41 दिन बाद ट्रॉलों से नीचे उतारा यूनियन कार्बाइड का कचरा, भोपाल से पहुंचा था पीथमपुर
Advertisement
trendingNow1/india/madhya-pradesh-chhattisgarh/madhyapradesh2645814

41 दिन बाद ट्रॉलों से नीचे उतारा यूनियन कार्बाइड का कचरा, भोपाल से पहुंचा था पीथमपुर

Union Carbide Waste: भोपाल से पीथमपुर पहुंचा यूनियन कार्बाइड का कचरा 41 दिन बाद ट्रॉलों से नीचे उतारा गया है. यह कचरा अब रामकी कंपनी में इसी तरह से पड़ा था.

पीथमपुर में ट्रॉलो से उतारा गया कचरा

MP News: भोपाल से पीथमपुर भेजा गया यूनियन कार्बाइड का जहरीले कचरा 41 दिन बाद ट्रॉलों से खाली किया गया है. क्योंकि इस कचरे को पीथमपुर में जलाने के लिए लाया गया था, लेकिन यहां कचरे का विरोध हो रहा था, जिसके चलते पिछले 41 दिनों से कचरा कंटेनरों में भी भरा था, लेकिन गुरुवार को इसे ट्रॉलों से नीचे उतार दिया गया है, यह कचरा रामकी कंपनी में जलाया जाएगा, 12 कंटेनरों में यह कचरा भरा हुआ है, फिलहाल इसे अभी तक बाहर नहीं निकाला गया है, लेकिन धार जिले के कलेक्टर का कहना है कि सभी प्रक्रिया की सीसीटीवी से निगरानी की जाएगी. 

12 लाख हो गया था ट्रॉलों का किराया 

दरअसल, जिन ट्रॉलों से यह कचरा भोपाल से चलकर पीथमपुर लाया गया था, उसे खाली नहीं करने चलते 41 दिनों में ट्रॉलों का किराया ही 12 लाख रुपए हो चुका है, क्योंकि कचरे के पीथमपुर पहुंचते ही इसका विरोध शुरू हो गया था, जबकि यह मामला भी हाईकोर्ट में पहुंच गया था, ऐसे में भले ही ट्रॉलों से कचरे को उतार दिया गया है, लेकिन हाईकोर्ट के निर्देश के बाद ही कचरे को कंटेनरों से बाहर निकाला जाएगा. धार जिला प्रशासन का कहना है कि कंटेनरों का खर्चा बढ़ गया था, जिसके चलते ट्रॉलो से कचरा उतारा गया है. 

ये भी पढ़ेंः यात्रियों ने नहीं खोले फाटक तो मालगाड़ी में ही बैठ गए श्रद्धालु, महाकुंभ जाने से पहले पहुंच जाते छत्तीसगढ़

2 जनवरी को पीथमपुर आया था कचरा 

धार जिले के कलेक्टर प्रियंक मिश्र ने बताया कि 12 कंटेनरों से यह कचरा भोपाल से चलकर 2 जनवरी को पीथमपुर लाया गया था. लेकिन कचरे का पीथमपुर में विरोध शुरू हुआ था, जिसके चलते यह 41 दिन से ऐसे ही पड़ा था. कलेक्टर ने कहा कि यूका के कचरे के निष्पादन के लिए पूरी सावधानी और पारदर्शिता बरती जाएगी, इस प्रक्रिया को सभी को विश्वास मे लेकर ही आगे बढ़ाया जाएगा, सीसीटीवी से पूरी निगरानी होगी. लेकिन फिलहाल कचरे को ट्रॉलों से नीचे उतारना जरूरी था, क्योंकि जिला प्रशासन पर इसका खर्चा बढ़ रहा था. 

बता दें कि भोपाल गैस कांड के बाद यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री का यह कचरा लंबे समय से भोपाल में ही पड़ा था, जिसे पीथमपुर में जलाने का फैसला हुआ था. जिसके बाद इसे भारी सुरक्षा के बीच भोपाल से पीथमपुर लाया गया था. 

ये भी पढ़ेंः MP में OBC को 27 प्रतिशत आरक्षण के पक्ष में BJP सरकार, CM मोहन ने दिया बड़ा बयान

मध्य प्रदेश नवीनतम अपडेट्स के लिए ज़ी न्यूज़ से जुड़े रहें! यहां पढ़ें MP Breaking News in Hindi हर पल की जानकारी । मध्य प्रदेश  की हर ख़बर सबसे पहले आपके पास, क्योंकि हम रखते हैं आपको हर पल के लिए तैयार। जुड़े रहें हमारे साथ और बने रहें अपडेटेड! 

Trending news