Pakistan ISI chief visits Dhaka: भारत और बांग्लादेश के बीच करीब एक साल से संबंध तनाव में हैं. इस खटास की एक वजह बांग्लादेश में हिंदुओं पर होने वाले अत्याचार और हिंसा के मामले हैं. इसी बीच पाकिस्तान बांग्लादेश से रिश्ते में और मजबूती लाने के लिए हर कोशिश कर रहा है. पाक आईएसआई चीफ ढाका दौरे पर पहली बार गए हैं. आइए जानते हैं इससे भारत पर क्या पड़ेगा असर.
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Pakistan- Bangladesh: मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार लगातार पाकिस्तान के साथ अपने रिश्ते मधुर करने में लगी है. पहले सत्ता संभालने के बाद अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से चार महीनों में तीन मुलाकात की, फिर बांग्लादेश आर्मी के एक टॉप जनरल की लीडरशिप में रक्षा प्रतिनिधिमंडल ने पाकिस्तान का दौरा किया, अब पाकिस्तान के आईएसआई चीफ ढाका की यात्रा पर जा पहुंचे हैं. जिसके बाद कई सारे मायने निकाले जा रहे हैं.
आईएसआई चीफ के दौरे के कई मतलब?
पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल आसिफ मलिक बुधवार को ढाका पहुंचे. दुबई से ढाका पहुंचे आईएसआई प्रमुख का स्वागत बांग्लादेश सेना के क्वार्टर मास्टर जनरल लेफ्टिनेंट जनरल मोहम्मद फैजुर रहमान ने किया. पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के किसी भी शीर्ष अधिकारी की दशकों बाद पहली ढाका यात्रा है. आईएसआई चीफ के दौरे के कई मतलब निकाले जा रहे हैं. हाल ही में बांग्लादेश के हाई रैंकिंग सैन्य अधिकारी जनरल एसएम कमरुल हसन 14 जनवरी को पाकिस्तान गए थे. कमरुल ने पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर से मुलाकात की थी. कयास लगाए जा रहे हैं कि दोनों देशों के बीच कुछ रक्षा समझौता हो सकता है. बांग्लादेश और पाकिस्तान के बीच बढ़ती नजदीकियां जियो पॉलिटिक्स में बदलाव के संकेत दे रही हैं. बांग्लादेश की अंतरिम सरकार का रुझान साफतौर पर दिख रहा है, जो भारत के लिए भी चिंता का कारण है.
शेख हसीना के समय बॉर्डर पर नहीं थी मुश्किल
पाकिस्तान पहले से ही देश के पश्चिम बॉर्डर पर आतंकी गतिविधियों में संलिप्त रहा है. वहीं, पूर्वोत्तर बॉर्डर पर अवैध घुसपैठ की समस्या रहती है. हालांकि, बांग्लादेश में जब शेख हसीना के नेतृत्व वाली 'बांग्लादेशी आवामी लीग' सरकार थी, तब तक अवैध घुसपैठ को लेकर भारत की मुश्किल ज्यादा नहीं थी. लेकिन तख्तापलट के बाद यूनुस सरकार के आते ही दोनों देशों के बीच संबंध में कड़वाहट बढ़ती जा रही है.
भारत को परेशान करने का तरीका?
हाल ही में रोहिंग्या घुसपैठ को लेकर जिस तरह से भारत ने अपना रवैया अख्तियार किया है, उसने बांग्लादेश की चिंता बढ़ा दी है. भारत की बाड़ेबंदी पड़ोसी मुल्क को इतनी नागवार गुजरी कि उसने भारत के दूत को तलब तक कर लिया. अवैध घुसपैठ को रोकने के लिए भारत की ओर से उठाए जा रहे कदमों को बांग्लादेश 1975 के बॉर्डर समझौते का उल्लंघन बता रहा है. ऐसे हालातों के बीच पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच बढ़ती करीबी भारत को परेशान करने के मकसद से उठाया गया कदम हो सकती है.
भारत के खिलाफ साजिश?
जानकारों का मानना है कि आसिफ मलिक और फैजुर रहमान की मुलाकात भारत के खिलाफ खुफिया गतिविधियों को बढ़ावा दे सकती है. वहीं, ऐसी भी आशंका जताई जा रही है कि बांग्लादेश व्यापार के लिए भारत को नजरअंदाज कर नए विकल्प खोज रहा है, जिसके लिए उसने पाकिस्तान और चीन के साथ अपनी बातचीत बढ़ा दी है.
व्यापार में भारत को बांग्लादेश कर सकता है नजरअंदाज?
पिछले हफ्ते ही पाकिस्तान से बांग्लादेश के लिए एक हाई प्रोफाइल दौरा हुआ था. पाकिस्तान के शीर्ष ट्रेड निकाय फेडरेशन ऑफ पाकिस्तान चेंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज का एक प्रतिनिधिमंडल बांग्लादेश पहुंचा था. यह इसलिए भी ऐतिहासिक था क्योंकि एक दशक में इस तरह का ट्रेड प्रतिनिधिमंडल पहली बार पाकिस्तान से बांग्लादेश गया था. प्रतिनिधिमंडल बांग्लादेश के वाणिज्य मंत्री से मिला था. इस दौरे में दोनों देशों के बीच एक समझौता भी हुआ था और पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल ने बांग्लादेश से मुक्त व्यापार समझौते की अपील की थी. इनपुट आईएएनएस से