Heart Attack During Workout: जिम में हेवी वेट ट्रेनिंग करते समय या ट्रेडमिल पर दौड़ते समय हार्ट अटैक आने के केसेस अब बढ़ गए हैं. यह एक चिंता का विषय है क्योंकि हमें पता नहीं चल पाता हमारी बॉडी क्या मांग रही है और फिर स्थिति खतरनाक होने लगती है. क्षमता से ज्यादा वर्कआउट कर रहे हैं तो जरूर पढ़ें यह खबर-
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Raju Srivastav Heart Attack: बीते 10 अगस्त को फेमस कमेडियन राजू श्रीवास्तव को हार्ट अटैक आया था, जिसके बाद उन्हें दिल्ली के एम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया. 2 दिन तक उनकी हालत गंभीर बनी रही, लेकिन आज एक राहत भरी खबर आई है. बताया जा रहा है कि राजू श्रीवास्तव की बॉडी ने रिस्पॉन्ड करना शुरू कर दिया है. 58 साल के राजू 3 दिन पहले जिम में कसरत कर रहे थे. ट्रेडमिल पर दौड़ते समय अचानक उनके सीने में दर्द हुआ और वह गिर पड़े. आपको बता दें कि अब ऐसे केसेस बहुत बढ़ गए हैं, जहां वर्कआउट के दौरान लोगों को हार्ट अटैक आ जाता है. यह एक चिंता का विषय है. आइए बताते हैं डॉक्टर्स इसको लेकर क्या कहते हैं.
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अनुवांशिक भी हो सकती हैं हार्ट की बमारियां
एक्सपर्ट्स का कहना है अगर आप रोजाना व्यायाम करते हैं और बॉडी का ख्याल रखते हैं, आपका बीपी और कोलेस्ट्रॉल भी चार्ट के मुताबिक है तो इसका मतलब यह नहीं कि आपके हार्ट को कोई खतरा नहीं है. बताया जाता है कि अक्सर जेनेटिक रीज़न से भी दिल की बीमारियां हो सकती हैं. वहीं, आज कल की जीवनशैली बीमारियों को बुलावा देती ही है.
उम्र के साथ हार्ट की बीमारियों का बढ़ता है खतरा
डॉक्टर्स का यह भी कहना है कि जैसे-जैसे व्यक्ति की उम्र बढ़ती है, दिल से जुड़ी बीमारियों के चांसेस भी बढ़ने लगते हैं. अगर कम उम्र के लोग रोजाना एक्सरसाइज करें, तो बीमारियों का खतरा कम होता है, लेकिन उम्र बढ़ने के साथ-साथ एक्सरसाइज जारी रखने पर भी हार्ट रिलेटेड बीमारियां बढ़ सकती हैं. इसलिए एक्सपर्ट्स कहते हैं कि नियमित रूप से अपना चेकअप कराना जरूरी है. क्योंकि हाई ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल का खतरा उम्र के साथ बढ़ता चला जाता है.
क्षमता से ज्यादा कसरत करना है खतरनाक
बताया जाता है कि आपको हमेशा अपनी फिजिकल कैपेसिटी को ध्यान में रखते हुए ही कसरत करनी चाहिए. बॉडी की एक लिमिट होती है, जिसे पार नहीं करना चाहिए. कई बार ऐसा होता है कि लोग अनफिट होते हैं, फिर भी जिम में ज्यादा पसीना बहा देते हैं. इससे दिल पर बुरा असर पड़ता है. स्टडी में पाया गया है कि मैराथॉन प्लेयर्स भी जब रनिंग पूरी कर लेते हैं तो उनके ब्लड में हार्ट डैमेज से जुड़े बायोमार्कर बन जाते हैं. हालांकि, समय के साथ इनमें रिकवरी हो जाती है. लेकिन, जब रोजमर्रा की जिंदगी में लगातार स्ट्रेस बना रहे तो टेंपरेरी डैमेज रिकवर नहीं हो पाते और गंभीर रूप ले लेते हैं. वहीं, अगर पहले से ही कोई हार्ट की बीमारी है तो ज्यादा कसरत कर दिल पर जोर नहीं देना चाहिए.
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ज्यादा हेवी वेट ट्रेनिंग है खतरनाक
कम समय में ज्यादा बॉडी बनाने वालों को भी ध्यान देना चाहिए कि मस्क्यूलर बॉडी के लिए क्षमता से ज्यादा वजन नहीं उठाना चाहिए. रोजाना जिम जाकर अगर आप यह कर रहे हैं, तो आपके दिल के लिए बड़ा खतरा है. सही तरीका यह है कि फिट होने के लिए गोल सेटिंग करें और धीरे-धीरे ट्रेनिंग को हेवी करें.
हार्ट अटैक से पहले भी बॉडी देती है संकेत
किसी गंभीर बीमारी अगर आपको घेरने लगे तो शरीर कुछ संकेत देने लगता है. ये सिंपटम जब हम इग्नोर करते हैं तो स्थिति खतरनाक हो जाती है और अचानक हार्ट अटैक जैसी सिचुएशन बन जाती है. डॉक्टर्स का दावा है कि हार्ट अटैक आने के एक हफ्ते पहले से ही लोगों को सिंपटम पता चलने लगते हैं, जिन्हें इग्नोर कर दिया जाता है. अगर इन लक्षणों को पहचान लिया जाए तो चीजें बिगड़ सकती हैं. सांस में तकलीफ, सीने में दर्द और ज्यादा थकान होना इसके बड़े सिंपटम्स हैं.
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