Magh Purnima 2025: 12 फरवरी को महाकुंभ का 5वां स्नान पर्व माघी पूर्णिमा को है. इस दिन ग्रह-नक्षत्रों का अद्भुत योग बन रहा है. माघी पूर्णिमा स्नान पर्व के साथ संगम क्षेत्र में चल रहा माहभर का कल्पवास खत्म हो जाएगा. जानिए ग्रह-नक्षत्रों का अद्भुत योग.
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Magh Purnima 2025: सनातन धर्म में माघी पूर्णिमा स्नान का खास महत्व है. कहा जाता है कि इस दिन गंगा में स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है. इस बार 12 फरवरी को माघी पूर्णिमा है. इसी दिन महाकुंभ का पांचवां स्नान पर्व है. माघी पूर्णिमा पर ग्रह-नक्षत्रों का अद्भुत योग बन रहा है. ऐसे में संगम में स्नान करने के लिए श्रद्धालु प्रयागराज पहुंच रहे हैं. यहां संगम में डुबकी लगाने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं.
ग्रह-नक्षत्रों का संयोग
ज्योतिष के जानकारों की मानें तो 11 फरवरी की शाम 6.30 बजे पूर्णिमा तिथि लगेगी, जो 12 फरवरी की शाम 6.41 बजे तक रहने वाली है. इससे बुधवार को दिनभर पूर्णिमा का प्रभाव रहने वाला है. 12 फरवरी की सुबह 8.01 बजे तक श्लेषा नक्षत्र और सौभाग्य योग है. इसके बाद शोभन योग लगेगा. कुंभ राशि में बुध व शनि, मीन राशि में शुक्र व राहु संचरण करने वाले हैं, जो बेहद उत्तम माना जाता है. इस दिन संगम क्षेत्र में चल रहा कल्पवास खत्म हो जाएगा. स्नान के बाद ज्यादातर संत और श्रद्धालु क्षेत्र से रवाना हो जाएंगे.
स्नान-दान का महत्व
माघ पूर्णिमा के बाद फाल्गुन माह की शुरुआत हो जाती है. इसी तिथि पर भगवान विष्णु ने मत्स्य अवतार लिया था. सनातन धर्म में गंगा स्नान, दान और भगवान सत्यनारायण की कथा सुनने, भगवान विष्णु, मां लक्ष्मी और चंद्रदेव की पूजा करने का खास महत्व है. इस तिथि पर गाय, तिल, गुड़ और कंबल का दान पुण्य फल देता है. गंगा में स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है.
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