Malaysia News: महेशिया सरकार में मंत्री मोहम्मद नईम ने 4 फरवरी को वहां के संसद में मुस्लमानो के लिए नई गाइडलाइन लाने की बात कही थी. लेकिन इस प्रस्ताव में शामिल विवादित प्रवधानो को लेकर विरोध शुरू हो गई थी. अब खबर है कि मलेशिया के प्रधान मंत्री अनवर इब्राहिम ने इस प्रस्ताव को वापस ले लिया है पूरी खबर जानने के लिए नीचे स्क्रॉल करें
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Malaysia News: भारत का पड़ोसी देश मलेशिया एक मुस्लिम अक्सरियत वाला देश हैं. हाल ही में मलेशिया के मौजूदा सरकार में मंत्री मोहम्मद नईम मुख्तार के तरफ मुस्लिमों के दूसरे मजहब के प्रोग्राम और इबादतगाह में जाने को लेकर गाइडलाइन लाने की बात कही गई थी. उन्होंने कहा था कि सरकार जल्द ही इस पर कानून लेकर आएगी. लेकिन लोगों के विरोध के बाद प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम ने इस विवादित प्रस्ताव को वापस ले लिया है.
मुस्लिमों को पता है उसे क्या करना है
गुजिस्ता 7 फरवरी को मलेशिया के प्रधानमंत्री कैबिनेट मीटिंग के बाद विवादित गाइडलाइन वाले प्रस्ताव को वापस ले लिया. साथ ही उन्होंने कहा की "एक मुस्लमान को पता है कहां जाना है और कहां नहीं" इसमे पिचिदगी लाने की कोई जरूरत नहीं है. "जैसे मैं यहां पुजा करने नहीं आया हूं" ये बात उन्होंने मंदिर में मीडिया से बात करते हुए बोला था. क्योंकि 11 फरवरी को मलेशिया में हिंदूओं का एक त्यौहार थाईपुसम होने वाला है. त्यौहार की तैयारियों का मुआयना करने के लिए सेलांगोर के फेमस हिन्दू मंदिर बातु गुफ़ा गए थें.
विवादित प्रस्ताव को लेना पड़ा वापस
गौरतलब है कि मलेशिया की मौजूदा सरकार में इस्लामिक मामलों से जुड़े मंत्री मोहम्मद नईम मुख्तार ने 4 फरवरी को संसद में कहा था कि सरकार गैर-मुस्लिमों के प्रोग्राम में शामिल होने वाले मुस्लिमों के लिए नई गाइडलाइन लाने जा रही है. उन्होंने कहा था कि यह प्रस्ताव सात फरवरी से लागू हो जाएगी. लेकिन मलेशिया के लोगों ने इस प्रस्ताव का विरोध करना शुरू कर दिया था. जिसके प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम ने इस विवादित प्रस्ताव को वापस ले लिया है.
क्या है नई गाइडलाइन
मुस्लिमों के लिए नई गाइडलाइन में गैर मुस्लिमों के मजहबी प्रोग्राम और उनके घर में जाने से जुड़ी गाइडलाइन थी. इस नई गाईडलाइन के तहत किसी भी गैर-हिंदू को प्रोग्राम करने के लिए मकामी अधिकारियों से इजाजत लेनी जरूरी होगी. साथ ही अगर कोई गैर मुस्लिम अपने मजहबी प्रोग्राम एक मुस्लिम को बुलाना चाहता है तो इसके लिए पहले मकामी प्रशासन से इजाजत लेनी होगी. इस गाइडलाइन में यह भी था कि प्रोग्राम में ऐसी संगित न बजे या ऐसी बात न हो जिससे मुस्लमानों की मजहबी विश्वास पर चोट पहुंचे या उसका मजाक बने.
इतनी कमजोर नहीं है, हमारा ईमान
पूर्व कैबिनेट मंत्री रफ़ीदाह अज़ीज़ ने भी इस प्रस्ताव का विरोध किया था. उन्होंने कहा कि यहां सभी मजहब के लोग हमेशा से एक साथ मिल-जुल कर रहे हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि एक आम मुसलमान को मालूम है कि उसे क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए. "लोगो के व्यवहार को कॉन्ट्रोल करने के लिए अलग से कोई कानून की जरूरत नहीं है, हमारा ईमान कमजोर नहीं है".