिल्ली के चुनाव में औकात देखकर टिकट दिया गया था. अब बिहार में मैं अपनी औकात दिखाउंगा. मांझी ने कहा कि हम अपनी ताकत दिखाना चाहते हैं और कहना चाहते हैं कि झारखंड और दिल्ली में जिस तरह से आपने हमको धोखा दिया, वैसा धोखा यहां नहीं चलेगा.
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दूसरी ओर, जीतनराम मांझी के बेटे और बिहार सरकार में मंत्री संतोष सुमन ने मांझी के बयान को ही फिजूल बता दिया. HAM अध्यक्ष संतोष सुमन ने कहा, देखिए झारखंड में हम कोई सीट नहीं मांगे थे. दिल्ली में हमारा प्रतिनिधिमंडल बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष जी से मिलने गया था. उसके बाद कोई बातचीत नहीं हुई है. कहीं कोई बात ही नहीं हुई है, इसलिए ये सब फिजूल की बात है.