बारिश का दौर शुरू होते ही लोग टूटे हुए देशी खपरैल व अंग्रेजी कबेलू बदलने में जुट गए हैं. गरीब लोग कच्चे मकानों पर बरसाती डालने में लगे हैं.
Trending Photos
Kekri: बारिश से बचने के लिए कच्चे मकानों में रहने वाले लोगों ने अपनी घरों की सुरक्षा शुरू कर दी है. कोई खपरैल बदल रहा है, तो कोई बरसाती बिछाकर अपने घरों को बारिश से बचाने में लगा है ताकि बारिश के दौरान उनके घरों में पानी ना भरे और वे आराम से घर में रह सकें.
बरसात शुरू होते ही लोगों ने यह कार्य शुरू कर दिया था और लोग अपने-अपने मकानों के छान-छप्पर व खपरैलों को सुधार रहे हैं. हालांकि छप्पर सुधारने का कार्य पूरे एक माह बाद शुरू हुआ नहीं तो लोग अपने छान-छप्पर सुधारने का कार्य जून माह के प्रथम सप्ताह में ही शुरू देते थे.
बारिश का दौर शुरू होते ही लोग टूटे हुए देशी खपरैल व अंग्रेजी कबेलू बदलने में जुट गए हैं. गरीब लोग कच्चे मकानों पर बरसाती डालने में लगे हैं. कच्चे मकानों पर लोग मिट्टी का लेप कर रहे हैं ताकि वर्षा के समय छत से पानी नहीं टपक सके इसी तरह केलू की भी मरम्मत कर रहे हैं.
बारिश शुरू होते ही रेनकोट व छातों की बिक्री बढ़ गई है और दुकानदारों को काफी राहत मिली है और अपेक्षित ग्राहकी होने लगी है. बताया जा रहा है कि बड़े दुकानदार अप्रैल-मई माह में ही रैनकोट व छातों का स्टॉक कर लेते हैं लेकिन दो दिन की बारिश के बाद ही लोग रेनकोट व छाते खरीद रहे हैं.
इसके साथ ही पुराने छाता सुधारने वालों के यहां भी भीड़ लगना शुरू हो गई है और लोग अपने खराब छाते सुधरवाने के लिए वहां जा रहे हैं. इसके चलते छाता सुधारकों के चेहरे पर भी रौनक आ आई है. इस साल नए छातों के दाम अधिक होने से लोग पुराने छातों को ही सुधरवाकर काम चला रहे हैं.
ये भी पढ़ें- ख्वाजा गरीब नवाज दरगाह खादिम की गिरफ्तारी पर दरगाह दीवान ने पीएम मोदी से की ये अपील
अपने जिले की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें