AMU History: अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी का इतिहास 150 साल पुराना, कैसे और कब मिला अल्पसंख्यक दर्जा
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AMU History: अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी का इतिहास 150 साल पुराना, कैसे और कब मिला अल्पसंख्यक दर्जा

Aligarh Muslim University Hiistory: अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी पुराने इतिहास को समेटे हैं. इस संस्थान से निकलकर कई बड़ी हस्तियों ने दुनिया में नाम कमाया है. पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री लियाकत अली खान भी इसी यूनिवर्सिटी से पढ़े हैं. इसके अलावा भी एएमयू से कई बड़ी उपलब्धियां जुड़ी हैं.

AMU Hiistory

AMU Hiistory: अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के अल्पसंख्यक दर्जा बरकरार रहेगा. सुप्रीम कोर्ट ने 8 नवंबर यानी आज यह बड़ा फैसला सुनाएगा. यूपी की ये यूनिवर्सिटी करीब 150 साल पुराने इतिहास को समेटे हैं. अलीगढ़ आंदोलन से शुरू होने वाले इस संस्थान से निकलकर कई बड़ी हस्तियों ने दुनिया में नाम कमाया है. पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री लियाकत अली खान भी इसी यूनिवर्सिटी से पढ़े हैं. इसके अलावा भी एएमयू से कई बड़ी उपलब्धियां जुड़ी हैं. 
 
1875 में हुई AMU की स्थापना
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की गिनती यूपी ही नहीं बल्कि भारत के प्रमुख विश्वविद्यालयों में होती है. अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की स्थापना 1875 में सर सैयद अहमद खान की अगुवाई में मुस्लिम समुदाय के सदस्यों ने मोहम्मडन एंग्लो-ओरिएंटल कॉलेज के रूप में की गई थी. 1920 में इसे सेंट्रल यूनिवर्सिटी का दर्जा मिला. कैंम्ब्रिज यूनिवर्सिटी की दर्ज पर एएमयू  ब्रिटिश राज में बना पहला उच्च संस्थान था. एएमयू का गठन 1920 के एक्ट से हुआ था. एएमयू अधिनियम में 1981 के संशोधन के जरिए  इसे प्रभावी रूप से अल्पसंख्यक दर्जा दिया था.

 

कई दिग्गज हस्तियों ने ली तालीम
एएमयू से कई दिग्गज हस्तियों ने पढ़ाई की है. कई बड़े मुस्लिम नेता, उर्दू लेखक और विद्वानों ने यहां से शिक्षा हासिल की. यहां से पढ़ने वाले लोग आज दुनिया में डंका बजा रहे हैं. एएमयू को आज भले मुस्लिम संस्थान के तौर पर देखा जाता हो लेकिन इससे ग्रेजुएट होने वाले पहले शख्स हिंदू थे, जिनका नाम था ईश्वरी प्रसाद. आज दुनिया भर से छात्र पढ़ाई करने आते हैं. पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री भी यहीं से पढ़े हैं.

यूनिवर्सिटी के लिए अलीगढ़ क्यों चुना गया?
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के लिए अलीगढ़ को ही चुनने के पीछ एक खास वजह बताई जाती है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बनारस में सर सैयद अहमद खान ने कहा था कि हम कोई मदरसा या कॉलेज नहीं बना रहे हैं. हम भविष्य की यूनिवर्सिटी बनाने का सपना देख रहे हैं. यह यूनिवर्सिटी ऐसी जगह होगी जहां की आबोहवा सबसे अच्छी हो. यहां न बाढ़ आए न सूखा पड़े. लंबे मंथन के बाद में अलीगढ़ को इसके लिए चुना गया था. 

AMU  की हस्तियों को मिले सर्वोच्च सम्मान
AMU से आने वाले डॉक्टर जाकिर हुसैन, खान अब्दुल गफ्फार खान को भारत रत्न से नवाजा गया था. इसके अलावा जाकिर हुसैन, मुहम्मद इब्राहिम, बसीर हुसैन जैदी, आवेद सिद्दीकी, राजा राव, एआर किदवई को पद्मविभूषण और  शेख मोहम्मद अब्दुल्लाह, सैयद जुहूर कासिम, आले अहमद सुरूर, नसीरुदीन शाह, इरफान हबीब और अशोख सेठ को पद्मभूषण से सम्मानित किया जा चुका है.

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