Stretch marks: स्ट्रेच मार्क्स होने से पहले स्किन पतली और गुलाबी हो जाती है और वहां खुजली सी होती है. खुजली करने से ये बढ़ता जाता है. ये चोट के निशान की तरह दिख सकते हैं.
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How to remove Stretch marks: महिलाओं के शरीर पर स्ट्रेच मार्क यानी त्वचा पर लाल या सफेद निशान और धारियां पड़ जाना एक आम समस्या है. खास तौर पर गर्भावस्था, वजह बढ़ने या कम होने पर महिलाओं के पेट, कमर, जांघ और कूल्हों पर ऐसे निशान उभर आते हैं. आम तौर पर ऐसे निशानों में कोई दर्द, सूजन या जलन जैसी कोई शारीरिक समस्याएं नहीं होती है, लेकिन इसके बावजूद त्वचा के खराब दिखने की वजह से कुछ महिलाओं को इससे दिक्कत होती है. यहां तक कि कुछ महिलाएं इसे बॉडी शेमिंग के तौर पर देखती हैं और इस वजह से वह इसके उल्टे-सीधे उपचारों का सहारा लेने लगती है, जो कई बार फायदे के बजाए नुकसानदेह साबित हो जाता है. हम यहां स्ट्रेच मार्क के कारण और निवारण सहित तमाम पहलुओं पर बात करेंगे.
क्या होता है स्ट्रेच मार्क ?
स्ट्रेच मार्क एक तरह का निशान होता है. दरअसल, जिस्म में अचानक से परिवर्तन कोलेजन और इलास्टिन के टूटने का कारण बनता है जो स्ट्रेच मार्क के रूप में नज़र आता है. हर कोई अपनी स्किन पर इन पतले-पतले मार्क को देख और महसूस कर सकता है. स्ट्रेच मार्क के पीछे कई हार्मोनल गड़बड़ियां भी काम करती हैं. साथ ही अगर आपके परिवार में लोगों को स्ट्रेच मार्क्स होते रहे हैं, तो इस बात का ख़तरा ज़्यादा है कि ये आपको भी हो सकता है.
कैसे बढ़ते हैं स्ट्रेच मार्क्स
स्ट्रेच मार्क्स होने से पहले स्किन पतली और गुलाबी हो जाती है और वहां खुजली सी होती है. खुजली करने से ये बढ़ता जाता है. ये चोट के निशान की तरह दिख सकते हैं. शुरुआत में ये लकीरें हल्की उभरी हुई और झुर्रियों सी लगती हैं. जैसे ही ये सीधे होते जाते हैं, वो हल्के होते हुए सफ़ेद रंग के हो जाते हैं.
स्ट्रेच मार्क्स कब होते हैं?
प्रेगनेंसी
ज्यादातर स्ट्रेच मार्क्स प्रेगनेंसी के बाद होते हैं, प्रेगनेंसी में ज्यादातर महिलाओं को इस परेशानी की शिकायत होती हैं. प्रेगनेंसी के दौरान जिस्म में कई तरह के बदलाव होते हैं. जैसे आपका बच्चा बढ़ता है और आपकी स्किन खिंचती है, आपके पेट पर स्ट्रेच मार्क्स हो सकते हैं. और डिलीवरी के बाद भी ये स्ट्रेच मार्क्स जिस्म पर रह जाते है.
पीरियड्स के दौरान
कहा जाता है कि पीरियड्स के दौरान भी स्ट्रेच मार्क्स होने का खतरा बढ़ जाता है. पीरियड्स में खुजली की शिकायत होती है, और इसी दौरान ये दिक्कत सामने आती है. ये मार्क्स ज्यादातर पेट, जांघों, कन्धा और ब्रेस्ट पर होते हैं. इसलिए पीरियड्स के दौरान मार्क्स वाली जगह पर खुजली करने को मना किया जाता है. इस दौरान जितना हो सके मार्क्स वाली जगह पर हाथ न लगाएं.
