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Rajya Sabha Election 2022: राज्यसभा की खाली हो रही 57 सीटों के लिए 10 जून को इलेक्शन कराए जाएंगे. इन चुनावों में राज्यों के विधायक वोट डालेंगे. ऐसे में सभी पार्टियां अपने-अपने विधायकों की घेराबंदी के लिए सक्रिय हो गई हैं. सबसे ज्यादा गहमागहमी हरियाणा में देखने को मिल रही है, जहां कांग्रेस अपने विधायकों की निष्ठा को लेकर फिक्रमंद बताई जा रही है.
चुनाव आयोग के नोटिफिकेशन के मुताबिक हरियाणा से राज्यसभा की 2 सीटों के लिए चुनाव (Rajya Sabha Election 2022) होना है. इसमें संख्याबल के लिहाज से बीजेपी के प्रत्याशी और पूर्व मंत्री कृष्ण लाल पंवार का राज्यसभा में जाना तय है. दूसरी सीट उलझी हुई है. कांग्रेस ने दूसरी सीट पर अपने दिग्गज नेता और गांधी परिवार के वफादार अजय माकन (Ajay Maken) को मैदान में उतारा है. वहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री विनोद शर्मा ने अपने बेटे कार्तिकेय शर्मा (Kartikeya Sharma) को राज्यसभा चुनाव में उतारकर अजय माकन का खेल बिगाड़ दिया है.
अजय माकन (Ajay Maken) के लिए दिक्कतें इसलिए भी बढ़ गई हैं क्योंकि हरियाणा असेंबली के पूर्व स्पीकर और कांग्रेस नेता कुलदीप शर्मा भी अपने दामाद कार्तिकेय शर्मा (Kartikeya Sharma) का समर्थन कर रहे हैं. जननायक जनता पार्टी के 8 और एक निर्दलीय विधायक ने कार्तिकेय शर्मा को अपना खुला समर्थन दे दिया है. ऐसे में कांग्रेस को हरियाणा के राज्यसभा चुनाव (Rajya Sabha Election 2022) में भीतरघात का डर सता रहा है. पार्टी नेताओं को आशंका है कि अगर कांग्रेस के 30 विधायकों में 10-15 विधायक भी टूटकर कार्तिकेय के समर्थन में चले गए तो पार्टी के हाथ से जीत छिटक सकती है.
इसे देखते हुए कांग्रेस ने अपने हरियाणा के विधायकों को रोकने के लिए प्लान बनाया है. पुख्ता सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक हरियाणा कांग्रेस के प्रभारी विवेक बंसल समेत कांग्रेस के सभी विधायक छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर ले जाए जाएंगे. इसके लिए पार्टी की ओर से स्पेशल प्लेन का इंतजाम किया जा रहा है, जिसके जरिए हरियाणा कांग्रेस के सभी विधायकों को भरकर रायपुर ले जाया जाएगा.
9 जून तक विधायकों पर रहेगी सख्त निगरानी
राज्यसभा चुनाव के लिए 10 जून को वोटिंग (Rajya Sabha Election 2022) होनी है. यह वोटिंग अपने-अपने राज्यों की असेंबली में ही होती है. इसलिए माना जा रहा है कि इन विधायकों को 9 जून तक रायपुर में ही रहना होगा. यह भी संभावना जताई जा रही है कि इन विधायकों से फोन ले लिए जाएं या फिर उनके मोबाइल फोन पर आने वाली कॉल्स पर निगरानी रखी जाए. कुल मिलाकर राज्यसभा चुनाव ने हरियाणा में राजनीति की तपिश एक बार फिर बढ़ा दी है. इस तपिश का नतीजा 10 जून के बाद दिखेगा, जब राज्यसभा चुनाव के नतीजे सामने आएंगे.
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