फेफड़ों के साथ-साथ दिमाग पर भी हमला कर रहे हवा में मौजूद दूषित कण, हर सातवां बच्चा हो रहा प्रभावित
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फेफड़ों के साथ-साथ दिमाग पर भी हमला कर रहे हवा में मौजूद दूषित कण, हर सातवां बच्चा हो रहा प्रभावित

वायु प्रदूषण केवल हमारे फेफड़ों को नुकसान नहीं पहुंचा रहा, बल्कि इसका गहरा असर हमारे दिमाग और मेंटल हेल्थ पर भी पड़ रहा है. लंबे समय तक प्रदूषित हवा में सांस लेने से मानसिक रोगों का खतरा तेजी से बढ़ रहा है.

फेफड़ों के साथ-साथ दिमाग पर भी हमला कर रहे हवा में मौजूद दूषित कण, हर सातवां बच्चा हो रहा प्रभावित

वायु प्रदूषण केवल हमारे फेफड़ों को नुकसान नहीं पहुंचा रहा, बल्कि इसका गहरा असर हमारे दिमाग और मेंटल हेल्थ पर भी पड़ रहा है. लंबे समय तक प्रदूषित हवा में सांस लेने से मानसिक रोगों का खतरा तेजी से बढ़ रहा है. बीएमजे ओपन पत्रिका में प्रकाशित हालिया अध्ययन में इस फैक्ट्स की दोबारा पुष्टि हुई है. इससे पहले दिल्ली सरकार की एनजीटी को सौंपी रिपोर्ट में भी यह दावा किया गया था.

स्कॉटलैंड की यूनिवर्सिटी ऑफ सेंट एंड्रयूज में किए गए एक 15 वर्षीय शोध में पाया गया कि नाइट्रोजन डाइऑक्साइड मेंटल डिसऑर्डर का मुख्य कारण है. इस शोध में 2 लाख से अधिक लोगों के डेटा का अध्ययन किया गया. शोधार्थियों ने पाया कि जब नाइट्रोजन डाइऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड, पीएम-10 और पीएम-2.5 जैसे प्रदूषकों की मात्रा हवा में बढ़ी, तो लोगों में मानसिक समस्याओं के मामलों में इजाफा हुआ.

दिमाग पर गहरा प्रभाव
डॉ. मैरी अबेद अल अहद के अनुसार, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड दिमाग में ब्लड सर्कुलेशन को प्रभावित करता है. इससे याददाश्त कमजोर होती है और ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई होती है. लंबे समय तक इन प्रदूषकों के संपर्क में रहने से उदासी, एग्जाइंटी और व्यवहार संबंधी समस्याएं बढ़ जाती हैं.

बच्चों पर सबसे अधिक असर
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक, 10 से 19 वर्ष के हर सातवें बच्चे को मानसिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है. इनमें डिप्रेशन, बेचैनी और व्यवहार से जुड़ी परेशानियां प्रमुख हैं.

भारत में स्थिति चिंताजनक
भारत में लगभग 11 करोड़ लोग मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे हैं, लेकिन इनमें से 80 फीसदी लोग मदद मांगने से हिचकिचाते हैं. मानसिक हेल्थ प्रोग्राम के सोर्स के अनुसार, मेंटल हेल्थ की अनदेखी से हर साल करीब 1 लाख लोग आत्महत्या कर लेते हैं.

Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

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