स्टारलिंक सैटलाइट की मदद से भारत में घुसे स्मगलर, जहाज में पकड़ी गई 36000 करोड़ की ड्रग्स
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स्टारलिंक सैटलाइट की मदद से भारत में घुसे स्मगलर, जहाज में पकड़ी गई 36000 करोड़ की ड्रग्स

Smugglers used Starlink for navigation in Andaman drug haul: इंडियन कोस्ट गार्ड ने अंडमान-निकोबार आइलैंड के पास से 6 हजार किलो की ड्रग्स जब्त की थी. अब इस मामले में पुलिस ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं. तस्करों ने अंडमान में नशीले पदार्थों की खेप में नेविगेशन के लिए स्टारलिंक का इस्तेमाल किया है. जानें पूरा मामला.

स्टारलिंक सैटलाइट की मदद से भारत में घुसे स्मगलर, जहाज में पकड़ी गई 36000 करोड़ की ड्रग्स

Drug worth Rs 36,000 crore seized: 24 नवंबर (रविवार) को अंडमान और निकोबार द्वीप समूह से करीब छह टन से ज़्यादा मेथमफेटामाइन ड्रग जब्त किया. ये अपने आप में बहुत बड़ी घटना थी. 6,000 किलोग्राम ड्रग मेथमफेटामाइन की कीमत लगभग 36,000 करोड़ रुपए है. अब इस मामले में पुलिस ने कई खुलासे किए हैं. हिंदुस्तान टाइम्स में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, तस्करों ने अंडमान में नशीले पदार्थों की खेप में नेविगेशन के लिए स्टारलिंक का इस्तेमाल किया था.

अंडमान और निकोबार में 36 करोड़ की ड्रग जब्त
अंडमान और निकोबार पुलिस ने गुरुवार को एक म्यांमारी जहाज से अत्याधुनिक उपग्रह संचार उपकरण और सेव किए गए नेविगेशन निर्देशांक बरामद किए, जिसे इस सप्ताह की शुरुआत में अधिकारियों ने क्षेत्र में अब तक की सबसे बड़ी नशीले पदार्थ की खेप के साथ पकड़ा था. जिसमें लगभग 6,000 किलोग्राम मेथमफेटामाइन ड्रग थी, जिसकी कीमत ₹36,000 करोड़ से अधिक है.

स्टारलिंक के जरिए खोज रहे थे रास्ता
क्राइम एंड इकोनॉमिक ऑफेंस पुलिस स्टेशन (सीएंडईओ) और इंडियन कोस्ट गार्ड (आईसीजी) द्वारा सोमवार को संयुक्त अभियान में रोकी गई नाव में रंगत और नील द्वीप के लिए स्टारलिंक उपकरण और जीपीएस वेपॉइंट सेव थे. एलन मस्क के स्पेसएक्स द्वारा संचालित स्टारलिंक, दूरदराज के समुद्री स्थानों में भी हाई-स्पीड सैटेलाइट इंटरनेट एक्सेस प्रदान करता है, जिससे यह पारंपरिक संचार नेटवर्क से दूर अवैध संचालन के समन्वय के लिए संभावित रूप से सबसे कारगर साबित हुआ है.

पुलिस ने क्या किया खुलासा
पुलिस महानिदेशक एचजीएस धईवाल ने कहा कि पुलिस ने मुख्य आरोपी, ज़ाय यार सोई के स्थान का पता लाओस, म्यांमार और थाईलैंड की सीमाओं के पास ताचिलेइक में लगाया गया है. एक ऐसा क्षेत्र जो ड्रग्स के स्वर्णिम त्रिभुज के रूप में कुख्यात है. उन्होंने कहा, "हमने 28 सितंबर और 7 अक्टूबर के उसके बोर्डिंग पास भी बरामद किए हैं, जब वह यांगून से ताचिलेइक गया था." जांच से पता चला है कि कई देशों में एक जटिल योजनाबद्ध ऑपरेशन चल रहा था. हिरासत में पूछताछ के दौरान, सोए ने दक्षिण-पूर्व एशिया में अपनी गतिविधियों के बारे में विस्तार से बताया है.

नाव खरीदी, मछली पकड़ने के लिए बनवाया कागज
धाईवाल ने कहा, "30 सितंबर को वे यांगून वापस आए और प्रशासनिक व्यवस्था करने के लिए वहां लगभग एक सप्ताह बिताया. 7 अक्टूबर को वे खरीदार के साथ अंतिम डिलीवरी प्वांइट तय करने के लिए म्यांमार-थाईलैंड सीमा पर स्थित क्वाथांग शहर के लिए हवाई यात्रा की." अक्टूबर के मध्य में, सोए क्वाथांग से मायिक गए, जहां उन्होंने एक नया इंजन वाली नाव खरीदी और उसका पंजीकरण कराया और मछली पकड़ने के परमिट प्राप्त किए.

जहास में रखा ड्रग
संभवतः जहाज को वैध मछली पकड़ने वाले ट्रॉलर के रूप में छिपाने का प्रयास किया. फिर वे यांगून पहुंचे और 7 नवंबर को पहुंचे. माल लोड करने के बाद जहाज 20 नवंबर को यांगून से क्वाथांग के लिए रवाना हुआ.

अंडमान में गए पकड़े
यह सफलता तब मिली जब नियमित गश्त पर निकले आईसीजी डोर्नियर विमान ने पोर्ट ब्लेयर से लगभग 150 किलोमीटर दूर बैरन द्वीप के पास संदिग्ध गतिविधि देखी. 23 नवंबर को आईसीजी जहाज अरुणा आसफ अली ने जहाज को रोका और अगले दिन उसे पकड़ लिया गया. नाव से ड्रग्स के 2-2 किलो के 3 हजार पैकेट मिले. नाव में म्यांमार के 6 नागरिक सवार थे. सभी को हिरासत में लिया गया.

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