Breast Cancer In young Women: ब्रेस्ट कैंसर का सामना कर रही महिलाओं के लिए केवल शारीरिक इलाज नहीं, बल्कि मानसिक और भावनात्मक समर्थन भी उपचार का अहम हिस्सा होना चाहिए.
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ब्रेस्ट कैंसर अब सिर्फ वृद्ध महिलाओं तक सीमित नहीं रहा. हाल के वर्षों में 40 साल से कम उम्र की महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है. यह एक चिंता का विषय है, क्योंकि ब्रेस्ट कैंसर की पहचान आमतौर पर 50 साल और उससे ऊपर की महिलाओं में होती थी. लेकिन अब यह बीमारी युवा महिलाओं को भी तेजी से अपनी चपेट में ले रही है. टेलीविजन की स्टार एक्ट्रेस 37 साल की उम्र हिना खान भी इस कैंसर की चपेट में हैं.
डॉ. समीर खत्री, सीनियर डायरेक्टर, मेडिकल ऑन्कोलॉजी, मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल पटपड़गंज के अनुसार, यह बदलाव युवा महिलाओं के लिए न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक और भावनात्मक समस्याओं का कारण बनता है. ब्रेस्ट कैंसर के बढ़ते मामलों के बीच, युवा महिलाओं के लिए इस बीमारी का इलाज और उनका उपचार एक बड़ा सवाल बन चुका है.
युवाओं में कैंसर की पहचान में देरी
युवा महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर का निदान अक्सर देर से होता है. यह बीमारी युवा महिलाओं में ज्यादा आक्रामक होती है और तेजी से बढ़ती है. लेकिन, चूंकि युवा महिलाएं ब्रेस्ट में बदलाव को गंभीर समस्या नहीं समझतीं, इसलिए वे इसे नजरअंदाज कर देती हैं. नतीजतन, ब्रेस्ट कैंसर को देर से पहचान लिया जाता है, जब कैंसर का इलाज करना और कठिन हो जाता है.
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मानसिक और भावनात्मक प्रभाव
ब्रेस्ट कैंसर का निदान न केवल शारीरिक रूप से बल्कि मानसिक और भावनात्मक रूप से भी बेहद कठिन होता है. इस समय युवा महिलाएं अपने करियर की शुरुआत, परिवार की योजना और भविष्य की योजनाओं को लेकर व्यस्त होती हैं. एक ब्रेस्ट कैंसर का निदान उनके लिए आघात से कम नहीं होता. इसके साथ ही, इलाज के दौरान बालों का झड़ना, बांझपन और अन्य शारीरिक समस्याएं उनकी मानसिक स्थिति को और भी जटिल बना देती हैं.
इलाज में चुनौतियां
युवा महिलाओं के लिए एक और बड़ी चुनौती यह है कि अक्सर स्वास्थ्य सेवा प्रदाता ब्रेस्ट कैंसर को कम गंभीर मानते हैं और उनके लक्षणों को अन्य साधारण समस्याओं से जोड़ देते हैं. परिणामस्वरूप, युवाओं को समय पर सही उपचार नहीं मिल पाता है, जिससे बीमारी बढ़ जाती है.
ब्रेस्ट में इन बदलावों को न करें इग्नोर
स्तन या बगल में एक नई गांठ, स्तन में सूजन या मोटा होना, स्तन की त्वचा पर गड्ढे पड़ना या जलन होना, निप्पल के आसपास लालिमा या परतदार त्वचा, निपल से स्राव, खासकर अगर यह खूनी हो या स्तन का दूध न हो, स्तन के आकार या आकृति में बदलाव, स्तन या बगल में दर्द जो दूर नहीं होता, निपल के आकार या स्थिति में बदलाव.
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करवाएं ये टेस्ट
डीएनए में बदलाव और ब्रेस्ट कैंसर के बढ़ते रिस्क को पहचाने के लिए BRCA टेस्ट होता है. 25 के बाद महिलाएं ये टेस्ट करवा सकती हैं. यह टेस्ट उन लोगों के लिए बहुत ज्यादा फायदेमंद होता है, जिनके फैमिली में ओवेरियन, ब्रेस्ट, पैंक्रियाज कैंसर हिस्ट्री हो. इसके अलावा नियमित मैमोग्राफी भी ब्रेस्ट कैंसर को शुरुआती स्टेज में पहचानना आसान होता है.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.