गाजियाबाद: मुर्दे को भी मिल रही 48 हजार सैलरी, जानें क्या है हैरान करने वाला मामला
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गाजियाबाद: मुर्दे को भी मिल रही 48 हजार सैलरी, जानें क्या है हैरान करने वाला मामला

Ghaziabad Dead Man Earning 48 Thousand Rupees: गाजियाबाद से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने सिस्टम को आइना दिखा दिया है. भ्रष्टाचार के चलते यहां पर एक मृतक व्यक्ति हर साल 48 हजार रुपये कमा रहा है. पढ़ें खबर-

गाजियाबाद: मुर्दे को भी मिल रही 48 हजार सैलरी, जानें क्या है हैरान करने वाला मामला

Ghaziabad Dead Man Earning 48 Thousand Salary: यूपी के गाजियाबाद में एक हैरान करने वाली खबर सुनने को मिली. इस खबर ने तहसील प्रशासन के पूरे सिस्टम की पोल खोलकर रख दी है. बताया जा रहा है कि यहां पर एक मृत व्यक्ति वर्षों से 48 हजार रुपये सैलरी पा रहा है और किसी को कानो-कान खबर तक नहीं है. यह मामला सामने आने के बाद से साफ हो गया है कि यहां के लेखपाल कैसे महत्वपूर्ण दस्तावेजों की जांच पड़ताल करते हैं और किस हद तक रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार चल रहा है. 

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भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा पार
हैरान करने वाले इस मामले ने सिस्टम को आइना दिखा दिया है. कैसे आपको बस 500-2000 रुपये के नोट सरकारी कर्मचारियों पर फेंकने हैं और फटाफट मुंह मांगा काम हो जाएगा. सभी काम के अलग-अलग दाम पहले से ही तय हैं. 

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मृतक का निवास प्रमाण पत्र भी बनाया गया
दरअसल, यहां के लेखपाल ने लोगों की आंखों में धूल झोंकने का बहुत बड़ा प्लान बनाया था. कई साल तक इसको कामयाब होते भी देखा, लेकिन आखिरकार झूठ की पोल खुल गई. बताया जा रहा है कि एक मृत व्यक्ति, जिसको गुजरे वर्षों बीत गए, वह सालाना 48 हजार रुपये कमा रहा है. मृतक के परिवार को ग्राम पंचायत सचिव और ग्राम प्रधान ने डेथ सर्टिफिकेट भी जारी कर दिया था. इसके बावजूद, मृतक की वार्षिक आय 48 हजार रुपये सालाना का प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया. वह भी तब, जब सिस्टम की तरफ से पूरी जांच की गई थी. 

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कार्यालय में वह लोग मौजूद जो वहां नौकरी भी नहीं करते
कहानी यहीं खत्म नहीं होती है. लेखपाल ने बकायदा निवास प्रमाण पत्र भी जारी किया और इस बात की पुष्टि की कि वह अभी भी वहीं रहता है, जहां मौत के पहले रहता था. लेखपाल कार्यालय जाकर जब उनसे बात करने की कोशिश की गई तो वह मिले ही नहीं. हालांकि, उनकी जगह पर दो ऐसे लोग ऑफिस में मौजूद थे, जिनका तहसील परिसर के रिकॉर्ड में नाम तक नहीं है. उसके बावजूद भी यह लोग सभी सरकारी दस्तावेजों पर रिपोर्ट लगा रहे हैं और सत्यापन कर रहे हैं.

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