Maharashtra News: महाराष्ट्र में भ्रष्टाचार के मामलों में दोषी ठहराए गए कई कर्मचारियों को अबतक निलंबित नहीं किया गया है. इसको लेकर राज्य भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की रिपोर्ट सामने आई है. रिपोर्ट के बाद से सरकार पर सवाल उठ रहे हैं.
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Maharashtra News: महाराष्ट्र में साल 2012 से भ्रष्टचार से जुड़े कई मामलों में जांच का सामना कर चुके कई सरकारी कर्मियों को अबतक सस्पेंड नहीं किया गया है. 1 जनवरी 2012-31 जनवरी 2025 तक भ्रष्टाचार के मामलों में कई कर्मचारियों के खिलाफ जांच तो की गई थी, लेकिन उन्हें अभी तक निलंबित नहीं किया गया है.
कर्मचारियों के खिलाफ नहीं हुई जांच
राज्य भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ( ACB) की एक रिपोर्ट में सामने आई एक जानकारी के मुताबिक 1 जनवरी साल 2012 से 31 जनवरी साल 2025 तक भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों में प्रथम श्रेणी के 30, द्वितीय श्रेणी के 29, तृतीय श्रेणी के 106 और चतुर्थ श्रेणी के 8 कर्मचारियों के खिलाफ जांच की गई, लेकिन उन्हें अब तक निलंबित नहीं किया गया है.
लंबित पड़े हैं कई मामलें
रिपोर्ट शनिवार 15 फरवरी 2025 को जारी की गई. इस रिपोर्ट के मुताबिक सबसे अधिक 46 मामले मुंबई रेंज में दर्ज किए गए जबकि ठाणे में 38, औरंगाबाद में 22, पुणे में 18, नासिक में 16, नागपुर में 12, अमरावती में 11 और नांदेड़ में 10 मामले सामने आए. वहीं निलंबन के सबसे अधिक 41 लंबित मामले शिक्षा और खेल विभाग से हैं, जबकि शहरी विकास 2 (नगर परिषद और नगर निगम) में 36 और पुलिस, जेल और होम गार्ड विभाग में 25 मामले लंबित पड़े हैं.
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सरकार पर उठे सवाल
भ्रष्टचार से जुड़ी इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भ्रष्टाचार के मामलों में दोषी ठहराए गए 22 सरकारी कर्मचारी अब तक बर्खास्त नहीं किए गए हैं. इनमें से ज्यादातर तृतीय श्रेणी के अधिकारी हैं. राज्य भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की इस रिपोर्ट के बाद से महाराष्ट्र सरकार पर तरह-तरह के सवाल उठ रहे हैं कि आखिर भ्रष्टाचार के आरोपियों को अबतक सजा क्यों नहीं दी गई. ( इनपुट- भाषा)