mp news-राजगढ़ के एक गांव में ग्रामीणों ने बंदर का रिति-रिवाजों के साथ अंतिम संस्कार किया. बंदर की मौत के बाद पूरे गांव में शोक की लहर छा गई. ग्रामीण बंदर को हनुमान का स्वरूप मानते थे.
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madhya pradesh news-मध्यप्रदेश के राजगढ़ से एक अनोखा मामला सामने आया है, जहां एक बंदर की मौत से पूरे गांव में शोक की लहर छा गई. इतना ही नहीं शनिवार को बंदर की मौत के बाद ग्रामीणों ने उसका अंतिम संस्कार किया. ग्रामीणों ने बंदर को भगवान हनुमान का स्वरूप मानते हुए पूरे धार्मिक रीति-रिवाज के साथ उसकी अंतिम यात्रा निकाली.
इस घटना के सामने आने के बाद यह चर्चा का विषय बन गई है, लोग ग्रामीणों की सराहना कर रहे हैं.
ग्रामीणों को मिला था बंदर
पूरा मामला राजगढ़ जिले के खिलचीपुर तहसील के बड़ा गांव चितावलिया का है. जानकारी के अनुसार, शुक्रवार को गांव के लोगों को गांव में ही एक बीमार बंदर मिला था. ग्रामीणों ने उसकी देखभाल की और भोजन-पानी की व्यवस्था की, लेकिन रात में उसकी मौत हो गई. सुबह जैसे ही बंदर की मौत के खबर फैला, बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक पूरा गांव शोक में डूब गया.
बैंड-बाजे के साथ निकाली अंतिम यात्रा
ग्रामीणों ने हिंदू रीति-रिवाजों के साथ अंतिम संस्कार किया. बंदर की अंतिम यात्रा के लिए डोल सजाया गया और बैंड-बाजे बुलाए गए. इस अनोखी विदाई में सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण शामिल हुए. महिलाएं भजन गाते हुए अंतिम यात्रा में चलीं. गांव के प्रमुख और अन्य ग्रामीणों के बाहर स्थित शांति धाम में बंदर का अंतिम संस्कार किया गया.
बंदर को माना भगवान का स्वरूप
गांव के प्रमुख राजेश दांगी ने बताया कि हिंदू धर्म में बंदर को भगवान हनुमान का स्वरूप माना जाता है, इसलिए उन्होंने पूरे सम्मान और विधि-विधान के साथ उसकी अंतिम यात्रा निकाली. यह घटना गांव की धार्मिक भावनाओं और करुणा का अनूठा उदाहरण पेश करती है.
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