Tomato Flu पर सरकार ने जारी की एडवाइजरी, इन बातों का रखें ध्यान, दूर करें कन्फ्यूजन
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Tomato Flu पर सरकार ने जारी की एडवाइजरी, इन बातों का रखें ध्यान, दूर करें कन्फ्यूजन

DNA Analysis: लैंसेट के मुताबिक भारत में एक नई बीमारी की शुरुआत हुई है. आगे इस मैगजीन में ये लिखा है कि ये बीमारी हाथ, पैर और मुंह की बीमारी का एक नया वेरिएंट है. लैंसेट के मुताबिक अगर इस बीमारी को फैलने से नहीं रोका गया तो ये बच्चों के बाद बड़े लोगों में भी फैल सकता है.

Tomato Flu पर सरकार ने जारी की एडवाइजरी, इन बातों का रखें ध्यान, दूर करें कन्फ्यूजन

DNA Analysis: देश में एक बीमारी Tomato Flu के बारे में आजकल खूब चर्चा हो रही है. अक्सर किसी नई बीमारी का नाम आता है तो इसको लेकर अफवाह और Whatsapp पर अधूरा ज्ञान शुरू हो जाता है. इसलिए आपको Tomato Flu बीमारी के बारे में हर जरुरी जानकारी बताएंगे. जिससे इस बीमारी को लेकर आपका हर कंफ्यूजन और डर दूर हो जाएगा और आप आसानी से इस बीमारी का सामना कर सकेंगे. इस बीमारी के बारे में विस्तार से बताने से पहले आपको इस बीमारी पर छपी एक रिपोर्ट के बारे में जानना जरुरी है. क्योंकि ये रिपोर्ट मेडिकल क्षेत्र से जुड़ी दुनिया के मशहूर मैगजीन में छपी है और इस बीमारी को लेकर डराने की कोशिश की गई है.

भारत में एक नई बीमारी की शुरुआत

17 अगस्त को द लैंसेट  में एक रिसर्च पेपर छपा था जिसमें कहा गया है कि Tomato Flu एक नया वायरस है. द लैंसेट एक ब्रिटिश मैगजीन है. इस मैगजीन में लिखा है कि ये rare viral infection है और भारत के केरल से शुरू हुआ है. यानी लैंसेट के मुताबिक भारत में एक नई बीमारी की शुरुआत हुई है. आगे इस मैगजीन में ये लिखा है कि ये बीमारी हाथ, पैर और मुंह की बीमारी का एक नया वेरिएंट है. लैंसेट के मुताबिक अगर इस बीमारी को फैलने से नहीं रोका गया तो ये बच्चों के बाद बड़े लोगों में भी फैल सकता है.

स्वास्थ्य मंत्रालय ने जारी की एडवाइजरी

इस बीमारी को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी एक एडवाइजरी जारी की है. इसमें कहा गया है कि ये यह कोई नई बीमारी नहीं है. यानी लैंसेट का दावा कि ये एक नया वायरस है निराधार है. स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि हाथ, पैर और मुंह की बीमारी का ये केवल क्लिनिकल वेरिएंट है. आने वाले समय में इस बीमारी के बारे में और ज्यादा जानकारी मिलती है तो इस बारे में लोगों को बताया जाएगा. ऐसे में ये सवाल उठता है कि इस बीमारी को एक नए वायरस के तौर पर लैंसेट मैगजीन ने आखिर क्यों बताया. नए वायरस बताने के लिए कई अलग-अलग टेस्ट किए जाते हैं...क्लिनिकल डेटा जुटाए जाते है. फिर जो रिपोर्ट आती हैं उसके आधार पर बताया जाता है ये वायरस नया है या नहीं. तो ऐसे में सवाल उठता है कि क्या लैंसेट ने ऐसा कोई रिसर्च या टेस्ट किया था. क्या उसने कोई डेटा जुटाए थे. अगर डेटा और रिसर्च नहीं है उसने कैसे इसे एक नए वायरस के तौर पर लिखा. क्या जानबूझकर इस बीमारी को लेकर डराने की कोशिश की जा रही है. क्योंकि स्वास्थ्य मंत्रालय ने जो एडवाइजरी जारी की है उसमें साफ तौर पर कहा गया है कि ये सामान्य बीमारी है और आसानी से ठीक हो जाती है.

सरकार द्वारा जारी एडवाइजरी

डॉक्टरों का कहना है कि बीमारी से डरने की जरुरत नहीं और ना ही ये कोई नया वायरस है. ना ही किसी अफवाह पर ध्यान देना है. अभी तक देश में 100 से ज्यादा Tomato Flu के मामले आ चुके हैं. बच्चे 5 से 7 दिनों ठीक हो रहे हैं. सरकार ने जो एडवाइजरी जारी की है उसके मुताबिक ये एक वायरल रोग है और इसके इलाज के लिए कोई विशेष दवा नहीं है. इसमें वायरल संक्रमण जैसे लक्षण दिखते हैं. जिसमें बुखार, थकान, बदन दर्द है. इसके अलावा इस बीमारी में त्वचा पर फफोले बनता है. इस एडवाइजरी में ये भी बताया गया है कि इस बीमारी का SARS-CoV-2, मंकीपॉक्स, डेंगू या चिकुनगुनिया से कोई संबंध नहीं है. ये रोग हाथ, पैर और मुंह की बीमारी यानी HFMD का ही एक रुप है . ये बीमारी 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में होता है. लेकिन कुछ दिनों के बाद ये ठीक हो जाता है

इस बीमारी को Tomato Flu क्यों कहा जा रहा?

