5G Network: सखलेचा ने कहा, मुझे लगता है कि प्रदेश में डेढ़ से दो साल में 5G नेटवर्क उपलब्ध हो जाएगा. एमपी राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम की तरफ से बताया गया कि राज्य की 5जी पॉलिसी केंद्र सरकार के दिशानिर्देशों और उद्योग जगत के सुझावों के आधार पर तैयार की गई है.
- 5G Network in MP: मध्य प्रदेश में तेजी से 5जी नेटवर्क (5G Network) के विस्तार के लक्ष्य के साथ राज्य सरकार ने अपनी नीति पेश कर दी है. इस नीति में दूरसंचार सेवा प्रदाताओं (Telecom Service Providers) इंटरनेट सेवा प्रदाताओं और बुनियादी ढांचा बनाने वाली कंपनियों को 5जी सर्विस के विस्तार के लिए जल्द सरकारी मंजूरियां देने पर खास जोर दिया गया है. अधिकारियों की तरफ से यह जानकारी दी गई.
- ढांचा विकसित करने में कंपनियों को मदद मिलेगी
- राज्य के विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा ने बताया, ‘हम चाहते हैं कि प्रदेश में 5जी का नेटवर्क तेजी से फैले. इसके लिए हमने 5जी पॉलिसी पेश की है. इस नीति से 5जी सर्विस का बुनियादी ढांचा विकसित करने में संबंधित कंपनियों को मदद मिलेगी.’ उन्होंने बताया कि 5जी पॉलिसी में प्रावधान किया गया है कि दूरसंचार सर्विस प्रदाताओं, इंटरनेट सेवा प्रदाताओं और बुनियादी ढांचा विकसित करने वाली कंपनियों को अगर तय समयसीमा में सरकारी मंजूरी नहीं मिली, तो मान लिया जाएगा कि उन्हें यह हरी झंडी मिल गई है.
- 5जी नेटवर्क का तेजी से विस्तार होगा
सखलेचा ने कहा, ‘मुझे लगता है कि पूरे प्रदेश में डेढ़ से दो साल के अंदर 5जी नेटवर्क उपलब्ध हो जाएगा.’ मध्य प्रदेश राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम (MPSEDC) के प्रबंध निदेशक अभिजीत अग्रवाल ने बताया कि राज्य की 5जी नीति केंद्र सरकार के दिशानिर्देशों और उद्योग जगत के सुझावों के आधार पर तैयार की गई है. अग्रवाल ने कहा कि इस नीति से अगले छह माह में खासकर शहरी क्षेत्रों में 5जी नेटवर्क का तेज विस्तार होगा.
- 60 दिन के अंदर निपटारा किया जाएगा
अधिकारियों ने इस नीति के हवाले से बताया कि सरकारी जमीन या संपत्ति पर 5जी नेटवर्क का आधारभूत तंत्र खड़ा करने के लिए दूरसंचार सेवा प्रदाताओं, इंटरनेट सेवा प्रदाताओं और बुनियादी ढांचा कंपनियों के आवेदनों का लाइसेंस प्राधिकारी द्वारा 60 दिन के भीतर निपटारा किया जाएगा, जबकि निजी जमीन या संपत्ति के मामले में ऐसी अर्जियों पर महज तीन दिन के भीतर फैसला किया जाएगा.
- उन्होंने बताया कि अगर तय समयसीमा में इन आवेदनों का निपटारा नहीं किया गया, तो मान लिया जाएगा कि आवेदकों को संबंधित मंजूरियां मिल गई हैं और तय पोर्टल पर उनके नाम लाइसेंस भी जारी हो जाएंगे. (भाषा)