Samajwadi Party: समाजवादी पार्टी के जम्मू-कश्मीर में चुनाव लड़ने की घोषणा पर नेशनल कांफ्रेंस ने स्वागत किया है. जबकि भाजपा ने इसे इंडिया एलायंस की साजिश बताते हुए कहा है कि ये दल जम्मू-कश्मीर के लोगों को बरगलाने का प्रयास कर रहे हैं.
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Jammu-Kashmir Election: जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद होने जा रहे विधानसभा चुनावों के मद्देनज़र सियासी हलचल तेज़ हो गई है. राष्ट्रीय और क्षेत्रीय दलों के बीच चुनावी तैयारियां जोरों पर हैं. जम्मू-कश्मीर में नेशनल कांफ्रेंस और पीडीपी जैसी क्षेत्रीय पार्टियों का वर्चस्व पहले से ही मजबूत है, जबकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस का प्रभाव भी काफ़ी है. इस बीच, समाजवादी पार्टी ने भी अपने चुनावी अभियान की शुरुआत कर दी है.
असल में समाजवादी पार्टी ने जम्मू में एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम के दौरान जम्मू-कश्मीर में अपने प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा की है. समाजवादी पार्टी ने जिया लाल वर्मा को जम्मू-कश्मीर का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया है.
अखिलेश यादव के निर्देश पर..
समाजवादी पार्टी के जम्मू-कश्मीर में प्रवेश और आगे की रणनीति पर चर्चा करते हुए जिया लाल वर्मा ने ज़ी मीडिया से कहा, "पहले भी जम्मू-कश्मीर में समाजवादी पार्टी की इकाई थी, लेकिन अब तक हमने चुनाव नहीं लड़े. अब पार्टी विस्तार के उद्देश्य से राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश पर समाजवादी विचारधारा को जम्मू-कश्मीर में फैलाना चाहती है. आगामी विधानसभा चुनावों में समाजवादी पार्टी पूरी ताकत के साथ चुनाव मैदान में उतरेगी.
उन्होंने आगे कहा कि वर्तमान में भाजपा की नीतियों से जनता में नाराज़गी है और लोकसभा चुनावों में समाजवादी पार्टी के तीसरी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरने से यह साबित होता है कि लोग समाजवादी विचारधारा से जुड़ना चाहते हैं.
पार्टी के संपर्क में 20 उम्मीदवार हैं
जिया लाल वर्मा ने जानकारी दी कि फिलहाल पार्टी के संपर्क में 20 लोग हैं जो चुनाव लड़ने की इच्छा रखते हैं. आने वाले दिनों में राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात के बाद तय किया जाएगा कि किन लोगों को कहां से चुनाव लड़ाया जाएगा. वर्मा ने यह भी स्पष्ट किया कि समाजवादी पार्टी नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस के प्री-पोल एलायंस का सम्मान करती है और इंडिया एलायंस के तहत चुनाव लड़ना चाहती है.
हालांकि यदि ऐसा नहीं हो पाता है, तो कुछ सीटों पर 'फ्रेंडली' चुनाव लड़ने का विकल्प भी खुला रहेगा. अनुच्छेद 370 और 35A पर पूछे गए सवाल के जवाब में वर्मा ने कहा कि समाजवादी पार्टी जम्मू-कश्मीर के लोगों की डोगरा पहचान, स्टेट सब्जेक्ट, विशेष राज्य का दर्जा, और अन्य क्षेत्रीय मुद्दों पर चुनाव लड़ेगी.
नेशनल कांफ्रेंस ने स्वागत किया
समाजवादी पार्टी के जम्मू-कश्मीर में चुनाव लड़ने की घोषणा पर नेशनल कांफ्रेंस ने स्वागत किया है, जबकि भाजपा ने इसे इंडिया एलायंस की साजिश बताते हुए कहा है कि ये दल जम्मू-कश्मीर के लोगों को बरगलाने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन जनता अब इनकी असलियत समझ चुकी है और भाजपा को ही वोट देगी.
नेशनल कांफ्रेंस ने भी समाजवादी पार्टी के चुनाव लड़ने का समर्थन करते हुए कहा है कि यह एक स्वागत योग्य कदम है. हालांकि, उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी को यह सोचने की जरूरत है कि वह जम्मू-कश्मीर में किस तरह चुनाव लड़ेगी, क्योंकि यहां के मुद्दे हमेशा से अलग रहे हैं.
वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक सोहैल काजमी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद चुनाव हो रहे हैं और यह अच्छी बात है कि अधिक से अधिक पार्टियां और लोग चुनाव में हिस्सा ले रहे हैं. क्षेत्रीय पार्टियों के पुराने मुद्दों से जनता ऊब चुकी है और समाजवादी पार्टी की नई विचारधारा जम्मू-कश्मीर की राजनीति में ताजगी ला सकती है. यदि समाजवादी पार्टी यहां मेहनत करती है, तो भविष्य में वह एक बड़ी पार्टी बनकर उभर सकती है.