अब आपको बताते हैं कि इस बीमारी को Tomato Flu क्यों कहा जा रहा...शुरुआत में जब इस बीमारी के लक्षण केरल में मिले थे लोगों ने इस लक्षण के आधार पर ही इसे Tomato Flu कहना शुरू कर दिया था. ये कोई आधिकारिक नाम नहीं बल्कि सामान्य बोलचाल के बाद इसका ये नाम हो गया. इस बीमारी का मुख्य लक्षण है कि इसमें शरीर के कई हिस्सों पर टमाटर के आकार के फफोले पड़ जाते हैं. ये फफोले लाल रंग के छोटे फफोले के रूप में शुरू होते हैं और बड़े होने पर टमाटर के समान होते हैं. इसकी शुरुआत बुखार, भूख नहीं लगने, गले में खराश, नाक से पानी निकलने से शुरू होती है. बुखार शुरू होने के एक या दो दिन बाद, छोटे लाल धब्बे दिखाई देते हैं, जो फफोले में बदल जाते हैं.

आपको क्या करना चाहिए

आपको यहां ये भी जानना चाहिए कि अभी तक किसी बड़े व्यक्ति में इसके लक्षण नहीं मिले हैं. जबकि जो बच्चे इससे संक्रमित हुए हैं उनकी देखभाल डॉक्टर के अलावा उनके माता-पिता भी कर रहे हैं. अब आपको सुनाते हैं कि इस बीमारी पर अलग-अलग डॉक्टरों की क्या राय है. उसके बाद आपको बताएंगे कि बच्चे जब इससे संक्रमित हो जाए तो आपको क्या करना चाहिए.

Tomato Flu के अबतक जो मामले आए हैं उसमें ये पाया गया है कि ये बुखार 1 साल से लेकर 10 साल तक के बच्चों को हो रहा है उसमें भी ज्यादातर बच्चे 1 से 5 साल के बीच के है. इसलिए इस बीमारी में बच्चों का खास ख्याल रखना जरुरी है. क्योंकि छोटे बच्चे में अपनी सेहत को लेकर समझ नहीं होती है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने सावधानी के तौर पर कई सलाह दिए हैं.

-संक्रमित बच्चे को सबसे अलग रखें और बच्चे को ना तो गले लगाएं ना ही छुएं.
-बच्चे की स्वच्छता का खास ख्याल रखें.
-उसके कपड़े लगातार बदलते रहें.
-नाक से पानी निकलने पर या खांसने के दौरान रुमाल का इस्तेमाल जरुर करें जिससे दूसरे बच्चों में संक्रमण फैलने का खतरा कम हो.
-संक्रमित बच्चे के कपड़े और सभी बरतन अलग रखें.
-बच्चों में अक्सर अंगूठा या उंगली चूसने की आदत होती है उसे रोकें.
-बच्चे के शरीर में जो फफोले है उसे ना तो रगड़ें ना ही खरोंचे.
-हर बार सफाई के दौरान जब फफोले को छूते हैं, तो उसके तुरंत बाद अपने हाथों को साबुन से जरुर धोएं.
-बच्चों को साफ करने या नहलाने के लिए गर्म पानी का इस्तेमाल करें.
-बच्चे को लगातार पानी, दूध, जूस देते रहें जिससे शरीर में पानी की कमी नहीं हो.
-अक्सर जब बच्चे बीमार होते हैं तो वो सो नहीं पाते हैं. इस बात का ख्याल रखें कि बच्चा आराम करे और अच्छी नींद ले.

इस बीमारी की जांच कैसे की जा सकती है?
 
सरकार के एडवाइजरी के मुताबिक गले से और नाक से सैंपल लेकर इस बीमारी की जांच की जा सकती है. बीमार होने के 48 घंटे के भीतर ये टेस्ट किए जा सकते हैं. स्टूल सैंपल के जरिए भी इस बीमारी का पता लगाया जा सकता है. इसके अलावा शरीर पर बने फफोले के फ्लुएड को निकालकर भी टेस्ट किया जा सकता है. अब आपको Tomato Flu के इलाज के बारे में बताते हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक अभी तक इस बीमारी को लेकर कोई विशेष दवा नहीं आई है. और ना ही ये कोई नई बीमारी है. तो जब किसी बच्चे को ये बीमारी के लक्षण दिखें तो घबराएं नहीं. डॉक्टर से मिले और उनके मुताबिक इलाज कराएं. Tomato Flu कोरोनावायरस की तरह तेज़ी से नहीं फैलता और ना ही मंकीपॉक्स की तरह जानलेवा है. बस थोड़ी सावधानी, साफ-सफाई से इस बीमारी से ठीक हो सकते हैं.इसलिए इस बीमारी को लेकर किसी भी अफवाह पर बिल्कुल ध्यान नहीं दें. बच्चों का ख्याल रखें.

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