अमृत स्नान के बाद भी संगम में क्यों उमड़ रहा जनसैलाब? इन 5 कारणों से बदला इस महाकुंभ का नजारा
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अमृत स्नान के बाद भी संगम में क्यों उमड़ रहा जनसैलाब? इन 5 कारणों से बदला इस महाकुंभ का नजारा

 Prayagaj Mahakumbh 2025: प्रयागराज महाकुंभ में अब तक 40 करोड़ श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगा चुके हैं, अभी भी लोगों के संगम आने का सिलसिला जारी है. ऐसे में चर्चा हो रही है कि श्रद्धालु संगम की ओर कूच करने की वजह क्या हैं.

Mahakumbh 2025

Mahakumbh 2025: प्रयागराज महाकुंभ में तीन अमृत स्नान हो चुके हैं लेकिन अभी भी श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ने में कोई कमी नहीं दिख रही है. महाकुंभ में बड़ी संख्या में लोगों के पहुंचने के चलते रेलवे और स्थानीय प्रशासन ने कई नयी व्यवस्थाएं की हैं. कई क्षेत्रों में ट्रैफिक जाम और अन्य दिक्कतों के बावजूद महाकुंभ नगर में श्रद्धालुओं के पहुंचने का सिलसिला बदस्तूर जारी है. ऐसी क्या वजह है कि श्रद्धालुओं को संगम अपनी ओर खींच रहा है.

महाकुंभ में भीड़ की वजह?
महाकुंभ में मौनी अमावस्या और बसंत पंचमी पर तो श्रद्धालुओं का जनसैलाब दिखता था लेकिन इसके बाद इतनी भीड़ पहले कभी नहीं देखी गई. बसंत पंचमी के स्नान के बाद ज्यादातर स्थानीय लोग ही यहां स्नान करते दिखाई देते थे लेकिन इस बार महाकुंभ का नजारा बदला और श्रद्धालुओं से भरा हुआ नजर आ रहा है. यही वजह है कि इसके पीछे के कारणों पर चर्चा हो रही है. आइए जानते हैं इसके पीछे क्या वजह है.

दुर्लभ संयोग
कुंभ हर 12 साल पर आता है लेकिन इस बार महाकुंभ को लेकर खास संयोग है. 144 साल बाद ग्रह-नक्षत्रों का संयोग बन रहा है जो समुद्र मंथन के समय बना था. इस खास मौके पर हर कोई संगम में आस्था की डुबकी लगाकर पुण्य का भागीदार बनना चाहता है.

बेहतर कनेक्टिविटी
प्रयागराज की रोड, रेलवे और एयर कनक्टिविटी बेहतर हुई है. जिसे श्रद्धालुओं को यहां आने की बड़ी वजह माना जा रहा है. पहले ट्रेन से दूर दराज से आने वाले ज्यादातर श्रद्धालु ट्रेन से ही आते थे. लेकिन रोड कनेक्टिविटी बेहतर होने से अब दूसरे राज्यों के लोग भी वाहनों से वाय रोड यहां कूच कर रहे हैं. 

डिजिटल प्रचार
महाकुंभ में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ने के पीछे इसका डिजिटल प्रचार प्रसार भी अहम फैक्टर माना जा रहा है. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इसको लेकर खूब चर्चा हो रही है. जिसके चलते हर किसी के मन में यह ख्याल आता है कि उसे एक बार महाकुंभ जरूर जाना चाहिए. डिजिटल प्रचार के चलते लोगों में जागरुकता बढ़ी है. यही वजह है युवा भी महाकुंभ की ओर आकर्षित हो रहे हैं.

सुविधाएं-आकर्षण और माघ में स्नान
वैसे तो महाकुंभ 26 फरवरी तक रहेगा लेकिन हर माघ महीना 12 फरवरी को पूर्णिम तक रहेगा. ऐसे में माघ महीने आध्यात्मिक महत्व के चलते हर कोई 12 फरवरी या इससे पहले संगम में आस्था की डुबकी लगाना चाहता है. इसके अलावा कुंभ मेला क्षेत्र में टेंट सिटी भी श्रद्धालुओं का मन मोह रही हैं. यहां टेंट सिटी में रहने के लिए शानदार होटल जैसी सुविधा मिल रही है.

देश दुनिया की नामी हस्तियों के आने से लोग प्रभावित
महाकुंभ की भव्यता और दिव्यता की चर्चा देश ही नहीं दुनिया में हो रही है. कई विदेशी दिग्गज हस्तियां कुंभ आ चुकी हैं. इनसे जुड़ी खबरों को देखकर भी लोगों में उत्साह है. ऐप्पल के सह-संस्थापक स्वर्गीय स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरिन पॉवेल जॉब्स प्रयागराज महाकुंभ 2025 में शामिल हुईं. उनका नाम 'कमला' रखा गया.

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