Turkey President Erdogan Pakistan Visit: तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगान पाकिस्तान का दौरा करने वाले हैं, इस दौरे पर भारत की नजर रहने वाली है. इसके पीछे कहीं न कहीं तुर्की का पाकिस्तान के प्रति सॉफ्ट कर्नर है.
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Turkey President Erdogan Pakistan Visit: तुर्की के प्रेसिडेंट एर्दोगान आज पाकिस्तान का दौरा करने वाले हैं. उनके इस दौरे के कई मतलब निकाले जा रहे हैं. खास तौर पर भारत की इस दौरे पर नजर रहने वाली है. एर्दोगान के साथ इस दौरे पर पूरा डेलिगेशन रहने वाला है. जिसमे, अहम मिनिस्टर्स, सीनियर अधिकारी और कॉर्पोरेट लीडर्स शामिल हैं. पाकिस्तानी मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक इस विजिट का मतलब दोनों देशों के बीच रिश्तों को मजबूत करना है.
इस सफर के दौरान, प्रधान मंत्री शरीफ और राष्ट्रपति एर्दोआन पाकिस्तान-तुर्की हाई लेवल सामरिक सहयोग परिषद (एचएलएससीसी) के 7वें सेशन की सह-अध्यक्षता करेंगे. सेशन का खात्मा एक ज्वाइंट डिक्लेरेशन और कई अहम समझौतों, एमओयू पर साइन के साथ होने की उम्मीद है.
एर्दोगान की इस विजिट पर भारत की नजर बनी हुई है. इसके पीछे वजह मिलिट्री मानी जा रही है, क्योंकि तुर्की पाकिस्तान की हथियारों से मदद करता आया है. एर्दोगन की विजिट ऐसे समय में हो रही है जब तुर्की और पाकिस्तान कई इलाकों, खास तौर पर रक्षा और आतंकवाद विरोधी क्षेत्रों में अपने संबंधों को मजबूत कर रहे हैं. हाल ही में पाकिस्तान ने तुर्की के नौसैनिक जहाज खरीदने के लिए एक समझौते पर साइन किए थे, जिससे उनकी रक्षा साझेदारी और मजबूत हुई. जनवरी में दोनों देशों ने तुर्गुटरेस-XI नौसैनिक अभ्यास भी किया था.
तुर्की ने डिफेंस कॉपरेशन, टेकनोलोजी ट्रांसफर और ज्वाइंट प्रोडक्शन एग्रीमेंट के जरिए से पाकिस्तान की मिलिट्री की ताकत को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई है. यह सहयोग नौसेना के जहाज के प्रोडक्शन, ड्रोन टेकनोलोजी और हथियारों की बिक्री सहित कई सेक्टर में फैला हुआ है.
तुर्की ने पाकिस्तान को T129 ATAK हेलीकॉप्टर, MILGEM श्रेणी के कोरवेट और अलग-अलग डिफेंस सिस्टम दिए हैं, जिससे इस्लामाबाद का सैन्य बुनियादी ढांचा मजबूत हुआ है. इसके साथ ही, ASELSAN और Roketsan जैसी तुर्की रक्षा फर्मों ने उन्नत हथियार विकसित करने के लिए पाकिस्तान के साथ ज्वाइंट वेनचर में हिस्सा लिया है.
यह साझेदारी से पाकिस्तान को काफी लाभ पहुंचा है. ये न केवल रणनीतिक संबंधों को गहरा करती है बल्कि पाकिस्तान के स्वदेशी सिक्टोरिटी प्रोडक्ट्स को भी बढ़ाती है, जिससे पाकिस्तान वेस्ट के देशों पर कम निर्भर हो जाता है.