सर्वाइकल कैंसर (गर्भाशय ग्रीवा का कैंसर) भारत में महिलाओं के लिए एक गंभीर स्वास्थ्य संकट बनता जा रहा है. हाल ही में जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, हर घंटे 4 भारतीय महिलाएं इस बीमारी के कारण अपनी जान गंवा रही हैं.
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सर्वाइकल कैंसर (गर्भाशय ग्रीवा का कैंसर) भारत में महिलाओं के लिए एक गंभीर स्वास्थ्य संकट बनता जा रहा है. हाल ही में जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, हर घंटे 4 भारतीय महिलाएं इस बीमारी के कारण अपनी जान गंवा रही हैं. यह आंकड़ा न केवल डराने वाला है बल्कि देश में महिलाओं की सेहत को लेकर चेतावनी की घंटी भी बजा रहा है.
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च-नेशनल कैंसर रजिस्ट्री प्रोग्राम (ICMR-NCRP) की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, 2023 में देशभर में 35,691 महिलाओं की मौत सर्वाइकल कैंसर से हुई. यानी, हर घंटे करीब चार महिलाओं ने इस जानलेवा बीमारी के कारण अपनी जान गंवाई. राज्यसभा में पेश किए गए आंकड़ों के अनुसार, पिछले कुछ वर्षों में सर्वाइकल कैंसर से होने वाली मौतों की संख्या लगातार बढ़ रही है.
* 2019 में 32,246 मौतें
* 2020 में 33,095 मौतें
* 2021 में 33,938 मौतें
* 2022 में 34,806 मौतें
* 2023 में 35,691 मौतें
इन आंकड़ों से साफ है कि देश में हर साल सर्वाइकल कैंसर से मरने वाली महिलाओं की संख्या बढ़ती जा रही है, जो बेहद चिंताजनक है.
क्या सरकार कर रही है कोई उपाय?
केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री प्रतापराव जाधव ने जानकारी दी कि आयुष्मान आरोग्य मंदिरों के तहत महिलाओं की नियमित जांच की जा रही है. 9 करोड़ से अधिक महिलाओं की अब तक स्क्रीनिंग की जा चुकी है. 96,747 महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर की पुष्टि हुई, जबकि 86,196 महिलाओं का इलाज जारी है. इसके अलावा, राष्ट्रीय गैर-संचारी रोग रोकथाम और नियंत्रण कार्यक्रम (NP-NCD) के तहत 770 जिला एनसीडी क्लीनिक, 233 कार्डियक केयर यूनिट और 6,410 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र स्थापित किए गए हैं.
क्या है सर्वाइकल कैंसर और क्यों होता है यह?
सर्वाइकल कैंसर महिलाओं के गर्भाशय ग्रीवा (Cervix) में होने वाला कैंसर है. यह मुख्य रूप से ह्यूमन पैपिलोमावायरस (HPV) के संक्रमण के कारण होता है, जो असुरक्षित यौन संबंधों, खराब हाइजीन और कमजोर इम्यूनिटी के चलते फैल सकता है. डॉक्टरों के अनुसार, अगर महिलाएं 21 साल की उम्र के बाद नियमित रूप से पैप स्मीयर टेस्ट (Pap Smear Test) कराएं, तो इस कैंसर का जल्दी पता लगाया जा सकता है और समय पर इलाज संभव है.
क्या हैं सर्वाइकल कैंसर के लक्षण?
* अनियमित माहवारी और असामान्य ब्लीडिंग.
* संभोग के दौरान दर्द या ब्लीडिंग.
* पैल्विक (पेट के निचले हिस्से) में लगातार दर्द.
* पेशाब करने में तकलीफ और यूरिन इंफेक्शन.
* तेजी से वजन कम होना और कमजोरी.
कैसे बच सकती हैं महिलाएं?
* HPV वैक्सीन लगवाएं: 9 से 26 साल की उम्र के बीच यह टीका लेना सबसे प्रभावी तरीका है.
* नियमित पैप स्मीयर टेस्ट कराएं: यह टेस्ट शुरुआती स्टेज में कैंसर का पता लगाने में मदद करता है.
* सुरक्षित यौन संबंध बनाएं: मल्टीपल पार्टनर से संबंध बनाने से बचें और सुरक्षा का उपयोग करें.
* हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं: धूम्रपान और शराब से दूर रहें, बैलेंस डाइट लें और इम्यूनिटी को मजबूत करें.
(इनपुट- न्यूज़ एजेंसी PTI)
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.