वजन बढ़ना
आपको स्ट्रेच मार्क्स हो सकते हैं अगर आपने थोड़े वक़्त में ही बहुत वज़न बढ़ा लिया है, फ़िर ये कई बार वजन घटने के बाद भी रह जाते हैं, लेकिन धीरे-धीरे हल्के हो जाते हैं. लगातार डाइटिंग से भी स्ट्रेच मार्क्स हो जाते हैं क्यूँकि वजन बढ़ता और घटता रहता है. अगर आप अपना वजन कम करना चाहते हो तो, इसे धीरे-धीरे कर करें जिससे स्किन पर ज़ोर ना पड़े.
किसी बीमारी के कारण
मेडिकल ज़बान में ये भी कह सकते हैं कि कई बार स्ट्रेच मार्क्स का ताल्लुक सिंड्रोम जैसे कुशिंग सिंड्रोम या मार्फन सिंड्रोम के कारण भी हो सकते हैं. जब जिस्म ज़रूरत से ज़्यादा कोर्टिसोल हॉर्मोन बनाता है तो कुशिंग सिंड्रोम हो जाता है जिसे स्ट्रेच मार्क्स की वजह मानी जाती है.
स्ट्रेच मार्क्स के इलाज
स्ट्रेच मार्क्स कई तरह के होते हैं, कुछ अलग से नज़र नहीं आते हैं और वक़्त के साथ हल्के भी पड़ जाते हैं. और कुछ ऐसे भी होते हैं जो स्थाई हो सकते हैं ऐसे में इसका इलाज बहुत जरूरी है.
क्रीम, जेल और लोशन
क्रीम्स, जेल और लोशन्स की कंपनियां दावा करती हैं कि इससे स्ट्रेच मार्क्स हटाए जा सकते हैं. मगर इनसे शायद ही स्ट्रेच मार्क्स होने से रुक सकते हैं, या उन्हें हल्का कर सकते हैं .ये प्रोडक्ट्स दरअसल स्किन को मुलायम बनाने के लिए हैं और फार्मेसी, सुपर मार्केट्स और मेडिकल और कॉस्मेटिक की दुकानों पर मिल जाते हैं.
कामोफ्लॉज
कॉस्मेटिक कामोफ्लाज दवाई की दुकानों पर मिल जाते हैं. इनका इस्तेमाल स्किन के उन छोटे हिस्सों पर किया जा सकता है जो जहां पर स्ट्रेच मार्क्स हों.
कॉस्मेटिक सर्जरी
स्ट्रेच मार्क्स के लिए कॉस्मेटिक सर्जरी महंगी है और इसको हर कोई अफोर्ड नहीं कर सकता है. अगर आपके पेट पर स्ट्रेच मार्क्स हैं और बहुत ज़्यादा ढीली स्किन है, तो शायद आपकी एब्डोमिनोप्लास्टी की जा सकती है. यह एक तरह की कॉस्मेटिक सर्जरी है जो ज़्यादा वसा और स्किन हमारे पेट से निकालती है और नाभि के नीचे के स्ट्रेच मार्क्स से छुटकारा दिलाता है.
लेज़र थेरेपी
लेज़र थेरेपी पूरी तरह से स्ट्रेच मार्क्स को नहीं हटा पाती है, लेकिन ये उन्हें हल्का करने में मदद कर सकती है.कई तरह की लेज़र थेरेपी मार्क्स के ईलाज के लिए इस्तेमाल होती है. पल्स्ड डाई लेज़र इलाज, एक लेज़र इलाज जो मोजूद है. इसमें दर्द नहीं होता है और इसे शुरुआत में इस्तेमाल कर सकते हैं. स्ट्रेच मार्क्स के इलाज के लिए कई जगह पर घरेलू नुस्खे भी बताए गए हैं. इन सभी इलाज को अप्लाई करने से पहले एक बार किसी डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है.
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