Taliban-Pakistan Fight: 24 घंटे पहले पाकिस्तानी की सेना और तालिबान के बीच एक झड़प शुरू हुई. अफगानिस्तान के खोस्त इलाके में अटैक होने के बाद पहले बंदूकों से फायरिंग हुई. इसके बाद हेवी हथियारों का इस्तेमाल हुआ. पाकिस्तान ने अगर एक गोला दागा तो अफगानियों ने भी करारा जवाब देने में कोई कसर नहीं छोड़ी.
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Pakistan-Taliban Conflict: पाकिस्तान आज अपने चेले से ही बुरी तरह से पिट गया है. पाकिस्तान के इस चेले का नाम है तालिबान. हालांकि वो अब पाकिस्तान को अपना गुरु नहीं मानता है इसलिये पाकिस्तान-अफगान बॉर्डर पर कोई भी मसला होते ही दोनों तरफ से फायरिंग शुरू हो जाती है. इस्लामाबाद में अब तक भारत को दुश्मन और तालिबान को दोस्त समझा जाता था. हालांकि इन दिनों भारतीय सीमा पर युद्धविराम है और पाक-अफगान सीमा पर कभी भी युद्ध शुरू हो जाता है.
पाकिस्तान सीमा पर अफगान तालिबान ने धुआं-धुआं कर दिया. अफगानिस्तान बॉर्डर पर ऐसा हमला हुआ कि पाकिस्तानी आर्मी को पीछे हटना पड़ा. पाकिस्तानी पत्रकार कामरान यूसुफ ने कहा, 'जो लेटेस्ट झड़प हो रही हैं उसकी बुनियादी वजह कहा ये जा रहा है कि अफगानिस्तान की तरफ विवादित इलाके में एक नई पोस्ट बनाई जा रही थी जिसके बाद ये झड़पें शुरू हुई हैं. अभी तक ये नहीं पता कि इन झड़पों में कोई जानी नुकसान हुआ है या नहीं.
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दोनों तरफ से जबरदस्त गोलीबारी
24 घंटे पहले पाकिस्तानी की सेना और तालिबान के बीच एक झड़प शुरू हुई. अफगानिस्तान के खोस्त इलाके में अटैक होने के बाद पहले बंदूकों से फायरिंग हुई. इसके बाद हेवी हथियारों का इस्तेमाल हुआ. पाकिस्तान ने अगर एक गोला दागा तो अफगानियों ने भी करारा जवाब देने में कोई कसर नहीं छोड़ी.
अफगान तालिबान का दावा है कि उनकी फौज ने बॉर्डर पर एक पोस्ट बनाने की कोशिश की, जिसके बाद पाकिस्तान ने अफगान सेना पर फायरिंग शुरु की.
हालांकि पाकिस्तान का दावा है कि अफगानिस्तान ने एक विवादित इलाके में पोस्ट बना रहा था जिसे रोकने की कोशिश की गई. पाकिस्तानी संसद में भी इसका मुद्दा उठा. हालांकि वहां पाकिस्तान के नेताओं ने तालिबान का ही बचाव किया.
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खुद को तालिबान का दोस्त बताता है पाक
पाकिस्तान-अफगान बॉर्डर पर लड़ाई के बाद तालिबान ने मामला सुलझाने का दावा किया है. ऐसे हालात तब हैं जब पाकिस्तान खुद को तालिबान का सबसे करीबी दोस्त बताता है. हालांकि पाकिस्तानी पत्रकारों का दावा है कि काबुल में तालिबान के कब्जे से पहले सीमा पर हालात इससे बेहतर थे.
पाकिस्तानी सोशल मीडिया पर खबरें चल रही हैं कि अफगान सेना ने पाकिस्तान को करारा जवाब दिया और गोलीबारी के बाद ज्यादा नुकसान पाकिस्तानी फौज को हुआ है. इसकी वजह समझिए. अफगानिस्तान में अमेरिकी सेना ने करीब 60 हजार करोड़ रुपये के हथियार छोड़ दिए. इसमें आधुनिक बंदूकें, बख्तरबंद गाड़ियां, एयरक्राफ्ट, तोपखाना सहित अलग-अलग तरह के कई वेपन हैं.
अफगानिस्तान में अमेरिका ने करीब 42 हजार रात में देखने वाले उपकरण छोड़े..और पाकिस्तान के पास अब भी ऐसे हथियार और उपकरण नहीं हैं. इसलिये बॉर्डर पर किसी भी लड़ाई में अफगान फौज पाकिस्तान के मुकाबले बड़ा और धमाकेदार हमला करती है. और पाकिस्तानी टीवी चैनलों पर अफगान हमले के बाद रुदाली का लाइव टेलीकास्ट हो रहा है.
पाकिस्तानी पत्रकारों ने भी जताई चिंता
पाकिस्तानी पत्रकार फिज़ा ख़ान ने कहा, 'हमारे लिये इस वक्त बड़ा मसला सरहद पार अपने पारंपरिक दुश्मन नहीं बल्कि उस दोस्त से है जिन्हें हमने पनाह दी. रोजगार के मौके दिये, जिनकी चार नस्लें यहां हमारे साथ बड़ी हुई और यही नहीं हमने अफगानों के साथ उनकी आजादी की जंग भी लड़ी.'
हैरानी की बात है कि जिस दिन पाकिस्तान की फौज अफगानिस्तान से पिट रही है. उसी दिन पाकिस्तानी सरकार और फौज डैमेज कंट्रोल करने के लिये वीडियो बनवा रहे हैं और इस वीडियो में अफगान सीमा पर कड़ी नजर रखने और किसी भी साजिश का मुकाबला करने के दावे हो रहे हैं. पाकिस्तान की जो फौज अपने मुल्क को बचाने का दावा कर रही है, वो खुद ही तालिबान के खिलाफ मोर्चा छोड़कर भाग रही है और पाकिस्तानी नेता भी अपनी सरकार और फौज पर ही सवाल उठा रहे हैं.
मुनीर की फौज की हो गई बेइज्जती
साल 2021 में आज ही दिन पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के चीफ फैज हमीद काबुल गये थे और वहां कॉफी की चुस्की के साथ उन्होंने अफगानिस्तान में सबकुछ ठीक होने का दावा किया था. हालांकि तीन साल बीतते-बीतते हालात ऐसे हैं कि आए दिन तालिबान के लड़ाके पाकिस्तान को घर में घुसकर मारते हैं. पाकिस्तान और तालिबान की बातचीत अब भी होती है हालांकि उसका नतीजा निल बटे सन्नाटा होता है. अब तालिबान ने बॉर्डर पर मामला शांत होने का दावा किया है. हालांकि सच्चाई ये है कि मुनीर की फौज को तालिबान ने मार-मारकर भगा दिया.