Urdu in Loksabha: अभी तक लोकसभा की कार्यवाही का १० भारतीय भाषाओं में तर्जुमा किया जा रहा था, लेकिन अब उर्दू समेत 6 दीगर भारतीय भाषाओं में भी लोकसभा की प्रोसीडिंग का तर्जुमा किया जाएगा. लोकसभा स्पीकर ओम बिरला के इस आदेश के बाद उर्दू समेत 6 अन्य भारतीय भाषाओं के कद्रदानों ने ख़ुशी का इज़हार करते हुए ओम बिरला का शुक्रिया अदा किया है.
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Urdu in Loksabha: लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने मंगलवार को कुछ भारतीय भाषाओं के साथ उर्दू को भी लोकसभा की कार्रवाई में जगह दी है, जससे उर्दू के कद्रदानों ने ख़ुशी का इज़हार किया है, और लोक सभा के स्पीकर ओम बिरला का शुक्रिया अदा किया है.
दरअसल, मंगलवार को लोकसभा स्पीकर ओम बिरला कहा है कि अब संस्कृत, उर्दू और मैथिली समेत छह दीगर हिन्दुस्तानी जुबान में सदन की कार्यवाही का तर्जुमा किया जाएगा. इससे पहले भी संसद की कार्यवाही का दूसरी भारतीय भाषाओं में तर्हुमा किया जा रहा था. इसमें अंग्रेजी और हिंदी के अलावा 10 दीगर इलाकाई जुबान शामिल थे. ओम बिरला ने कहा है कि उनका कोशिश है कि आने वाले दिनों में मुल्क के मान्यताप्राप्त सभी 22 जुबानों में सदन की कार्यवाही का तर्जुमा किया जाए. उन्होंने कहा कि मुताल्लिका जुबान के महिरीन की मौजूदगी या तकर्रुरी के साथ ही इस आदेश को नाफ़िज़ कर दिया जाएगा. लोकसभा स्पीकर ने कहा, "पहले , हिंदी और अंग्रेजी के अलावा असमिया, बंगाली, गुजराती, कन्नड़, मलयालम, मराठी, ओडिया, पंजाबी, तमिल और तेलुगु सहित 10 भाषाओं में तर्जुमा हो रहा था, लेकिन अब, हमने छह और भाषाओं को भी शामिल किया है, जिसमें बोडो, डोगरी, मैथिली, मणिपुरी, उर्दू और संस्कृत शामिल है." उन्होंने कहा कि दुनिया में भारत की संसद ही वाहिद ऐसी कानूनी संस्था है, जहां एकसाथ इतनी भाषाओं में सदन की कार्यवाही का तर्जुमा किया जा रहा हो.
द्रमुक सांसद दयानिधि मारन ने संस्कृत का किया विरोध
हालांकि, ओम बिरला के इस आदेश के बाद, द्रमुक सांसद दयानिधि मारन ने संस्कृत में सदन की कार्यवाही के तर्जुमे के फैसले पर ऐतराज जताया है. उन्होंने कहा कि सरकारी आंकड़े के मुताबिक, मुल्क में सिर्फ 73 हजार लोग संस्कृत बोलते हैं, तो फिर मुल्क के टैक्सपेयर के पैसे को क्यों बर्बाद किया जा रहा है? यह भारत के किसी भी राज्य में संप्रेषण की भाषा नहीं है. कोई भी इसे नहीं बोल रहा है. हालांकि ओम बिरला ने उनके ऐतराज को खारिज करते हुए कहा, "आप किस मुल्क में रह रहे हैं? भारत की मूल भाषा संस्कृत रही है. आपको संस्कृत पर ऐतराज क्यों हुई? हम तो सभी 22 भाषाओं में रूपांतरण की बात कर रहे हैं.?"
उर्दू के कद्रदानों में ख़ुशी
वहीँ, उर्दू को भी इसमें जगह दिए जाने पर देश के उर्दू बोलने और समझने वाले लोगों ने ओम बिरला के इस फैसले का स्वागत किया है. मुल्क में इस वक़्त कई राज्यों में उर्दू दूसरे स्तर की राज्य भाषा है, और करोड़ों लोग उर्दू लिखते- बोलते और समझते हैं. सिर्फ भारत में ही लगभग 6 करोड़ लोग उर्दू बोलने और समझने में सक्षम है. बिहार, झारखण्ड, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, आन्ध्र प्रदेश, कर्नाटक और जम्मू कश्मीर की ये आधिकारिक सरकारी भाषा है. पाकिस्तान की ये राष्ट्रीय भाषा है. दुनिया में बोली और समझी जाने वाली ये १०वीं सबसे बड़ी भाषा है. भारत और पकिस्तान के अलावा ब्रिटेन, कनाडा, अमेरिका और कुछ खाड़ी देशों में भी उर्दू बोली और समझी जाती है.